Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Autoimmune Diseases: अगर आपकी इम्यूनिटी उल्टा असर करे तो क्या होगा, जानिए क्या है यह बीमारी और उसका उपचार

    Autoimmune Diseases हर ऑटोइम्यून बीमारी के लक्षण जिस अंग को प्रभावित कर रहे हैं उसके मुताबिक अलग-अलग होते हैं। सभी ऑटोइम्यूज बीमारियों में कुछ लक्षण यह भी हो सकते हैं जैसे जोड़ों में दर्द और सूजन थकावट बुखार चकत्ते बेचैनी होना शामिल हैं।

    By Shahina NoorEdited By: Updated: Mon, 11 Oct 2021 06:26 PM (IST)
    Hero Image
    ऑटोइम्यूज बीमारियों में जोड़ों में दर्द, सूजन, थकावट, बुखार, चकत्ते और बेचैनी हो सकती हैं।

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। हमें बीमारियों से बचाने का काम इम्यून सिस्टम करता है। हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम शरीर में प्रवेश करने वाले किसी भी बाहरी तत्व के खिलाफ लड़ता है, लेकिन कई बार यह गलती से शरीर की अपनी कोशिकाओं पर भी हमला कर देता है, इस स्थिति को ऑटोइम्यून डिजीज कहा जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कुछ बीमारियां ऐसी होती है जिनके लक्षण बॉडी में मौजूद होते हैं, लेकिन मरीज़ उन्हें नज़र अंदाज करता रहता है। परेशानी पर गौर करने पर पता चलता है कि उसे लम्बे समय से यह परेशानी हो रही है जिसे वो लगातार नज़रअंदाज करता आ रहा है। ऐसा ऑटोइम्यून डिजीज के कारण होता है। आइए जानते हैं कि इस बीमारी के लक्षण क्या हैं और इसका उपचार कैसे किया जाए।

    ऑटोइम्यून बीमारियों के लक्षण क्या हैं?

    हर ऑटोइम्यून बीमारी के लक्षण जिस अंग को प्रभावित कर रहे हैं उसके मुताबिक अलग-अलग होते हैं। सभी ऑटोइम्यूज बीमारियों में कुछ लक्षण यह भी हो सकते हैं जैसे जोड़ों में दर्द और सूजन, थकावट, बुखार, चकत्ते, बेचैनी होना शामिल हैं। इस बीमारी के लक्षण बचपन में भी दिख सकते हैं और जवानी या बुढ़ापे में भी नज़र आते हैं।

    ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा किन लोगों को है?

    ऑटोइम्यून बीमारियों में आनुवंशिकता अहम भूमिका निभाती है। अगर आपके परिवार में किसी को भी किसी तरह की ऑटोइम्यून बीमारी है तो आपको भी इस तरह की बीमारी हो सकती है। आनुवंशिक कारकों के साथ ही पर्यावरणीय कारण भी इस बीमारी में अहम भूमिका निभाते हैं। इस बीमारी का खतरा पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक होता है।

    ऑटोइम्यून बीमारियों की पहचान कैसे संभव होती?

    ऑटोइम्यून बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर मरीज़ की पूरी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानते हैं। फिजिकल एग्जामिनेशन करते हैं और खून में ऑटोएंटीबॉडीज का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट भी कराते हैं।

    ऑटोइम्यून बीमारी में क्या खाएं?

    • अनाज में  पुराना चावल, जौ, मक्का, राई, गेहूं, बाजरा, मकई और दलिया का सेवन करें।
    • दाल में मूंग की दाल, मसूर की दाल और काली दाल का सेवन करें। मटर और सोयाबीन भी फायदेमंद है।
    • फल और सब्जियों में सेब, अमरूद, पपीता, चेरी, जामुन,एप्रिकोट,आम, तरबूज, एवोकाडो, अनानास, केला, परवल, लौकी, तोरई, कद्दू, ब्रोकली का सेवन करें।