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    स्किन से जुड़ी सामान्य कॉस्मेटिक प्रॉब्लम है सफेद दाग, न हों इससे परेशान जानें बचाव एवं उपचार

    By Priyanka SinghEdited By:
    Updated: Thu, 17 Jun 2021 07:23 AM (IST)

    सफेद दाग ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा की रंगत को निर्धारित करने वाले मेलानोसाइट्स नामक सेल्स धीरे-धीरे नष्ट होने लगते हैं नतीजतन त्वचा पर सफेद धब्बे नजर आने लगते हैं। आमतौर पर यह समस्या होठों और हाथ-पैरों पर दिखाई देती है।

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    सफेद दाग की समस्या को दिखाती मॉडल

    विटलिगो यानी सफेद दाग त्वचा से  जुड़ी ऐसी समस्या है, जिसकी वजह से लोगों को भले ही कोई शारीरिक पीड़ा न हो लेकिन समाज में इसे लेकर कई तरह की भ्रांतियां प्रचलित हैं, जिसकी वजह से ऐसी समस्या से ग्रस्त लोग स्वयं को बहुत उपेक्षित और अकेला महसूस करते हैं। कुछ समय पहले तक इसका इलाज नामुमकिन सा लगता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। तो आज के अपने इस लेख में हम जानेंगे कुछ ऐसी ही तकनीकों के बारे में जिनसे सफेद दाग का इलाज है मुमकिन।

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    1. कुछ लोगों की त्वचा अति संवेदनशील होती है। ऐसे लोगों को तेज गंध वाले साबुन, परफ्यूम डियो, हेयर कलर और कीटनाशकों से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए।

    2. कुछ लोग सफेद दाग को छिपाने के लिए उस पर टैटू भी बनवाते हैं। ऐसा करने से दाग के फैलने का डर बढ़ जाता है।

    कई बार उपचार के एक-डेढ़ साल के बाद त्वचा पर दाग नजर आने लगते हैं। तो ऐसे में दोबारा दवाओं के सेवन की जरूरत पड़ सकती है। अगर दो साल तक दाग वापस दिखाई न दें तो इस बात की संभावना है कि अब दोबारा ऐसी कोई समस्या नहीं होगी।

    3. उपचार के लिए स्किन ग्राफ्टिंग का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें किसी एक जगह की त्वचा को निकालकर दाग वाले हिस्से पर सिलाई के जरिए लगाया जाता है। इससे दाग तो छिप जाते हैं लेकिन स्टिच के हल्के निशान दिखाई देते हैं।

    4. सक्शन ब्लिस्टर एपिडर्मल ग्राफ्टिंग के जरिए त्वचा को वैक्यूम के माध्यम से दो अलग हिस्सों में विभाजित करके दाग वाले हिस्से के ऊपर सामान्य त्वचा को रखा जाता है, इससे त्वचा की रंगत बनाने वाला तत्व मेलिनन दाग वाली जगह में समा कर वहां की रंगत को समान बना देता है। इसमें स्टिच लगाने की जरूरत नहीं होती।

    5. मेलानोसाइट एपिडर्मल सेल तकनीक के जरिए सामान्य त्वचा के एक छोटे टुकड़े को लेकर उससे मेलेनिन को निकाल उसे लिक्विड में परिवर्तित कर दिया जाता है। इसके बाद इंजेक्शन्स के माध्यम में उसे दाग वाले हिस्से में पहुंचाया जाता है। इससे त्वचा सामान्य रंगत में वापस लौट आती है।

    6. मरीजों को दाग बनने से रोकने के अलावा त्वचा की स्वाभाविक रंग वापस लाने वाली दवाएं भी दी जाती हैं।

    7. फोटो थेरेपी भी बहुत मददगार साबित होती है। इसके तहत सूरज की यूवीए और यूवीबी अल्ट्रावॉयलेट किरणों की मदद से त्वचा की जाती है। इस दौरान मरीज को काला चश्मा पहनने को दिया जाता, जिससे उसकी आंखों को सर्यू की किरणों से कोई नुकसान न हो। प्रभावित हिस्से पर खास तरह का लोशन लगाने के बाद मरीज को रोजाना सुबह आधे घंटे के लिए धूप में बैठने को कहा जाता है। इन तरीकों से विटलिगो को नियंत्रित किया जा सकता है। अगर कोई भी लक्षण नजर आए, तो त्वचा रोग विशेषज्ञ की सलाह लें। जितनी जल्दी उपचार शुरू होगा, समस्या का समाधान उतना ही आसान होगा।

    Pic credit- freepik

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