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    Scrub Typhus Symptoms & Cure: स्क्रब टाइफस फीवर के बारे में जानते हैं क्या आप? जानिए फैलने का कारण और उपचार

    By Shahina NoorEdited By:
    Updated: Mon, 06 Sep 2021 02:38 PM (IST)

    Scrub Typhus Symptoms Cureयह बुखार खतरनाक जीवाणु ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नामक बैक्ट्रीरिया की वजह से फैलता है। इससे लिवर दिमाग और फेफड़ों में कई तरह का संक्रमण होने का खतरा रहता है। इस बीमारी में भी डेंगू की तरह प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है।

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    स्क्रब टाइफस की वजह से बुखार, सिरदर्द, खांसी और मांसपेशियों में दर्द होने लगता है।

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। सक्रब टाइफस माइट यानि कीड़े के काटने से होने वाला बुखार है, जिसने आजकल यूपी के लोगों को तेज़ी से अपना शिकार बनाया हुआ है। यह बुखार खतरनाक जीवाणु ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नामक बैक्ट्रीरिया की वजह से फैलता है। इससे लिवर, दिमाग और फेफड़ों में कई तरह का संक्रमण होने का खतरा रहता है। इस बीमारी में भी डेंगू की तरह प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है। यह खुद तो संक्रामक नहीं है लेकिन इसकी वजह से शरीर के कई अंगों में संक्रमण फैलने लगता है। आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण और उपचार क्या हैं

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    स्क्रब टाइफस के लक्षण:

    • कीड़े के काटने के दो हफ्ते के अंदर मरीज को तेज बुखार (102-103 डिग्री फारेनहाइट), होता है।
    • सिरदर्द, खांसी, मांसपेशियों में दर्द व शरीर में कमजोरी आने लगती है।
    • आमतौर पर इस बीमारी से पीड़ित 40-50 फीसदी लोगों में कीड़े के काटने का निशान दिखता है। यब निशान गोल और ब्लैक मार्क होता है। आधे से अधिक लोगों में इसके निशान दिखते भी नहीं है।
    • इस बीमारी का इलाज संभव है लेकिन अगर देरी से इसका इलाज किया जाए तो इसका असर बॉडी के कई अंगों पर हो सकता है।
    • इस बीमारी का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है, अगर इस बीमारी का समय पर इलाज नहीं किया जाए तो लंग्स, किडनी और लीवर पर भी इसका असर हो सकता है।
    • इसका समय रहते इलाज नहीं हो तो रोग गंभीर होकर निमोनिया का रूप ले सकता है। कुछ मरीजों में लिवर व किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती जिससे मरीज़ बेहोशी की हालत में चला जाता है। रोग गंभीर होने पर मरीज़ में प्लेटलेट्स की संख्या भी कम होने लगती है।

    किन लोगों को होता है इस बीमारी का खतरा:

    • पहाड़ी इलाके, जंगल और खेतों के आस-पास यह कीड़े ज्यादा पाए जाते हैं। बारिश के मौसम में जंगली पौधे या घनी घास के पास इस कीड़ें के काटने का खतरा अधिक रहता है।
    • ब्लड टेस्ट के जरिए सीबीसी काउंट व लिवर फंक्शनिंग टेस्ट कराया जाता हैं। एलाइजा टेस्ट व इम्युनोफ्लोरेसेंस टेस्ट से स्क्रब टाइफस एंटीबॉडीज का पता लगाते हैं। इसके लिए 7-14 दिनों तक दवाईयां चलती है।
    • इस दौरान मरीज को कम तला-भुना और लिक्विड डाइट लेना चाहिए।
    • जिन लोगों के घर के आसपास यह बीमारी फैली हुई है उन्हें डॉक्टर से हफ्ते में एक बार प्रिवेंटिव दवा लेना चाहिए।

    डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।