Stroke: स्ट्रोक क्या है और इसकी पहचान तुरंत कैसे करें?
Stroke खराब होती लाइफस्टाइल की वजह से लोग कई तरह की समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। स्ट्रोक इन्हीं समस्याओं में से एक है। यह एक गंभीर समस्या है जो अक्सर स्मोकिंग ज्यादा शराब का सेवन खराब डाइट शारीरिक गतिविधियों में कमी मोटापा आदि की वजह से हो सकता है। इसके अलावा पारिवारिक इतिहास भी इसकी एक मुख्य वजह है।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। Stroke: बदलती लाइफस्टाइल ने शरीर में बीमारियों के खतरे को बढ़ा दिया है। कौन सी बीमारी कब दस्तक देकर हमारे जीवन को प्रभावित करेगी, हमें पता नहीं होता। स्ट्रोक अथवा पक्षाघात एक ऐसी बीमारी है, जिसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह एक आम बीमारी है और एक इमरजेन्सी भी। प्रत्येक 40 सेकंड में विश्व में एक स्ट्रोक होता है एवं प्रत्येक चार व्यक्तियों में एक कभी न कभी स्ट्रोक से पीड़ित होता है। विश्व में ह्रदय रोगों के बाद यह बीमारी सबसे अधिक मृत्यु का कारण है एवं पीड़ित व्यक्ति में अपंगता भी एक मुख्य लक्षण है।
मुख्य रूप से स्ट्रोक मस्तिष्क में खून ले जाने वाली नलियों के बंद होने अथवा फटने से होता है। 85 प्रतिशत स्ट्रोक नलियों के बंद होने से होता है और इसकी त्वरित जांच एवं निदान संभव है, यदि यह निदान समयबद्व तरीके से होता है। यह समय 4 1/2 घंटे में एक इंजेक्शन (Thrombolysis) द्वारा दिया जाना चाहिए और विशेष परिस्थितियों में कुछ केन्द्रों में समय-सीमा 16-24 घंटे तक बढ़ाई जा सकती है।
स्ट्रोक क्यों होता है?
किसी व्यक्ति को स्ट्रोक क्यों होता है? यह सवाल हमारे मन जरूर होगा। इसमें मुख्य रूप से अनहेल्दी लाइफस्टाइल महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जैसे स्मोकिंग, ज्यादा शराब का सेवन, खराब डाइट, शारीरिक गतिविधियों में कमी, मोटापा आदि शामिल है। इसके अलावा परिवार में किसी को स्ट्रोक हुआ है, तो इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही बढ़ती उम्र के साथ स्ट्रोक के होने का खतरा भी बढ़ता है। ऐसे केस ज्यादातर 65 साल की उम्र के बाद देखने को मिलते हैं। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर भी स्ट्रोक के होने की संभावना को बढ़ा देता है।
ऐसे करें स्ट्रोक की पहचान
स्ट्रोक की पहचान तुरंत होनी चाहिए जोकि FAST के द्वारा किसी भी व्यक्ति द्वारा की जा सकती है। यहां फास्ट में एफ का मतलब है फेस, ए का मतलब है आर्म, एस का मतलब है स्पीच और टी का मतलब है टाइम। ये चारों वर्णमाला चेहरे का टेढ़ा होना, हाथ की कमजोरी, आवाज का बदलना और समय पर बताना को दर्शाते हैं। यह लक्षण किसी भी व्यक्ति में यदि एकाएक हो तो स्ट्रोक समझना चाहिए एवं जल्द से जल्द उसे अस्पताल पहुंचाना चाहिए। सीटी स्कैन अथवा एमआरआई टेस्ट द्वारा इस बीमारी का पता चलता है। स्ट्रोक का समय सीमा पर त्वरित इलाज होना चाहिए, जिसके लिए आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
किन लोगों को हैं स्ट्रोक का खतरा
प्रायः स्ट्रोक ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग, अथवा अनुवांशिक बीमारी, शराब या सिगरेट का सेवन करने वाले या अधिक वजन वाले लोगों का अधिक होता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने खानपान और जीवनशैली पर पूरा ध्यान दें। तनाव को सही से मैनेज करें और नियमित रूप से व्यायाम और ध्यान जरूर करें।
Note:- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।
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