Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या आप भी अपने गुस्से के लिए हालातों को मानते हैं वजह, तो इन न्यूट्रिएंट्स की कमी से भी बन सकते हैं Angry Bird

    कई सारे लोग अकसर छोटी-छोटी बातों पर आग बबूला हो जाते हैं और अपने गुस्से के लिए हालात या किसी व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराते हैं। हालांकि आपके पारा हाई होने के पीछे कोई सिर्फ हालात या व्यक्ति नहीं बल्कि आपका खानपान भी हो सकता है। शरीर में इन पोषक तत्वों (Nutrients Deficiency) की कमी से भी व्यक्ति को अकसर गुस्सा (Anger Issue) आ सकता है।

    By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Updated: Wed, 22 May 2024 01:36 PM (IST)
    Hero Image
    शरीर में पोषक तत्वों की कमी से भी आ सकता है गुस्सा (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गुस्सा (Anger Issues) एक मानवीय भावना है, जो उकसावे, हताशा या धमकी के प्रति होने वाली एक प्रतिक्रिया होती है। शायद ही कोई ऐसा हो, जिसे कभी गुस्सा न आया हो। लोग अलग-अलग हालातों में अपनी गुस्सा जाहिर करते हैं, लेकिन गुस्सा जाहिर करने का उनका तरीका काफी अलग हो सकता है। कुछ लोग जहां बहुत जल्दी छोटी-छोटी बातों पर नाराज हो जाते हैं, तो वहीं कुछ लंबे समय तक अपने गुस्से पर कंट्रोल कर सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गुस्सा हमारी सेहत पर कई तरह से असर डालता है। शारीरिक रूप से, यह एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ाता है, ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को बढ़ाता है, जो हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है। अकसर ऐसा माना जाता है कि हालातों के मुताबिक लोगों को गुस्सा आता है, लेकिन असल में शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी इसका कारण होती है। अगर आप भी जल्दी गुस्सा करने वालों में से हैं, तो आपके अंदर भी इन न्यूट्रिएंट्स की कमी हो सकती है।

    यह भी पढ़ें-  Green Tea से मिले शरीर को ज्यादा से ज्यादा फायदे, इसके लिए जान लें इसे पीने का सही समय

    मैग्नीशियम की कमी

    मैग्नीशियम नर्व फंक्शन और मूड रेगुलेशन के लिए जरूरी है। ऐसे में इसकी कमी से चिड़चिड़ापन, चिंता और स्ट्रेस मैनेजमेंट में कठिनाई हो सकती है, जो क्रोध के रूप में दिखाई दे सकती है।

    विटामिन डी की कमी

    शरीर में विटामिन डी की कमी को डिप्रेशन और एंग्जायटी समेत मूड डिसऑर्डर से जोड़ा गया है। ये स्थितियां क्रोध की संवेदनशीलता को बढ़ा सकती हैं। विटामिन डी हमारे शरीर के विभिन्न कार्यों के लिए जरूरी है, जिसमें फास्फोरस का सही अब्जॉर्प्शन भी शामिल है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

    ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी

    फिश ऑयल और अलसी में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। ओमेगा-3 की कमी से मूड में गड़बड़ी हो सकती है, जिसकी वजह से आक्रामकता और क्रोध भी शामिल है। ओमेगा-3 मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बढ़ाता है और सूजन को कम करके सकारात्मक मूड को बढ़ावा देता है।

    विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी

    बी विटामिन, विशेष रूप से बी 6, बी 12 और फोलेट, ब्रेन फंक्शन और न्यूरोट्रांसमीटर प्रोडक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में इन विटामिन्स की कमी से मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन और गुस्सा हो सकता है। ये विटामिन भोजन को ईंधन में बदलने, सेल रिपेयरिंग में मदद करने और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करते हैं।

    आयरन की कमी

    आयरन हीमोग्लोबिन के प्रोडक्शन के लिए जरूरी है, जो मस्तिष्क तक ऑक्सीजन पहुंचाता है। ऐसे में आयरन का निम्न स्तर थकान, डिप्रेशन और चिड़चिड़ेपन का कारण बन सकता है, जो गुस्से को उकसाने में योगदान कर सकता है।

    जिंक की कमी

    जिंक की कमी से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली खराब हो सकती है और मूड संबंधी डिसऑर्डर हो सकते हैं, जिनमें चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ना भी शामिल है। जिंक स्वस्थ मस्तिष्क कार्य का समर्थन करता है और न्यूरोट्रांसमीटर और हार्मोनल प्रक्रियाओं के लिए जरूरी है।

    यह भी पढ़ें- अल्कोहल ही नहीं लिवर सिरोसिस की एकमात्र वजह, इन चीजों से भी बढ़ जाता है इस बीमारी का खतरा