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    Guillain Barre Syndrome: क्या है गुलियन बैरे सिंड्रोम, जो बन सकता है पैरालिसिस का कारण?

    By Ruhee ParvezEdited By: Ruhee Parvez
    Updated: Mon, 17 Jul 2023 04:08 PM (IST)

    Guillain Barre Syndrome गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) की कारणों का अभी तक सबूत नहीं मिल सका है हालांकि इसको लेकर कई शोध किए गए हैं। यह कहा जा सकता है कि यह बीमारी श्वास संबंधी या गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल में संक्रमण की वजह से होती है। ये भी कहना गलत नहीं होगी कि GBS वैक्सीन के वजह से भी इसका खतरा बढ़ जाता है.

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    Guillain Barre Syndrome: क्या है गुलियन बैरे सिंड्रोम?

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Guillain Barre Syndrome: पेरू की सरकार ने हाल ह एक बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्टेट में तीन महीने के लिए नेशनल ईमरजेंसी घोषित कर दी है। ऐसा गुलियन बैरे सिंड्रोम (Guillain Barre Syndrome) नाम की गंभीर बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए किया गया, जो एक तरह की न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो शरीर के नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। इस बीमारी में मरीज मांसपेशियों में दर्द और सांस लेने से जुड़ी दिक्कतों का सामना करता है। गंभीर मामलों में व्यक्ति पूरी तरह से पैरालाइज़्ड भी हो सकता है। 

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    साल 2019 में भी, पेरू में इसी तरह की समस्या देखी गई थी, जब campylobacter नाम का एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन तेजी से फैला था।

    क्या है गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS)?

    गुलियन बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम, जो आमतौर पर बीमारियों से बचाता है, अचानक शरीर को ही अटैक करना शुरू कर देता है। इसी वजह से इसे ऑटो इम्यून डिसऑर्डर कहा जाता है। 

    आसान भाषा में कहें, तो इस सिंड्रोम से जूझ रहा एक व्यक्ति को बोलने में, चलने में, निगलने में, मल त्यागने में या रोज की आम चीजों को करने में दिक्कत आती है। यह स्थिति समय के साथ और खराब होती जाती है। जिससे व्यक्ति का शरीर पैरालाइज हो जाता है।

    गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) के लक्षण क्या हैं?

    गुलियन बैरे सिंड्रोम के पहले लक्षणों में शरीर में झुनझुनी महसूस होना है। इसके अलावा पैरों में कमजोरी महसूस होना जो फैलकर चेहरे की मूवमेंट तक पहुंच जाती है। चलने में दिक्कत आना, दर्द होना और गंभीर मामलों में पैरालिसिस हो जाना।

    कैसे होता है गुलियन बैरे सिंड्रोम?

    वैज्ञानिकों को अभी तक गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) होने के पीछे की वजहों का पता नहीं चल सका है। हालांकि, आमतौर पर यह बीमारी एक व्यक्ति को तब होती है, जब वह हाल ही में संक्रमण से रिकवर हुआ हो। वैक्सीनेशन इसकी वजह नहीं हो सकती। GBS को साइटोमेगालोवायरस, एप्सटीन बार वायरस, जीका वायरस और यहां तक कि कोविड-19 महामारी से भी जोड़ा जा चुका है।  

    गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) क्या का कोई उपचार है?

    गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) होने पर मरीज की हालत दो हफ्तों तक खराब होती चली जाती है। चार हफ्तों के बाद लक्षण कम होने लगते हैं, जिसके बाद रिकवरी शुरू होती है। रिकवरी में 6 से लेकर 12 महीनों तक का समय लग सकता है। कई मामलों में मरीज को तीन साल भी लगे हैं।

    फिलहाल, गुलियन बैरे सिंड्रोम का कोई उपचार नहीं हैं, लेकिन इसके उपचार के लिए प्लाज्मा फोरेसिस औऱ हाई इन्युनोग्लोबलिन थेरेपी दी जाती है। पैरालिसिस सिर्फ हाथों और पैरों को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि नर्वस सिस्टम के महत्वपूर्ण हिस्सों को भी करता है, जो सांस, ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कनों को मैनेज करते हैं।

    ऐसे करें बचाव

    गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) से बचाव के लिए संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी है।

    इसके साथ ही रोजाना वर्कआउट या मेडिटेशन करें।

    अपना वजन नियंत्रित रखें और अनहेल्दी लाइफस्टाइल को बाय-बाय कहें।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik