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    Anxiety Triggers: क्या आपको भी अक्सर होती है एंग्जाइटी की समस्या, तो ये हो सकते हैं इसके कारण

    Updated: Thu, 01 Feb 2024 07:17 AM (IST)

    Anxiety इन दिनों एक आम समस्या बन गई है। तेजी से बदलती लाइफस्टाइल की वजह से लोग कई मानसिक समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं। तनाव और एंग्जायटी इन्हीं समस्याओं में से एक है जो कई लोगों को प्रभावित करती हैं। खासकर आपकी लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ आदतें एंग्जायटी बढ़ाने में योगदान देती हैं। आइए जानते हैं एंग्जायटी बढ़ाने वाले ऐसे ही कुछ ट्रिगर्स-

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    एंग्जायटी की समस्या बढ़ाती है ये आदतें

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Anxiety Triggers: एंग्जाइटी ऐसी घबराहट होती है, जो ऐसे तो किसी न किसी कारण से होती है, लेकिन डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों में बिना कारण भी एंग्जाइटी महसूस हो सकती है। इस दौरान ऐसा लगता है मानों धड़कनें बढ़ गई हों और सांसें तेज हो गई हों। पसीना भी आता है और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इसे लक्षणों के अनुसार दवा से ठीक किया जा सकता है लेकिन अगर इसका कोई ठोस कारण न समझ में आ रहा हो, तो संभव है कि एंग्जाइटी आपकी कुछ आदतों के कारण बढ़ रही है, जिसे आप पहचान नहीं पाते हैं। आइए जानते हैं कि ऐसी कौन सी आदतें हैं, जो एंग्जाइटी को बढ़ाती हैं-

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    खाना स्किप करना

    ब्रेन को सुचारू रूप से काम करने के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है और अगर ये ग्लूकोज न मिले तो शरीर सौ फीसदी सही तरीके से काम नहीं कर पाता है। ब्लड शुगर कम होने लगता है जिससे थकान और एंग्जाइटी होती है। ऐसे में खाना स्किप करना हानिकारक हो सकता है।

    प्रोसेस्ड फूड खाना

    पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड बनाने में आसान होते हैं, खाने में स्वादिष्ट होते हैं और आसानी से उपलब्ध होते हैं, लेकिन प्रोसेस करने के दौरान इनके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है, ऊपर से शुगर, फैट और नमक मिलाया जाता है और प्रोटीन, फाइबर और विटामिन की मात्रा कम हो जाती है। थोड़ा भी तनाव में आने से ऐसे प्रोसेस्ड फूड को लोग अधिक मात्रा में खाने लगते हैं, जिससे वजन तो बढ़ता ही है, साथ ही एंग्जाइटी भी होती है।

    शराब पीना

    ब्रेन में GABA नाम का एक केमिकल पाया जाता है, जो कि ब्रेन को रिलैक्स करता है, थोड़ी सी शराब पहले इसको प्रभावित करके दिमाग को रिलैक्स महसूस कराती है, फिर हैवी डोज धीरे-धीरे GABA को कम करता जाता है, जिससे एंग्जाइटी और तनाव होता है।

    पर्याप्त पानी न पीना

    डिहाइड्रेशन से ब्रेन की गतिविधि धीमी हो जाती है, जिससे थकान और एंग्जाइटी महसूस होती है।

    सोशल मीडिया चेक करते रहना

    दूसरों के खुशहाल जीवन को देख कर अपना अच्छा जीवन भी दुखी लगने लगता है और न चाहते हुए भी तुलना करने के कारण एंजायटी होती है।

    शारीरिक गतिविधि की कमी

    शारीरिक गतिविधि से मांसपेशियों में तनाव कम होता है, सेरोटोनिन जैसे फील गुड केमिकल को बढ़ता है, जिससे एंजायटी कम होती है। ऐसे में शारीरिक गतिविधि की कमी से एंग्जायटी बढ़ सकती है।

    पर्याप्त नींद न लेना

    अक्सर नींद पूरा न होने से भी एंग्जायटी की समस्या बढ़ सकती है। आजकल कई वजहों से लोगों का स्लीप पैटर्न खराब हो चुका है, जो एंग्जायटी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

    फ्रेश हवा में न रहना

    फ्रेश हवा में रहने से शरीर और ब्रेन को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलता है, जिससे ये सुचारू रूप से काम करने में सक्षम होते हैं और एंजायटी दूर करते हैं। ऐसे में ताजी हवा की कमी भी एंग्जायटी बढ़ाने का काम करती है।

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    Picture Courtesy: Freepik