Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या आप भी फूड एडिक्शन और क्रेविंग को मानते हैं एक, तो यहां समझें दोनों में अंतर

    Updated: Tue, 10 Sep 2024 07:38 AM (IST)

    food addiction and cravings दो अलग-अलग चीजे हैं जिन्हें अक्सर कई लोग एक ही समझ लेते हैं। किसी चीज को खाने की तेज इच्छा फूड एडिक्शन कहलाती है जबकि क्रे ...और पढ़ें

    Hero Image
    क्या है फूड एडिक्शन और क्रेविंग में अंतर (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। किसी चीज को खाने की अचानक तेज तलब और तीव्र इच्छा एडिक्शन या नशा कहलाती है। ऐसे एडिक्शन तो कई प्रकार के होते हैं जैसे शराब, सिगरेट, ड्रग्स आदि, लेकिन आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि फूड एडिक्शन नाम की भी कोई चीज होती है। इसकी जानकारी के अभाव में कई लोग इससे जूझते हैं और इससे निपटने के तरीके नहीं अपना पाते हैं। वहीं, कुछ लोग फूड एडिक्शन को ही क्रेविंग मान लेते हैं, जबकि दोनों एक-दूसरे से काफी अलग होते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानेंगे फूड एडिक्शन और क्रेविंग में अंतर-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या है फूड एडिक्शन?

    फूड एडिक्शन एक ऐसा ईटिंग डिसऑर्डर है, जिसे आसान शब्दों में कहें, तो जब खाना मात्र एक जरूरत और एनर्जी देने का जरिया नहीं, बल्कि आनंद और मानसिक सुकून के लिए आहार बन जाए, जो अनियंत्रित होकर हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने लगे तो, ये फूड एडिक्शन कहलाता है। ऐसा खाने में मौजूद एडिटिव या किसी विशेष डाइटिंग के कारण हो सकता है। जब इंसान फूड एडिक्शन से गुजरता है, तो इसके लिए खाना ही ड्रग के समान हो जाता है।

    यह भी पढ़ें-  Weight Loss जर्नी के आड़े आ रही है क्रेविंग, तो इन प्रभावी तरीकों से करें इसे कंट्रोल

    फूड एडिक्शन के लक्षण

    • आप हर समय कुछ न कुछ खाने का खोजते रहते हैं और खाते रहते हैं।
    • खाने का विचार आपके दिमाग से बाहर ही नहीं निकलता है। एक मील लेने के बाद आप तुरंत कुछ और खाने के बारे में सोचने लगते हैं।
    • आप खाना छुपाने लगते हैं, जिससे वह किसी और के हाथ न लगे।
    • आपने कितना खाया इस बात को पूछने पर आप व्यथित होते हैं और फिर झूठ बोलते हैं।
    • अपनी बिंज ईटिंग को पूरा करने के लिए आप किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं।
    • आपकी खाने की आदतें आपकी शरीर, आपका जीवन और आपके रिश्ते तक प्रभावित करने लगती है।
    • एक बार खाना शुरू करने पर उसे और भी खाते रहने की इच्छा होती है।

    क्रेविंग क्या होती है?

    क्रेविंग एक ऐसी पावरफुल इच्छा होती है, जिसमें अक्सर अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड जैसे चॉकलेट या आइसक्रीम खाने की इच्छा होती है। ऐसा अक्सर तब होता है, जब शरीर में या तो न्यूट्रिएंट की कमी होती है, ब्लड शुगर असंतुलित होता है या फिर स्ट्रेस या एंग्जायटी होती है। इससे एनर्जी बूस्ट के लिए, न्यूट्रिएंट की कमी को पूरा करने के लिए या फिर डोपामिन हिट के लिए शरीर क्रेविंग के सिग्नल देता है।

    ये टेंपरेरी होता है और किसी खास स्थिति से ट्रिगर होता है, जैसे स्ट्रेस या हार्मोनल असंतुलन। क्रेविंग फूड एडिक्शन का एक हिस्सा मात्र है। जबकि फूड एडिक्शन अपने आप में एक बीमारी है, एक फूड डिसऑर्डर है, जिसकी पहचान करना बेहद जरूरी है।

    क्या ज्यादा हानिकारक?

    स्वस्थ शरीर के लिए फूड एडिक्शन और क्रेविंग दोनों ही नुकसानदायक है। इसलिए बेहतर यही होगा कि न्यूट्रिशन से भरपूर डाइट लें। लंबे समय तक भूखा न रहें, अल्ट्रा प्रोसेस्ड स्नैक्स जितना हो सके कम खाएं, अपने वातावरण और मूड के हिसाब से खाना बंद करें। बस इसलिए न खाएं, क्योंकि आप कोई मूवी देख रहे हैं या फिर मौसम अच्छा है। भूख लगने पर ही खाएं।

    यह भी पढ़ें-   एडिक्शन से कम नहीं है टेक्नोलॉजी का ओवरयूज, यहां समझें यूथ की Mental Health पर इसका असर

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।