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    क्या होता है टॉन्सिल, जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव

    By Pravin KumarEdited By:
    Updated: Sun, 11 Jul 2021 08:58 PM (IST)

    विशेषज्ञों की मानें तो टॉन्सिल गले का अहम हिस्सा होता है। यह गले के दोनों तरफ होता है। टॉन्सिल का प्रमुख कार्य बाह्य संक्रमण से शरीर की रक्षा करना है। आसान शब्दों में कहें तो टॉन्सिल जीवाणुओं को शरीर में प्रवेश करने से रोकता है।

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    टॉन्सिल की समस्या होने पर सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें।

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। बरसात के मौसम में सर्दी-खांसी और जुकाम का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही मच्छरों के काटने से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और ज़ीका वायरस का भी डर रहता है। इस मौसम में सेहत की उचित देखभाल करें। डॉक्टर भी बरसात के दिनों में मौसमी बुखार सहित सर्दी-खांसी और जुकाम से बचाव के लिए रोजाना काढ़ा पीने की सलाह देते हैं। वहीं, हमेशा गले में खराश रहता है, तो इसे इग्नोर न करें। यह टॉन्सिल यानी इंफेक्शन हो सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो गलत खानपान और साफ-सफाई में कमी के चलते टॉन्सिल की बीमारी होती है। इसके लिए डॉक्टर से तत्काल सलाह लें। साथ ही टॉन्सिल की समस्या को दूर करने के लिए इन उपायों को जरूर करें। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    टॉन्सिल क्या है

    विशेषज्ञों की मानें तो टॉन्सिल गले का अहम हिस्सा होता है। यह गले के दोनों तरफ होता है। टॉन्सिल का प्रमुख कार्य बाह्य संक्रमण से शरीर की रक्षा करना है। आसान शब्दों में कहें तो टॉन्सिल जीवाणुओं को शरीर में प्रवेश करने से रोकता है। इसमें किसी भी प्रकार के इंफेक्शन होने से टॉन्सिल बढ़ने लगता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को बातचीत करने में दिक्कत होती है। बच्चे टॉन्सिल संक्रमण के अधिक शिकार होते हैं।

    टॉन्सिल की समस्या से बचाव

    टॉन्सिल की समस्या होने पर सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें। साथ आप कुछ घरेलू उपाय कर सकते हैं। इसके लिए आप जौ का उपयोग करें। जौ के इस्तेमाल से टॉन्सिल संक्रमण को कम किया जा सकता है। रात में सोने से पहले एक कप जौ को साफ़ पानी में भिगोकर रख दें। अगली सुबह को जौ छानकर पानी पिएं। वहीं जौ को पीसकर गले पर लगा सकते हैं। इससे टॉन्सिल संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है। साथ ही नमक पानी से गरारा करना भी फायदेमंद होता है। दही का सेवन करें और ग्रीन टी पिएं।

    डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।