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    Guillain Barre Syndrome: गुलियन बेरी सिंड्रोम मरीज को कर सकती है पैरालाइज, जानें इस बीमारी से कैसे करें बचाव

    By Jagran NewsEdited By: Saloni Upadhyay
    Updated: Tue, 25 Jul 2023 01:50 PM (IST)

    Guillain Barre Syndrome गुलियन बेरी सिंड्रोम में एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति को कमजोरी हाथ-पैरों में झुनझुनी सांस संबंधी आदि कई समस्याएं होती है। इस बीमारी में लंबे समय के बाद शरीर पैरालाइज हो जाता है। इसके उपचार के लिए प्लाज्मा फोरेसिस और हाई इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी दी जाती है। तो आज हम आपको बताएंगे क्या है गुलियन बेरी सिंड्रोम और इसे रोकने के उपाय।

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    Guillain Barre Syndrome: क्या है गुलियन बेरी सिंड्रोम

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Guillain Barre Syndrome: पेरू से पैरालिसिस के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसको देखते हुए पेरू की गवर्नमेंट ने स्टेट में नेशनल इमरजेंसी घोषित कर दी है। दरअसल, पेरू में गुलियन बेरी सिंड्रोम (Guillain Barre Syndrome) नाम की गंभीर बीमारी से पीड़ित है। गुलियन बेरी सिंड्रोम एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। इस बीमारी के कारण लोग पैरालाइज हो रहे हैं। पेरू में गुलियन बेरी सिंड्रोम के जून महीने में अब तक 182 मामले सामने आ चुके हैं।

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    क्या है गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS)?

    गुलियन बेरी सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी हैं, जिसमें पीड़ित की इम्युनिटी अपने शरीर के इम्यूनिटी के खिलाफ काम करने लगती है। इसलिए इसे ऑटो इम्यून डिसऑर्डर कहा जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह बीमारी बैक्टीरीयल या वायरल इंफेक्शन की वजह से होती है।

    इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को कमजोरी के अलावा हाथ और पैरों में झुनझुनी होती है। इसके अलावा शुरुआत में सांस संबंधी बीमारी भी महसूस होती है, लेकिन लंबे समय के बाद शरीर पैरालाइज हो जाता है।

    कैसे होता है गुलियन बेरी सिंड्रोम?

    गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS) की वजहों का कुछ सबूत नहीं मिल सका है। हालांकि इसको लेकर कई शोध किए गए हैं। इससे यह कहा जा सकता है कि यह बीमारी श्वास संबंधी या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल में संक्रमण की वजह से होती है। ये भी कहना गलत नहीं होगा कि GBS वैक्सीन के वजह से भी इसका खतरा बढ़ जाता है। वहीं एक शोध में इस बात का खुलासा भी हुआ कि जीका वायरस के बाद GBS तेजी से बढ़ा।

    गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS) क्या कोई उपचार है?

    गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS) का फिलहाल कोई उपचार नहीं हैं। लेकिन इसके उपचार के लिए प्लाज्मा फोरेसिस और हाई इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी दी जाती है। प्लाज्मा फेरेसिस इस बीमारी का खतरा कम करता है। हालांकि इसके उपचार के लिए शुरुआती दो हफ्ते बहुत मायने रखते हैं। इस दौरान अधिक ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। क्योंकि अगर ऐसा न हो, तो बॉडी पैरालाइज भी हो सकती है।

    ऐसे करें बचाव

    • गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS) से बचाव के लिए संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी है।
    • इसके साथ ही रोजाना वर्कआउट या मेडिटेशन करें।
    • अपना वजन नियंत्रित रखें और अनहेल्दी लाइफस्टाइल को बाय-बाय कहें।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Pic Credit: Freepik