एसाइटिस क्या है, जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार
आमतौर पर व्यक्ति को जलोदर में थकान जी मचलाना दम फूलना थकान महसूस होना भूख न लगना बार-बार पेशाब लगना और कब्ज की समस्या होती है। इन संकेतों को इग्नोर न करें और लक्ष्ण दिखने पर नजदीक के किसी वरिष्ठ डॉक्टर से जरूर परामर्श लें।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। आजकल सेहतमंद रहना बड़ी चुनौती है। खासकर खराब दिनचर्या और अनुचित खानपान से कई बीमारियां दस्तक देती हैं। इनमें एक बीमारी जलोदर है। इसे अंग्रेजी में एसाइटिस कहा जाता है। इस बीमारी में व्यक्ति के पेट में तरल पदार्थ जमा होने लगता है और धीरे-धीरे पेट फूलने लगता है। इस स्थिति में शरीर में कई बदलाव देखे जाते हैं। अगर इसका पता जल्दी चल जाता है तो इसका उपचार संभव है। कोताही बरतने पर यह बीमारी घातक रूप अख्तियार कर लेती है। इसके लिए लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर आप जलोदर रोग से वाकिफ नहीं हैं, तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-
जलोदर के लक्षण
आमतौर पर व्यक्ति को जलोदर में थकान, जी मचलाना, दम फूलना, थकान महसूस होना, भूख न लगना, बार-बार पेशाब लगना और कब्ज की समस्या होती है। इन संकेतों को इग्नोर न करें और लक्ष्ण दिखने पर नजदीक के किसी वरिष्ठ डॉक्टर से जरूर परामर्श लें।
जलोदर के कारण
लंबे समय तक शराब के सेवन से पेट में तरल पदार्थ जमा होने लगता है। इससे जलोदर रोग होता है। शराब पेट संबंधी बीमारियों का मुख्य कारक माना जाता है। इसके अतिरिक्त हेपेटाइटिस बी, पेट में संक्रमण, लिवर की नसों में रक्त का थक्का जमना और अग्नाशय में सूजन आदि भी जलोदर के कारण माने जाते हैं।
जलोदर से बचाव
इस बीमारी का इलाज चिकित्सा पद्धति के जरिए संभव है। इसके लिए लक्षण दिखने पर संपर्क करना जरूरी है। ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासॉउन्ड और कई अन्य तकनीकों के जरिए इसका इलाज किया जाता है। इसके अतिरिक्त रोजाना खाली पेट मेथी-पानी पीना, खाली पेट लहसुन खाना भी फायदेमंद माना जाता है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।