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    प्रेग्नेंसी में गंभीर समस्या बन सकता है Hypertension, इन तरीकों से करें इसे मैनेज

    Updated: Sat, 06 Jul 2024 08:30 AM (IST)

    High Blood Pressure एक गंभीर समस्या है जिससे इन दिनों कई लोग प्रभावित है। इसे Hypertension के नाम से भी जाना जाता है। वहीं अगर प्रेग्नेंसी के दौरान यह समस्या हो जाए तो इसे जेस्टेशनल हाइपरटेंशन को पहचानना बहुत जरूरी है। यह गंभीर रूप ले सकता है अगर समय रहते इसकी पहचान न की जाए। ऐसे में इन लक्षणों से आप इसकी पहचान कर सकते हैं।

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    प्रेग्नेंसी में हानिकारक हो सकता है हाइपरटेंशन (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। जब ब्लड प्रेशर 140/90 के पार हो जाए, तो ये हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन की श्रेणी में आता है। आमतौर पर हाइपरटेंशन होने में लोग फटाफट दवाइयां लेने लगते हैं। लेकिन अगर प्रेग्नेंसी के मामले में हाइपरटेंशन हो जाए तो इसके लिए सावधानी बरतनी चाहिए और डॉक्टर के निर्देश अनुसार ही कोई कदम उठाना चाहिए।

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    प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले हाइपरटेंशन को जेस्टेशनल हाइपरटेंशन कहते हैं। हर 3 से 6 घंटे पर नापने के बाद भी ब्लड प्रेशर 140/90 के ऊपर ही जा रहा है, तो इसे जेस्टेशनल हाइपरटेंशन मान लेना चाहिए। ऐसा आमतौर पर प्रेग्नेंसी के 20वें हफ्ते के बाद शुरू होता है। इस दौरान सही तरीके से मॉनिटर न करने से और समय पर उचित कदम न उठाने से मां और बच्चे दोनों के लिए ही समस्या उत्पन्न हो सकती है। जेस्टेशनल हाइपरटेंशन को पहचानना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं जेस्टेशनल हाइपरटेंशन के लक्षण –

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    • लगातार सिरदर्द
    • हाथ पैर, शरीर में सूजन
    • अचानक से अनियमित वजन का बढ़ना
    • आंखों से धुंधला दिखाई देना या डबल विज़न यानी एक ही चीज का दो दो बार दिखना।
    • उल्टी और मितली

    जेस्टेशनल हाइपरटेंशन के खतरे-

    • प्लेसेंटा में खून का बहाव कम होना
    • बच्चे का विकास बाधित होना
    • बच्चे के वजन का न बढ़ना
    • मां के जरूरी अंगों का डैमेज होना
    • प्रीमेच्योर डिलीवरी
    • गंभीर मामलों में डेथ

    जेस्टेशनल हाइपरटेंशन से बचाव

    • प्रेग्नेंसी के दौरान ये कहना ठीक नहीं होगा कि दो लोगों का खाना खाना चाहिए। इसलिए सही डाइट चार्ट फॉलो करें और स्वस्थ खानपान रखें जिससे वजन नियंत्रित रहे। अनियंत्रित वजन बढ़ने पर भी जेस्टेशनल हाइपरटेंशन की समस्या बढ़ सकती है।
    • समय-समय पर अपने प्री–नेटल केयर पर खास ध्यान दें। कुछ लोगों को जेस्टेशनल हाइपरटेंशन की समस्या होती है और उन्हें इस बात का एहसास तक नहीं होता है। इसलिए बीपी मॉनिटर कराते रहें और डॉक्टर की निगरानी में रहें।
    • जेस्टेशनल हाइपरटेंशन हो या न हो, खाने में नमक की मात्रा कम ही रखें।
    • योग और ध्यान से स्ट्रेस मैनेज करें क्योंकि नहीं चाह कर भी इस दौरान स्ट्रेस होना स्वाभाविक है। जरूरत है तो इसे सही तरीके से मैनेज करने की।

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