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    Monsoon Infections: बरसात के मौसम में यूरिन इन्फेक्शन से बचाता है यह एक फल!

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Mon, 25 Jul 2022 05:00 PM (IST)

    Monsoon Infections मानसून एक ऐसा समय है जब लोग इन्फेक्शन का शिकार आसानी से हो जाते हैं। इस दौरान पेट आंख और यूरिन इन्फेक्शन आम हो जाता है। हालांकि सबसे तकलीफदेह यूरिन इन्फेक्शन ही है जो ज़्यादातर महिलाओं को परेशान करता है।

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    Monsoon Infections: यूरिन इन्फेक्शन में ऐसे काम आती है क्रैनबेरी

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Monsoon Infections: उमस, हवा में नमी और बारिश का कॉम्बिनेशन किसी भी वायरस और बैक्टीरिया के पनपने के लिए परफेक्ट होता है। यानी मानसून के दौरान इन्फेक्शन सबसे ज़्यादा फैलते हैं। इस दौरान एक इन्फेक्शन सबसे ज़्यादा आम है और वह है UTI यानी मूत्र पथ का संक्रमण, जो तब होता है, जब बैक्टीरिया पेशाब में आ जाते हैं और फैलने लगते हैं।

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    यूटीआई आमतौर पर मूत्रमार्ग से शुरू होता है और अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया, तो यह किडनी के कामकाज को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

    UTI में क्या होता है?

    जब आपको इन्फेक्शन होता है, तो इसकी शुरुआत हल्के दर्द और पेशाब करते समय जलन के साथ होती है। साथ ही हमेशा वॉशरूम जाने की इच्छा होती है, मूत्र का रंग गहरा होता है और अत्यधिक संक्रमण होने पर बुखार भी आ सकता है।

    यूरिन इन्फेक्शन को कैसे ठीक क्या जाता है?

    डॉक्टर आपको इस इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक्स के एक कोर्स की सलाह देंगे। इसके अलावा कई प्राकृतिक इलाज भी हैं, जो तकलीफ में आराम देने के साथ भविष्य में इस इन्फेक्शन से बचाने का काम भी करते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं क्रैनबेरीज़ की, जो एक ऐसा फल है, जिसे खाने से आप भविष्य में भी इस इन्फेक्शन से बचेंगे।

    बोस्टन यूनिवर्सिटी के आंकड़ों का मानना ​​है कि एक गिलास क्रैनबेरी जूस पीना, उन्हें भरपूर मात्रा में खाना या रोज़ाना सप्लीमेंट के रूप में लेना यूटीआई के लिए एक अच्छा निवारक उपाय हो सकता है और संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग को धीरे-धीरे कम कर सकता है।

    क्रैनबेरी कैसे काम करती है?

    • क्रैनबेरी प्रोएंथोसायनिडिन नामक पदार्थ से भरपूर होते हैं, जो बैक्टीरिया को मूत्र पथ की दीवारों पर चिपके रहने नहीं देते और अन्य विषाक्त पदार्थों के साथ शरीर से बाहर निकल जाते हैं। यह फल, एंटीऑक्सीडेंट से भी भरा होता है, जो बैक्टीरिया को बढ़ने भी नहीं देते।
    • क्रैनबेरी में फेनोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड जैसे यौगिक होते हैं, जो सेल रीजेनेरेशन और मरम्मत में मदद करते हैं।
    • प्रभावित जगह पर सूजन और इन्फ्लामेशन को कम करती हैं।
    • आंत बैक्टीरिया को संशोधित करती हैं।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik/Pexel