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    Hemorrhagic Dengue: सबसे ख़तरनाक होता है डेंगू हैमरेजिक बुखार, जानें इसके लक्षण

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Sat, 05 Sep 2020 09:09 AM (IST)

    Hemorrhagic Dengue रक्तस्रावी डेंगू में चमड़ी पीली और ठंडी पड़ जाती हैं। नाक दांत मुंह और मसूड़ों में से खून आता है। फेफड़ों और पेट में पानी भर जाता है जिससे दर्द शुरू हो जाता है।

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    Hemorrhagic Dengue: सबसे ख़तरनाक होता है डेंगू हैमरेजिक बुखार, जानें इसके लक्षण

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Hemorrhagic Dengue: डेंगू एक जानलेवा बीमारी है जो मच्छरों के काटने से होती है। डेंगू से संक्रमित व्यक्ति को बहुत तेज़ बुखार चढ़ जाता है, यहां तक कि ये जानलेवा भी साबित हो जाता है। डेंगू की बीमारी एडीज़ नामक मच्छर के काटने से होती है, जो डेंगू नामक विषाणु के रक्त में प्रवाह होने पर होती है। डेंगू कभी-कभी इतना ख़तरनाक हो जाता है कि इस कारण से खून बहना भी शुरू हो जाता है और तेज़ बुखार भी आ जाता है। इसी वजह से डेंगू को रक्त्स्त्रावी बुखार कहते हैं। इसका दूसरा नाम है डेंगू हैमरेजिक बुखार यानी DHS।

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    डेंगू रक्तस्रावी बुखार के लक्षण 

    रक्तस्रावी डेंगू में शरीर की चमड़ी पीली और ठंडी पड़ जाती हैं। नाक, दांत, मुंह और मसूड़ों में से खून आने लग जाता है। फेफड़ों और पेट में पानी भर जाता है जिससे पेट में असहनीय दर्द भी शुरू हो जाता है। रक्त में प्लेटेलेट्स की संख्या भी काफी कम हो जाती है, जिससे बहुत ज़्यादा कमज़ोरी का अहसास होता है। सांस लेने में भी तकलीफ का सामना करना पड़ता है और गले में भी खराश रहती है। कभी-कभी तो खून की उल्टियां भी शुरू हो जाती हैं। चमड़ी पर घाव और रेशेज़ होने लगते हैं। जी घबराना और बैचेनी जैसे लक्षण भी आपको देखने को मिलेंगे। इसके साथ-साथ ही रक्तचाप में भी कमी आ जाती है। इसमें सामान डेंगू के लक्षणों के साथ कुछ अलग लक्षण भी दिखते हैं। 

    डेंगू रक्तस्रावी के मरीज़ों के लिए ज़रूरी हिदायतें

    नॉर्थ दिल्ली अस्पताल अधीक्षक डॉ. जय प्रकाश का कहना है कि ऐसे मामलों में मरीज़ों को ज़्यादातर हिदायतें दी जाती हैं कि वे जल्द से जल्द चिकित्सकों से परामर्श लें। मरीज़ को हर घंटे संभालना चाहिए और उसे कुछ तरल पदार्थ या ओआरएस भी देना चाहिए। इस समय आईवी थेरेपी भी मरीज़ों के कारगार साबित हो सकती है। खून में प्लेटलेट्स की कमी पूरी करने के लिए गिलोय का सेवन कर सकते हैं साथ ही साथ अपने खान पान का भी ध्यान रखना चाहिए। अगर मामला कुछ ज़्यादा हो गया है, तो मरीज़ की दशा में सुधार करने के लिए डेक्स्ट्रान या प्लाज्मा दिया जाना चाहिए। अगर Hematocrit में गिरावट आती है >20%, तो ताज़ा खून दिया जाना चाहिए।

    बुखार में डिस्परीन या एसपरिन नहीं दी जानी चाहिए। इस समय मरीज़ों के पेट में नली नहीं डालनी चाहिए। स्टेरोइड तो किसी भी हालत में नहीं देना चाहिए और जब तक ज़रूरत न हो तब तक खून भी नहीं चढ़ाना चाहिए। ज़्यादा ज़रूरत पड़ने पर ग्लूकोज़ चढ़ा सकते हैं।

    डॉ. प्रकाश ये भी बताते है कि डेंगू रक्तस्रावी या डेंगू हैमरेजिक बुखार, सामान्य डेंगू बुखार जैसा ही होता है, लेकिन डेंगू रक्तस्रावी बुखार में रोगी के शरीर के कई हिस्सों से खून आने लग जाता है, जिससे वह बहुत घबरा जाता है, और इसलिए यह समस्या बहुत ही गंभीर दिखाई देती है। इस समय रोगी का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए और उसको फिर से मच्छर नहीं काट ले, इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए अन्यथा यह थोड़ी सी लापरवाही रोगी के जान पर भी आ सकती है।