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    Premature Puberty: प्रीमैच्योर प्यूबर्टी से इन समस्याओं का शिकार हो सकते हैं बच्चे, ऐसे करें इससे बचाव

    By Harshita SaxenaEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Thu, 12 Jan 2023 06:54 PM (IST)

    कोरोनाकाल के बाद से भी बच्चों खासकर लड़कियों में प्रीमैच्योर प्यूबर्टी के मामले काफी बढ़ने लगे हैं। ऐसे में इस वजह से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आप इन तरीकों से अपने बच्चों को इससे बचा सकते हैं।

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    प्रीमैच्योर प्यूबर्टी से इन समस्याओं के शिकार हो सकते हैं बच्चे

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Premature Puberty: कोरोना महामारी ने हम सभी के जीवन में कई सारे बदलाव किए हैं। इस महामारी की वजह से लोगों में कई तरह के मानसिक और शारीरिक बदलाव देखने को मिले और अब भी मिल रहे हैं। इस दौरान मोटापे और टाइप 2 डायबिटीज में मामलों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली। इसी बीच एक और समस्या इन दिनों बच्चों खासकर लड़कियों में देखने को मिल रही है। बीते कुछ समय में बच्चों में प्रीमैच्योर प्यूबर्टी के मामले काफी ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। तो चलिए जानते हैं इस समस्या से जुड़ी जरूरी बातों के बारे में-

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    प्रीमैच्योर प्यूबर्टी क्या है

    आमतौर पर लड़के और लड़कियों में प्यूबर्टी की शुरुआत 9 से 12 साल के बीच होती है। लेकिन अगर लड़कों में नौ साल की उम्र से पहले और लड़कियों में आठ साल से कम उम्र में प्यूबर्टी की शुरुआत होने लगे, तो इसे 'प्रीमैच्योर प्यूबर्टी' माना जाता है। पोस्ट-कोविड काल में लड़कियों में इसके ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं। लड़कियों में प्यूबर्टी के कुछ लक्षण होते हैं। इनमें से पहला स्तनों का विकास, प्यूबिक एरिया और अंडरआर्म एरिया में बालों का विकास और अंतिम चरण मासिक धर्म की शुरुआत होती है।

    अगर कम उम्र में यह लक्षण आने लगे तो यह प्रीमैच्योर प्यूबर्टी कहलाती है। प्रीमैच्योर प्यूबर्टी की वजह से बच्चों को कई तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। जानते हैं इससे होने वाली कुछ समस्याओं के बारे में-

    ईट‍िंग ड‍िसऑर्डर

    प्रीमैच्योर प्यूबर्टी होने पर बच्चे में ईट‍िंग ड‍िसऑर्डर की समस्‍या भी उत्पन्न होने लगती है। ईट‍िंग ड‍िसऑर्डर से ग्रसित बच्चों को बुल‍िम‍िया यानी ज्‍यादा खा लेने का डर सताने लगता है, जिसकी वजह से वह खाना छोड़ देते हैं या कई बार जरूरत से ज्यादा खाना खाने लगते हैं।

    कद न बढ़ना

    प्रीमैच्योर प्यूबर्टी होने पर कई बार बच्चों की हाइट बढ़ना भी रुक जाती है। दरअसल, शरीर में व‍िटामि‍न की कमी की वजह से कई बार कद न बढ़ने की समस्या होने लगती है। ऐसे में अगर आपको अपने बच्चे में यह लक्षण नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

    मानस‍िक समस्‍याएं

    समय से पहले प्‍यूबर्टी होने की वजह से बच्चे कई बार मानसिक समस्याओं का भी शिकार हो जाते हैं। यह समस्या ज्यादातर लड़कियों में देखने को मिलती है। ऐसे में बच्चों में स्‍ट्रेस, ड‍िप्रेशन, एंग्‍जाइटी आद‍ि समस्‍याएं नजर आने लगती हैं।

    वजन बढ़ना

    प्रीमैच्योर प्यूबर्टी का शिकार हुए बच्चों में वजन बढ़ने की समस्या भी देखने को मिलती है। वजन बढ़ने से बच्चे मानसिक परेशानी से भी जूझने लगते हैं। ऐसे में अगर आपके बच्चों का वजन अचानक बढ़ रहा है, तो उन्हें हेल्दी डाइट देना शुरू कर दें।

    पीयर प्रेशर

    हमउम्र लोगों की वजह से होने वाले दबाव को पीयर प्रेशर कहा जाता है। अगर आपके बच्चे में प्रीमैच्योर प्यूबर्टी नजर आने लगी है, तो इससे उसे पीयर प्रेशर महसूस होने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बच्चे से बात करें और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ की सलाह लें।

    प्रीमैच्योर प्यूबर्टी से बचाव

    • ऐसे बच्चों के लिए जरूरी है कि वह शारीरिक गतिविधियां करें। इसलिए अपने बच्चों को नियमित रूप से एक्‍सरसाइज आदि के लिए प्रेरित करें।
    • डॉक्‍टर्स की मानें तो हेल्‍दी डाइट जैसे व‍िटाम‍िन, म‍िनरल और फाइबर से भरपूर आहार के जरिए बच्चों को अर्ली प्‍यूबर्टी की समस्‍या से बचा सकते हैं।
    • इन दिनों बच्चों में जंक फूड खाने की आदत काफी बढ़ गई है। ऐसे में कोशिश करें कि आप अपने बच्चों को जंक फूड से दूर रखेंष
    • प्‍यूबर्टी की वजह अक्सर बच्चे तनाव से जूझने लगते हैं। ऐसे में कोशिश करें कि आप उन्हें स्ट्रेस फ्री और खुश रहने के लिए प्रेरित करें।
    • अर्ली प्‍यूबर्टी की समस्‍या से बचने के ल‍िए बच्‍चों को इमोशनली, मेंटली और फ‍िज‍िकली मजबूत बनाएं।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik