Chronic Fatigue Syndrome: आराम के बाद भी लगातार हो रही है थकावट, तो ऐसे करें इलाज
Chronic Fatigue Syndrome क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम एक ऐसा विकार है जिसकी वजह से लगातार थकावट महसूस हो सकती है। ये एक जटिल विकार है और अत्यधिक थकान इसकी विशेष समस्या है जो छह महीने तक रह सकती है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Chronic Fatigue Syndrome: क्या अच्छी नींद और हेल्दी डाइट लेने के बावजूद भी आप सारा दिन थकावट महसूस करते हैं? हालांकि, थकावट को अक्सर पोषण रहित डाइट, फिज़िकल एक्टिविटी का न होना और खराब लाइफस्टाइल से जोड़ा जाता है, लेकिन लगातार थकावट महसूस करना एक तरह का सिंड्रोम भी हो सकता है।
क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम की वजह से लगातार थकावट महसूस हो सकती है। ये एक जटिल विकार है और अत्यधिक थकान इसकी विशेष समस्या है, जो छह महीने तक रह सकती है। इस तरह की थकान शारीरिक और मानसिक गतिविधि के साथ और बिगड़ जाती है, जिसमें आराम करने पर भी ज़्यादा सुधार नहीं होता।
क्रोनिक थकान सिंड्रोम से निपटना मुश्किल हो सकता है, लेकिन शारीरिक कार्यों में सुधार और जीवन शैली में कुछ सरल बदवालों की मदद से इसका इलाज किया जा सकता है। हम आपको बता रहे हैं लगातार थकावट (Chronic Fatigue Symdrome) से निपटने के 4 कारगर तरीके।
नींद
कुछ लोग जो क्रोनिक थकान सिंड्रोम से जूझ रहे होते हैं, वे इंसोमनिया और खराब नींद से भी जूझते हैं। अगर आपके शरीर को अच्छी तरह आराम नहीं मिलेगा, तो वह थकान महसूस करेगा। इसलिए क्रोनिक थकान सिंड्रोम से निपटने के लिए आपको सबसे पहले अपने सोने के शेड्यूल को ठीक करना होगा। आप इसके लिए डॉक्टर से भी परामर्श कर सकते हैं।
विटामिन-डी का सेवन
विटामिन सबसे आम पोषक तत्वों में से एक है, जिसकी लोगों में आमतौर पर कमी होती है। शरीर को कई तरह के कार्यों के लिए विटामिन-डी जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व की ज़रूरत होती है। विटामिन-डी आपके शरीर में ऊर्जा को बढ़ाता है और क्रोनिक थकान सिंड्रोम ने निपटने में अहम भूमिका निभाता है। इसलिए अपनी डाइट में ज़्यादा से ज़्यादा विटामिन-डी को शामिल करें और साथ ही धूप में कुछ देर बैठें।
अपने खाने पर ध्यान दें
हमारे शरीर के लिए ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत भोजन है। अगर आप क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम से जूझ रहे हैं, तो आपको अपनी डाइट पर ध्यान देने की ज़रूरत है। फैट से भरपूर, तला और प्रोसेस्ड खाना न खाएं। साथ ही चीनी की मात्रा भी कम करें।
वर्कआउट करें
आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि एक्सर्साइज़ आपकी ऊर्जा को ख़त्म करने का काम करती है, हालांकि असलियत इससे बिल्कुल उलट है। एक्सर्साइज़ आपको वक्त के साथ ताकत और ऊर्जा बनाने में मदद कर सकती है। ग्रेडेड एक्सर्साइज़ क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम से जूझ रहे लोगों की मदद कर सकती है। धीरे-धीरे अपनी एक्सर्साइज़ की तीव्रता को बढ़ाएं, ताकि शरीर अपने आप एडजस्ट करता रहे।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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