Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Vitiligo Causes: इन वजहों से हो सकती है सफेद दाग की समस्या, ऐसे करें इसकी पहचान और इलाज

    By Priyanka SinghEdited By:
    Updated: Tue, 04 Oct 2022 09:52 AM (IST)

    Vitiligo Causes सफेद दाग को लेकर लोगों का सोचना है कि यह कुष्ठ रोग है जो छूने से फैलता है। जबकि डॉक्टर्स का मानना है कि यह कोई छूआछूत की बीमारी नहीं। इसके होने की कई कारण हो सकते हैं तो आज हम इन्हीं के बारे में जानेंगे।

    Hero Image
    Vitiligo Causes: सफेद दाग होने के कारण, लक्षण और इलाज

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Vitiligo Causes: त्वचा पर सफेद धब्बों को आजकल भी कई जगहों पर छूआछूत की बीमारी माना जाता है। लोग ऐसे लोगों के साथ रहने, खाने-पीने से बचते हैं। तो आपको बता दें कि सफेद दाग की समस्या संक्रामक बिल्कुल भी नहीं। सफेद दाग होने की कई वजहें हो सकती हैं। मेडिकल की भाषा में सफेद दाग को विटिलिगो (Vitiligo) कहा जाता है। वैसे एक्जिमा, सोरायसिस, मिलिया, टीनिया वर्सिकलर जैसी समस्याओं के कारण भी त्वचा पर सफेद धब्बे पड़ जाते हैं। कई बार धूप की वजह से, फंगल इंफेक्शन, साथ ही शरीर में कुछ पौष्टिक तत्वों की कमी, बहुत ज्यादा जंक फूड के सेवन से, तनाव होने और शरीर में टॉक्सिन्स के जमा होने की वजह से भी सफेद दाग की समस्या पैदा हो जाती है। आइए जानते हैं किन वजहों से होते हैं त्वचा पर सफेद धब्बे की अन्य वजहें और बचाव के उपाय।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कैसे पहचानें सफेद दाग की समस्या?

    जब स्किन का कलर हल्का होने लगे और उस हिस्से के आसपास के बालों का रंग भी सफेद होने लगे तो समझ जाए कि यह सफेद दाग की समस्या है। हालांकि इन दाग-धब्बों पर किसी तरह की खुजली या दर्द का एहसास नहीं होता, लेकिन पसीने और गर्मी से उन जगहों में जलन पैदा हो सकती है। ध्यान दें अगर सफेद दाग के आसपास के बालों का रंग नहीं बदला है, तो इलाज से इसे ठीक करने की काफी संभावना बनी रहती है। तो इन बातों पर गौर फरमाएं। हल्का सा भी अगर आपको लगे कि स्किन का रंग बदलने लगा है तो तुरंत डॉक्टर से इसे दिखाएं।

    मेलोनोसाइट की कमी की वजह से होती है यह समस्या

    स्किन का कलर बनाने वाली सेल्स मेलोनोसाइट के कम या खत्म हो जाने पर शरीर में सफेद दाग हो सकते हैं। इसकी कई दूसरी वजहें भी हो सकती हैं। जब शरीर का ऑटो इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता उल्टा असर दिखाने लगती है तो शरीर में रंग बनाने वाली कोशिकाएं धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं। खानपान में मिलावट, प्रदूषण, फल और सब्जियों को उगाने में कीटनाशकों के इस्तेमाल से भी ये समस्या हो सकती है।

    Pic credit- freepik