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    न्यू मॉम कैसे हो जाती हैं इस डिप्रेशन का शिकार? क्या है Postpartum Depression, A to Z समझिए पूरा मामला

    Updated: Sun, 28 Jan 2024 11:41 AM (IST)

    Postpartum Depression प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को मूड स्विंग्स और एंग्जायटी का सामना करना पड़ता है। बता दें डिलीवरी के बाद भी सेहत का ख्याल रखना उतना ही जरूरी होता है। कई न्यू मदर्स में डिप्रेशन एक बड़ी समस्या होती है। ऐसे में कई बार आपको पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन के भी संकेत हो सकते हैं। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं इसके बारे में।

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    पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन के इन संकेतों को न करें इग्नोर

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Postpartum Depression: किसी भी महिला के लिए प्रेग्नेंसी एक खास एक्सपीरिएंस होता है। इस दौरान शरीर में कई तरह के उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। आपने अक्सर बड़े-बुजुर्गों को कहते सुना होगा, 'चिंता मत करो, बच्चे के जन्म के साथ ही सभी तकलीफें दूर हो जाएंगी।' क्या वाकई ऐसा होता है? बता दें, बच्चे के जन्म के बाद भी आपको अपनी हेल्थ को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

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    डिलीवरी के बाद भी अक्सर महिलाओं के मूड स्विंग्स और एंग्जायटी का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी हाल ही में न्यू मॉम बनी हैं या बनने जा रही हैं, तो यहां जान लीजिए डिलीवरी के बाद होने वाले हार्मोनल चेंजेस के बारे में। कई बार पोस्ट डिलीवरी के बाद होने वाला स्ट्रेस और डिप्रेशन अधिक बढ़ जाता है, जिसे मेडिकल भाषा में पोस्टपार्टम डिप्रेशन कहते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

    क्या होता है 'पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन'

    इस स्थिती में महिलाएं अक्सर उदास महसूस करती हैं। यह डिप्रेशन का एक प्रकार है जो बच्चे के जन्म के 1 से 3 हफ्ते बाद शुरू हो जाता है और कई बार 4 से 6 हफ्तों तक रहता है या इससे लंबा भी चल सकता है। इसलिए जरूरी है कि समय रहते डॉक्टर से सलाह लेकर इससे छुटकारा पा लिया जाए। किसी महिला में पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन के लक्षणों का पता लगाना मुश्किल हो सकता है। कई बार महिलाएं इससे जुड़े लक्षणों को भी इग्नोर कर देती हैं, जो कि सही नहीं है। आइए जानें इस डिप्रेशन के महिलाओं में कुछ आम लक्षण।

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    ये हो सकते हैं लक्षण

    -मूड स्विंग्स और एंग्जायटी

    -स्लीपिंग शेड्यूल बिगड़ जाना

    -लंबे समय तक सिरदर्द

    -भूख में बदलाव

    -सुस्त महसूस होना

    -कामेच्छा में कमी

    -अपने बच्चे में रुचि न होना

    -अपने बच्चे को चोट पहुंचाने के ख्याल आना

    -आत्महत्या के विचार मन में आना

    पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन के कारण

    -कम उम्र में प्रेग्नेंसी

    -खराब वैवाहिक संबंध

    -फैमिली हिस्ट्री

    -सिंगल पैरंट्स

    -प्रेग्नेंसी के बारे में अस्पष्टता

    -जुड़वा बच्चे होना

    क्या है ट्रीटमेंट?

    पार्टनर हो या आपका न्यू बॉर्न बेबी, इस डिप्रेशन से ग्रसित होने पर आपको दोनों से बॉन्ड बनाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसका असर आपकी मैरिड लाइफ पर भी पड़ता है। ऐसे में इन लक्षणों को अनदेखा करने की बजाय आपको घबराए बिना, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा घर से बाहर दोस्तों या फैमिली के साथ वक्त बिताएं, लोगों से मिले जुलें। साथ ही, डिलिवरी के बाद खत्म हुई एनर्जी को वापस पाने के लिए सही डायट लेना भी जरूरी है।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik