High Cholesterol: क्या होता है लिपिड प्रोफाइल टेस्ट, जो बचा सकता है आपको दिल की बीमारियों से
High Cholesterol हृदय रोग के जोखिम का आकलन करने में लिपिड प्रोफाइल टेस्ट एक जरूरी परीक्षण है। इस परीक्षण के बाद आए परिणाम बताते हैं ब्लड में कोलेस्ट्रॉल की बढ़ी हुई मात्रा। जिसके बाद डॉक्टर आपको हेल्दी डाइठ और लाइफस्टाइल से इसे कंट्रोल करने की सलाह देते है। आइए जानते हैं इस टेस्ट से जुड़ी कुछ जरूरी बातें। स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। High Cholesterol: ओवर ऑल हेल्थ को दुरुस्त रखने के लिए हार्ट का हेल्दी रहना सबसे ज्यादा जरूरी है और आपका हार्ट हेल्दी है या नहीं, इसे जानने के लिए समय-समय पर लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करवाते रहना दूसरा जरूरी स्टेप है। लिपिड प्रोफाइट टेस्ट के जरिए ये पता चलता है कि आपके शरीर में फैट या वसा की कितनी मात्रा ब्लड में है। वसा कई अलग-अलग रूपों में हमारे शरीर में मौजूद होती है, तो इन सभी रूपों की माप को लिपिड प्रोफाइट टेस्ट कहते हैं। वसा में मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स होता है. ये फैट कोशिकाओं की स्वस्थ रखने के लिए जरूरी होता है, लेकिन इनका बैड फॉर्म खून की धमनियों को ब्लॉक करने लगता है और उसमें सूजन की वजह बनने लगता है। जिस वजह से हार्ट अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाता, जिससे दिल के बीमारियों की होने की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट क्या है?
लिपिड प्रोफ़ाइल परीक्षण एक रक्त परीक्षण है जो आपके रक्तप्रवाह में मौजूद विभिन्न प्रकार के लिपिड या वसा के स्तर को मापता है। यह आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर और हृदय के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले अन्य महत्वपूर्ण लिपिड मार्करों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है।
यह क्यों है जरूरी?
कुछ लिपिड के ज्यादा स्तर, विशेष रूप से कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड, आपको हृदय रोग होने का जोखिम बढ़ा सकते हैं। लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट के द्वारा ही डॉक्टर आपके हार्ट के हेल्थ का पता लगा सकते हैं और अगर किसी तरह की कोई समस्या है, तो समय रहते उसके इलाज को सजेस्ट कर सकते हैं।
लिपिड प्रोफ़ाइल टेस्ट से मिलती है इन चीज़ों की जानकारी
• एलडीएल कोलेस्ट्रॉल: एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को अक्सर खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। एलडीएल के अधिक स्तर के कारण आपकी धमनियों में प्लाक जमा हो सकता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है।
• एचडीएल कोलेस्ट्रॉल: एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को अच्छे कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह आपकी धमनियों से अतिरिक्त एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम कम हो जाता है।
• ट्राइग्लिसराइड: ट्राइग्लिसराइड आपके रक्त में मौजूद वसा का एक अन्य रूप है। ट्राइग्लिसराइड का अधिक स्तर हृदय रोग के अधिक बढ़े हुए जोखिम से जुड़ा है।
• एलडीएल/एचडीएल अनुपात: इस अनुपात में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर की तुलना एचडीएल कोलेस्ट्रॉल से की जाती है। अपेक्षाकृत अधिक अनुपात हृदय रोग के बड़े जोखिम की ओर इशारा करता है।
टेस्ट की तैयारी
सटीक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए, हेल्थ एक्सपर्ट द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन करना जरूरी है। इसमें परीक्षण से पहले एक निश्चित अवधि के लिए आमतौर पर 9-12 घंटे का उपवास शामिल हो सकता है, क्योंकि भोजन का सेवन लिपिड स्तर को प्रभावित कर सकता है।
कोलेस्ट्रॉल कम रखने के लिए जरूरी कदम
आपके लिपिड प्रोफ़ाइल रिजल्ट के आधार पर, हेल्थ एक्सपर्ट आपके कोलेस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रण में रखने के लिए लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव करने की सिफारिश कर सकता है या दवा लिख सकता है। जीवनशैली में बदलाव लाने में हृदय के अनुकूल स्वस्थ आहार का सेवन करना, अधिक शारीरिक व्यायाम और अगर जरूरी हो तो वजन कम करना, धूम्रपान छोड़ना और शराब का सेवन कम करना शामिल हो सकता है।
(डॉ. राजेश बेंद्रे, लैब प्रमुख, न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स से बातचीत पर आधारित)
Pic credit- freepik

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