Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chikungunya Symptoms: क्या हैं चिकनगुनिया वायरस के लक्षण और संकेत?

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Thu, 10 Sep 2020 01:59 PM (IST)

    Chikungunya Symptoms यह बीमारी ज्यादातर बारिश के मौसम (जुलाई से अक्टूबर) के बीच फैलती है क्योंकि इसी समय मच्छर ज़्यादा उत्पन्न होते हैं। आइए जानें चिकनगुनिया वायरस के लक्षण।

    Chikungunya Symptoms: क्या हैं चिकनगुनिया वायरस के लक्षण और संकेत?

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Chikungunya Symptoms: चिकनगुनिया बुखार भी वायरस से होने वाली एक बीमारी है। इस बीमारी में भी एडीज़ नामक मच्छर चिकनगुनिया वायरस को एक शरीर से दूसरे शरीर में संक्रमित करता है, लेकिन राहत की बात यह है कि ये बीमारी जानलेवा नहीं है, हालांकि घातक ज़रूर साबित हो सकती है। इसके लिए भी अभी तक कोई भी वैक्सीन या टीका नहीं बन पाया है। यह बीमारी ज्यादातर बारिश के मौसम (जुलाई से अक्टूबर) के बीच फैलती है, क्योंकि इसी समय मच्छर ज़्यादा उत्पन्न होते हैं। आज के इस लेख में हम देखेंगे की चिकनगुनिया वायरस के संक्रमण होने पर कैसे लक्षण और संकेत दिखाई देते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चिकनगुनिया के लक्षण और संकेत

    1. तेज़ बुखार: चिकनगुनिया बुखार में रोगी को काफी तेज़ बुखार आता है। यह बुखार 102 डिंग्री से लेकर 103 डिग्री फैरन्हाइट के बीच होता है। 

    2. जोड़ों और मांसपेशियों में अत्यधिक दर्द: मरीज़ को बुखार के साथ-साथ हड्डियों के जोड़ों में और मांसपेशियों में अत्यधिक दर्द होता है। जैसे-जैसे बुखार बढ़ता है यह दर्द भी बढ़ता रहता है।

    3. सिर दर्द होना: मरीज़ को बहुत तेज़ सिर में दर्द भी होता है और आंखों के पिछले हिस्से में भी दर्द हो जाता है। साथ ही चक्कर भी आने लगते हैं।

    4. कमज़ोरी महसूस होना: इस समय कुछ भी खाने का मन नहीं करता जिस वजह से रोगी में कमज़ोरी-सी आने लगती है। हर समय सोने का या लेटे रहने का मन ही करता है। 

    5. उल्टियां होना या जी मचलना: इस बुखार में मरीज़ को उल्टियां होना आम बात होती है। उसे अगर पानी भी पिलाते हैं तो वह भी उल्टी होकर बाहर निकल जाता है। जीभ की स्वाद कोशिकाएं भी काम करना बंद कर देती हैं, जिससे जी मचलना शुरू हो जाता है।

    6. रेशेज़ या चकत्ते: इस बुखार में शरीर में कई जगह रेशेज़ और चकत्ते आना आम बात है। यह मुख्य रूप से गले पर छाती पर और चेहरे पर होते हैं।

    चिकनगुनिया का टेस्ट

    चिकनगुनिया का पता लगाने के लिए मरीज़ के खून की जांच की जाती है। जेके लोन अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता के अनुसार खून की जांच ही एक विश्वसनीय तरीका है, जो जांच के परिणामों की पुष्टि कर सकता है। इसमें मरीज़ के खून के सेंपल लिए जाते हैं और रक्त में मौजूद RNA की जांच की जाती है। अगर इस RNA में कोई क्षति होती है या कोई विशेष एंटीबॉडी का पता लगता है तो उस आधार पर समझा जाता है कि मरीज़ को चिकनगुनिया है या नहीं।

    प्रारम्भिक उपचार तो केवल लक्षण पर निर्भर करता है। कई बार चिकित्सक खुद ही प्रारम्भिक उपचार से मरीज़ का इलाज कर लेते हैं, लेकिन हालत ज़्यादा खराब होने पर यह जांच कारवाई जाती है। कई बार डेंगू और चिकनगुनिया के बीच अंतर करने के लिए भी यह खून की जांच कारवाई जाती है क्योंकि इन दोनों के लक्षण एक जैसे दिखते हैं।

    comedy show banner
    comedy show banner