जानें, क्या है 'सीलिएक', इसके लक्षण और उपचार
इससे न केवल पाचन तंत्र बिगड़ता है बल्कि प्रतिरक्षा प्रणाली भी शरीर के हिफाजत के बदले शरीर के खिलाफ लड़ने लगती है।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। सीलिएक एक ऐसी बीमारी है, जिससे इम्यून सिस्टम और छोटी आंत पर बुरा असर पड़ता है। यह एक आनुवंशिकी रोग है, जो ग्लूटेन युक्त चीज़ों को खाने से होती है। ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो गेंहू राई और जौ में पाया जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो जब शरीर में ग्लूटेन का स्तर बढ़ जाता है, तो सीलिएक बीमारी होती है। इससे न केवल पाचन तंत्र बिगड़ता है, बल्कि प्रतिरक्षा प्रणाली भी शरीर के हिफाजत के बदले शरीर के खिलाफ लड़ने लगती है। इस दौरान कई नई बीमारियां जन्म लेती हैं। अगर सामान्य लक्षण में डॉक्टर की सलाह नहीं लेते हैं, तो यह बीमारी गंभीर रूप अख्तियार कर सकती है। आइए सीलिएक के लक्षण और उपचार के बारे में जानते हैं-
सीलिएक के लक्षण-
मरीज को भूख नहीं लगती है।
-पेट दर्द की शिकायत होती है।
-पेट संबंधी विकार होते हैं।
-बच्चों में चिड़चिड़ापन का स्वभाव पैदा होना।
-उल्टी की शिकायत रहती है।
-मुंह में फोड़े और छाले भी हो सकते हैं।
-बाल सफ़ेद और टूटने लगते हैं।
-वजन कम होने लगता है।
-शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होने लगती है।
सीलिएक के उपचार
अगर उपरोक्त लक्षण पाए जाते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। डॉक्टर द्वारा लिखित दवाओं का ही सेवन करें। इसके साथ ही अपनी डाइट में ग्लूटेन युक्त चीज़ें गेंहू राई और जौ को न जोड़ें। इन चीज़ों के सेवन से परहेज करना चाहिए। इसके साथ ही अपने जीवनशैली में बदलाव करें। रोजाना वर्क आउट जरूर करें। डेयरी उत्पादों के सेवन से बचना चाहिए। खासकर इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें। अपनी डाइट में विटामिन-सी युक्त चीज़ों का जोड़ें। इससे प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होगी। सीलिएक रोग में इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है। अतः अपनी इम्युनिटी पर जरूर ध्यान दें।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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