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    World Pneumonia Day: बच्चों में निमोनिया के लक्षणों को जल्द पहचानना है जरूरी, ताकि जल्द उपचार हो सके

    By Shahina NoorEdited By:
    Updated: Fri, 12 Nov 2021 09:52 AM (IST)

    World Pneumonia Day निमोनिया सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जो मौसम बदलने सर्दी लगने से हो जाती है। बदलते मौसम में बच्चों की देखभाल करना जरूरी है। बच्चों में निमोनिया आमतौर पर वायरल से होता है जो 10-12 दिनों में ठीक भी हो जाता है।

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    बच्चों के बुखार, खांसी, सांस तेज चलना और पसली चलना निमोनिया के लक्षण हैं।

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। पांच साल से छोटी उम्र के बच्चों की इम्युनिटी कम होती है जिसकी वजह से उनके बीमार होने की संभावना ज्यादा रहती है। सर्दी में बच्चों की सेहत का ध्यान नहीं रखा जाए तो उन्हें निमोनिया होने का खतरा हो सकता है। बच्चों में निमोनिया आमतौर पर वायरल से होता है, जो 10-12 दिनों में ठीक भी हो जाता है। निमोनिया सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जो मौसम बदलने, सर्दी लगने से हो जाती है। बदलते मौसम में बच्चों की देखभाल करना जरूरी है। इस मौसम में निमोनिया परेशान कर सकता है इसलिए जरूरी है कि इस बीमारी के लक्षणों को तुरंत पहचाने और उनका उपचार करें। आइए जानते हैं निमोनिया के लक्षण और बचाव का तरीका।

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    निमोनिया के लक्षण:

    बच्चों के बुखार, खांसी, सांस तेज चलना, पसली चलना या पसली धसना निमोनिया के लक्षण हैं। बच्चे में ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से इलाज कराएं।

    निमोनिया से बच्चों का बचाव

    बच्चे का टीकाकरण कराएं:

    बच्चों को निमोनिया से बचाव करने के लिए पीसीवी वैक्सीन लगवाएं जो बीमारी से बचाव में बेहद कारगर है।

    बच्चे की सफाई का ध्यान रखें:

     खांसते हुए बच्चे की नाक और मुंह पर रूमाल रखें। कीटाणुओं को फैलने से रोकने के लिए अपने और अपने बच्चों के हाथ बार-बार धोते रहें।

    बच्चों को पर्याप्त पोषण दें:

    शिशु को पहले छह महीनों तक मां का ही दूध पिलाएं। मां का दूध बच्चे की इम्यूनिटी इम्प्रूव करेगा। मां के दूध में एंटीबॉडीज होती हैं जो बच्चे को रोगों से बचाने में मददगार साबित होती है।

    बच्चे को गर्म कपड़े पहनाएं:

    बच्चों को ठंड से बचाव के लिए दो-तीन परतों में गर्म कपड़े पहनाएं।

    ठंडी हवा से बचाव के लिये शिशु के कान को ढंके, पैरों के तलुओं को ठंडेपन से बचाव के लिये बच्चों को गर्म मोज़े पहनाएं।

    गर्म तासीर के तेल से मसाज करें:

    बच्चों का घरेलू उपचार करने के लिए गर्माहट वाले तेल का इस्तेमाल करें। गर्म तासीर के तेल से बच्चें की पीठ और पैरों के तलुओं की मसाज करें।

    डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।