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    Diabetic Retinopathy: जानें क्या होती है डायबिटिक रेटिनोपैथी, मधुमेह रोगियों को इससे क्यों रहना चाहिए सावधान

    By Ritu ShawEdited By: Ritu Shaw
    Updated: Fri, 14 Jul 2023 07:20 AM (IST)

    Diabetic Retinopathy डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है और इससे जूझ रहे लोगों को हर कदम पर सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है। आज के समय में वयस्कों से लेकर बच्चों तक हर कोई इस बीमारी से जूझ रहा है और अगर समय रहते इसपर ध्यान न दिया जाए तो इससे अन्य समस्याएं भी जन्म ले सकती हैं ।

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    डायबिटिक रेटिनोपैथी क्या है और कैसे रखें खुद का ख्याल

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Diabetic Retinopathy: मधुमेह यानी डायबिटीज, दिनों दिन एक सामान्य स्वास्थ्य स्थिति बनती जा रही है, जो हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। इस बीमारी में लोगों का शुगर लेवल काफी बढ़ जाता है। डायबिटीज की बीमारी भले ही आम होती जा रही हो, लेकिन इसके परिणाम बिल्कुल भी आम नहीं बल्कि काफी खतरनाक हैं। डायबिटीज के दौरान कई अन्य तरह की परेशानी भी जन्म ले सकती है, जैसे कि डायबिटिक रेटिनोपैथी। इसमें वयस्कों के आंखों की रोशनी धीरे-धीरे जाने लगती है। इस आर्टिकल में हम डायबिटिक रेटिनोपैथी के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे।

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    डायबिटिक रेटिनोपैथी क्या है?​

    डायबिटिक रेटिनोपैथी रेटिना (आंख के पीछे की नर्व लेयर) की एक बीमारी है। मधुमेह आंखों में ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचाता है। जबकि आंख जैसे लिविंग टिशूज को फंक्शन करने के लिए ब्लड वेसेल्स की जरूरत होती है।

    डायबिटिक रेटिनोपैथी का क्या कारण है?

    अनियंत्रित और अनट्रीटेड डायबिटीज वाले लोगों में डायबिटिक रेटिनोपैथी के विकसित होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। इसके अलावा स्क्रीनिंग और नियमित आई टेस्ट की कमी भी इसका एक कारण होती है। वैसे तो डायबिटिक रेटिनोपैथी कोई डैमेज नहीं पहुंचाता, लेकिन कई बार इसकी वजह से व्यक्ति अपनी आंखों की रोशनी पूरी तरह से खो सकता है। इसके अलावा कई बार दर्द इतना ज्यादा बढ़ सकता है कि आंखें निकालने की नौबत भी आ सकती है।

    डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण क्या हैं?

    बहुत से लोगों को डायबिटिक रेटिनोपैथी के शुरुआती दौर में कोई लक्षण नजर नहीं आते। वहीं, कुछ लोगों को शुरुआत में हल्के विजन की समस्याओं का अनुभव हो सकता है। ऐसे में अगर शुरुआती स्तर पर ही उपचार न मिले, तो यह अंधेपन का कारण बन सकता है। मेयो क्लिनिक के मुताबिक, जैसे-जैसे स्थिति बढ़ती है, व्यक्ति में ये लक्षण विकसित हो सकते हैं:

    • विजन में तैरते धब्बे या काले तारों का नजर आना
    • धुंधली दृष्टि
    • अस्थिर दृष्टि
    • विजन में अंधेरापन
    • आंखों की रोशनी का नुकसान

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik