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    वायरल फ्लू की चपेट में आया दिल्ली-एनसीआर, सफदरजंग के डॉक्टर ने बताया कैसे बरतें सावधानी

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 08:45 AM (IST)

    तेज बुखार सर्दी-खांसी बटन दर्द और थकान महसूस हो रही है तो ये मौसमी फ्लू के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत उपचार आवश्यकता होती है। फ्लू और बुखार में चपेट आने से कैसे करना है बचाव आइए डॉ. जुगल किशोर (जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ सफदरजंग अस्पताल नई दिल्ली) से जानें।

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    कैसे करें फ्लू से अपना बचाव? (Picture Courtesy: Freepik)

    सुमन अग्रवाल, नई दिल्ली। इन दिनों दिल्ली-एनसीआर 'समेत देश के कई हिस्सों में एच3एन2 फ्लू के मामले सामने आ रहे हैं। गांवों से लेकर शहरों तक सर्दी और बुखार की समस्या देखी जा रही है। बारिश के बाद आमतौर पर इस तरह के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि मौसम में नमी बढ़ने से वायरस के फैलने के लिए उपयुक्त माहौल मिल जाता है।

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    विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक एच3एन2 वायरस प्रोटीन संयोजन से पहचाना जाता है। इसमें दो खास प्रोटीन हेमाग्लगुटिनिन (एच3) और न्यूरामिनिडेस ( एन 2 ) होते हैं।

    सर्दी और बुखार को न करें नजरअंदाज

    वायरल संक्रमण के शुरुआती दिनों में लक्षण बहुत सामान्य होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे शरीर में दर्द और बुखार तेज होने लगता है। फ्लू का संक्रमण से बहुत आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है, इसलिए सार्वजनिक स्थानों पर या किसी से मिलते समय सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। जब संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या बात करता है, तो उससे संक्रमित होने की आशंका रहती है। मौसम में हो रहे बदलावों और प्रदूषण को देखते हुए इस समय अपनी सेहत को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है।

    पहले से बीमार लोग रहें सतर्क

    हाल के दिनों में दिल्ली-एनसीआर में एच3एन2 फ्लू अधिक देखने में आए हैं। इस फ्लू से सबसे ज्यादा बच्चे, बुजुर्ग, किडनी या डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति या फिर सांस की बीमारी वालों को अधिक परेशानी हो रही है। एक सर्वे के मुताबिक हर साल यह स्थिति होती है, पर इस बार सितंबर में मरीजों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक देखी जा रही है। अगर पहले से कोई तकलीफ है तो चिकित्सक के परामर्श पर अपनी दवाओं का सेवन जारी रखते हुए अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आश्यकता होती है।

    फ्लू में होते हैं सामान्य तरह के लक्षण

    पहले एक दो दिन 101-102 डिग्री का तेज बुखार आता है । इसके साथ सर्दी- खांसी, गले में खराश, थकान, बदन दर्द, उल्टी या दस्त, पेट में हल्का दर्द, सिर में दर्द जैसी समस्याएं देखने में आती हैं। इस वायरल संक्रमण के चलते कुछ लोगों को सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है। खासकर, अस्थमा मरीजों को निमोनिया या ब्रोंकाइटिस की समस्या ना हो, इसे लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता होती है।समस्या बढ़ने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए ।

    कैसे करें बचाव

    • दो दिन से ज्यादा बुखार रहने पर डाक्टर की सलाह अवश्य लें।
    • घर से बाहर निकलने से पहले मास्क जरूर पहनें।
    • भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करें।
    • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, हाइड्रेशन के लिए ओआरएस का घोल लें।
    • साबुन से हाथ धोएं, स्वच्छता का ध्यान रखें ।
    • पोषणयुक्त आहार लें ताकि शरीर में कमजोरी न आए।
    • अगर पहले से कोई मेडिकेशन ले रहे हैं तो उसे डाक्टर की सलाह से ही लें ।

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