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    Empty Nest Syndrome: क्या है 'एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम', जानें, इसके कारण, लक्षण और उपचार

    Empty Nest Syndrome आप अपने बच्चे और रिश्तेदारों के संपर्क में रहें। अगर बच्चे बाहर रहते हैं तो फोन के जरिए कनेक्ट हो सकते हैं। अगर बच्चे अब्रॉड में रहते हैं तो सोशल मीडिया के जरिए उनसे टच में रहें।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 15 Mar 2023 09:50 PM (IST)
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    Empty Nest Syndrome: क्या है 'एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम', जानें, इसके कारण, लक्षण और उपचार

    दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Empty Nest Syndrome: माता-पिता अपने बच्चे को सफल इंसान बनाने के लिए दिन-रात एक कर देते हैं, लेकिन जब ये बच्चे सेट होते हैं, तो इनके पास माता-पिता के लिए समय नहीं होता है। कई बार बच्चों को रोजगार और कारोबार के लिए सात समंदर पार भी जाना पड़ता है। इनमें कई बच्चे सात समंदर पार ही सेट हो जाते हैं और कभी वापस नहीं आते हैं। वहीं, कुछ बच्चे होमटाउन में रहते हैं, लेकिन शादी के बाद माता-पिता से अलग हो जाते हैं। इस वजह से माता-पिता वृद्धावस्था में मानसिक रूप से परेशान रहते हैं।  उनके चेहरे पर चिंता और तनाव की लकीरें दिखने लगती हैं। इस अकेलेपन और खालीपन के दर्द को 'एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम' कहते हैं। आइए, इसके लक्षण और बचाव के बारे में जानते हैं-

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    एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम के लक्षण

    एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति को नींद कम आती है। चेहरे पर उदासी छाई रहती है। कभी-कभी व्यक्ति क्रोधित हो उठता है। इस दौरान वह खुद को नुकसान भी पहुंचाने की कोशिश करता है। इसके अलावा, तनाव, चिंता और अकेलापन आदि परेशानी भी होती है।

    एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम से कैसे निजात पाएं

    अगर आप में एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम के कोई भी लक्षण हैं, तो इसका मतलब यह है कि आप इस समस्या से पीड़ित हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।

    -आप अपने बच्चे और रिश्तेदारों के संपर्क में रहें। अगर बच्चे बाहर रहते हैं, तो फोन के जरिए कनेक्ट हो सकते हैं। अगर बच्चे अब्रॉड में रहते हैं, तो सोशल मीडिया के जरिए उनसे टच में रहें। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए वीडियो कॉल कर सकते हैं। चाहे तो हर छह महीने पर एक बार उनसे मिल सकते हैं।

    -हमेशा पॉजिटिव रहें। आजकल लोग नेगेटिव और स्ट्रेसफुल जीवन जीने लगे हैं। इससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इसके लिए हमेशा पॉजिटिव रहने की कोशिश करें। अपनी पसंद की चीजों को जरूर करें। नए शौक बनाएं। आसान शब्दों में कहें तो कुकिंग या गार्डनिंग कर सकते हैं।

    -अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से बात करें और अपने जीवन के बारे में फ़ीडबैक लें। अगर आप अच्छा फील नहीं करते हैं, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

    डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।