चिड़चिड़ापन, उदासी और तनाव को दूर कर, मूड को तरोताज़ा रखती हैं ये हर्बल टी
हर्बल टी का स्वाद हर किसी को नहीं भाता लेकिन ये इतने सारे फायदों से भरपूर होती है कि दिन में एक कप ही सही आपको इसका सेवन जरूर करना चाहिए। जो सेहत बनाने के साथ मूड को भी रिफ्रेश करने का काम करती हैं।

बारिश का मौसम हर किसी के लिए खुशगवार नहीं होता। इस मौसम में व्यवहार में बदलाव आम बात है। अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। जहां कुछ लोग चिड़चिड़ापन, थकान, नींद, उदासी और गुस्सा महसूस करते हैं तो वहीं कुछ लोगों को भूख में कमी और ज्यादा नींद जैसी समस्याएं होने लगती हैं। कुछ मामलों में तो लोग डिप्रेशन का भी शिकार हो जाते हैं। वैसे तो इनसे बचने के लिए योग और व्यायाम बहुत मददगार है लेकिन एक और तरीका है जो इस समस्या को दूर करने में फायदेमंद साबित हो सकता है और वो है हर्बल टी का सेवन। आइए जानते हैं कैसे।
तुलसी टी
तुलसी एक चमत्कारी जड़ी-बूटी है। जो ज्यादातर घरों में पाया जाता है। आयुर्वेद में इसका बहुत ज्यादा महत्व है। हाल ही में किए गए अध्ययन दर्शाते हैं कि कॉर्टिसोल, हॉर्मोन को नियंत्रित कर तनाव दूर करने में बेहद कारगर है। कॉर्टिसोल को आमतौर पर स्ट्रेस हॉर्मोन के नाम से भी जाना जाता है।
अश्वगंधा टी
अश्वगंधा की जड़ों में कई चिकित्सकीय गुण होते हैं, इसका सेवन हम कई रूपों में कर सकते हैं। ग्रीन टी के साथ अश्वगंधा का कॉम्बिनेशन एंटी-एजिंग और एंटी-स्ट्रेस दवा की तरह काम करता है। यह संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली को बढ़ाकर डिप्रेशन और चिंता दूर करने में मदद करती है।
जिंजर टी
माना जाता है कि जिंजर यानी अदरक बॉडी के टॉक्सिन्स दूर करती है। जिंजर के सेवन से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है। पेट के लिए फायदेमंद अदरक का इस्तेमाल मतली, सीने में जलन और सुबह के समय होने वाली समस्याओं के इलाज के लिए भी किया जाता है। तुलसी और अदरक से बनी चाय पीने से मन के साथ ही तन भी तरोताजा और एक्टिव हो जाता है।कैमोमाइल टी
गुलबहार जैसा दिखने वाला कैमोमाइल को रिलेक्सिंग गुणों के लिए जाना जाता है। जो मानसून में होने वाली मूड की समस्याओं को दूर करने में बेहद कारगर है। कैमोमाइल से युक्त ग्रीन टी का सेवन करने से चिंता, तनाव और डिप्रेशन की समस्या दूर होती है।
लैवेंडर टी
इसमें सेडेटिव और मूड को सामान्य बनाने वाले गुण होते हैं। लैवेंडर का उपयोग भी चिंता और तनाव की समस्या दूर करने के लिए किया जाता है।
(Dr. Ameen Noorul, Naturopath, Organic India से बातचीत पर आधारित)
Pic credit- unsplash
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