Move to Jagran APP

जापान में कहर बरपा रहा खतरनाक Strep Throat Infections, इन लक्षणों से करें इस जानलेवा बीमारी की पहचान

जापान में बीते कुछ समय से Strep Throat Infections के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। यह एक खतरनाक संक्रमण है जिसे स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है और ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया विशेष रूप से स्ट्रेप्टोकोकस पायोजीन्स के कारण होता है। देरी होने पर यह बीमारी जानलेवा तक हो सकती है। आइए जानते हैं इसके लक्षण और बचाव के तरीके।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Published: Mon, 01 Apr 2024 01:25 PM (IST)Updated: Mon, 01 Apr 2024 01:25 PM (IST)
क्या है जापान में फैल रहा Strep Throat Infections

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। जापान में इन दिनों एक बीमारी ने कोहराम मचा रखा है। यहां स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्ट्रेप थ्रोट इन्फेक्शन (Strep Throat Infections) को लेकर चेतावनी जारी है। देश की राजधानी टोक्यो में पिछले साल की तुलना में इस जानलेवा संक्रमण के मामले तीन गुना हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में पिछले पांच वर्षों में स्ट्रेप्टोकोकस गले के बैक्टीरिया के मामले चार गुना हो गए हैं। यह चिंता का विषय इसलिए है, क्योंकि स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम में मृत्यु दर 30 प्रतिशत तक है। आइए जानते हैं क्या है स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम और इसके लक्षण-

loksabha election banner

यह भी पढ़ें- मामूली न समझें मम्प्स की बीमारी, जो पहुंचा सकती है आपके गले और कान दोनों को नुकसान

क्या है स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम

स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (STSS) ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया, विशेष रूप से स्ट्रेप्टोकोकस पायोजीन्स के कारण होने वाले बैक्टीरियल इन्फेक्शन की एक दुर्लभ लेकिन गंभीर समस्या है। STSS तब होता है जब बैक्टीरिया ब्लड फ्लो में विषाक्त पदार्थों को छोड़ता है, जिससे गंभीर और संभावित रूप से जीवन-घातक स्थिति हो जाती है।

स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के लक्षण

  • तेज बुखार

स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्तियों को अक्सर अचानक और तेज बुखार का अनुभव होता है। इसमें बुखार आमतौर पर 102°F (38.9°C) से ऊपर होता है।

  • हाइपोटेंशन

लो ब्लड प्रेशर या हाइपोटेंशन, भी STSS यानी स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का एक प्रमुख लक्षण है। इससे चक्कर आना या बेहोशी भी हो सकती है।

  • दिल की तेज धड़कन

टैचीकार्डिया या दिल की तेज धड़कन, STSS का एक सामान्य लक्षण है और इसके साथ घबराहट या सीने में दर्द भी हो सकता है।

  • दाने

STSS होने पर त्वचा पर लाल, सनबर्न जैसे दाने विकसित हो सकते हैं, जो अक्सर तेजी से फैलते हैं और समय के साथ ज्यादा नजर आने लगते हैं।

  • मतली और उल्टी

स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम वाले व्यक्तियों को मतली, उल्टी, पेट में दर्द या दस्त जैसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं।

  • कंफ्यूजन या भटकाव

स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के बढ़ने पर मानसिक स्थिति में बदलाव, कंफ्यूजन या भटकाव हो सकता है।

  • ऑर्गन फेलियर

गंभीर मामलों में, STSS किडनी फेलियर, लिवर फेलियर या रेस्पिरेटरी फेलियर सहित कई अंग विफलताओं का कारण बन सकता है।

कैसे करें STSS से बचाव

  • संक्रमण का शीघ्र उपचार

ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमण जैसे स्ट्रेप थ्रोट या त्वचा संक्रमण का जल्द निदान करना और फिर सही इलाज इससे बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। एंटीबायोटिक्स आमतौर पर बैक्टीरिया को खत्म करने और टॉक्सिन्स बढ़ने से रोकने के लिए दिए जाते हैं।

  • घाव की देखभाल

ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के कारण होने वाले स्किन इन्फेक्शन को रोकने के लिए घाव की सही देखभाल और स्वच्छता जरूरी है, जिससे एसटीएसएस विकसित होने का खतरा कम हो जाता है।

  • लक्षणों की निगरानी

जिन व्यक्तियों को हाल ही में ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकल इन्फेक्शन हुआ है, उन्हें बुखार, दाने या लो ब्लड प्रेशर जैसे एसटीएसएस के लक्षणों के प्रति सतर्क रहना चाहिए। लक्षण दिखाई देने पर तुरंत मेडीकल हेल्प लेनी चाहिए।

  • साफ-सफाई का ध्यान रखें

साबुन और पानी से नियमित रूप से हाथ धोने जैसी साफ-सफाई से जुड़ी बातों को ध्यान में रख ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के प्रसार को रोकने और संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

  • निकट संपर्क से बचें

इस संक्रमण से बचने के लिए ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकल इन्फेक्शन के लक्षणों वाले व्यक्तियों के निकट संपर्क से बचें। ऐसा करने से बैक्टीरिया को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी।

  • वैक्सीनेशन

वर्तमान में ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के लिए कोई खास वैक्सीन मौजूद नहीं है, लेकिन अन्य बीमारियों के लिए टीके, जैसे कि फ्लू वैक्सीन, सेकेंडरी बैक्टीरियल इन्फेक्शन के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं, जो एसटीएसएस का कारण बन सकते हैं।

यह भी पढ़ें- Arthritis के दर्द से हो गया है चलना-फिरना मुश्किल, तो इन तरीकों से मिलेगा जल्द आराम

Picture Courtesy: Freepik


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.