Menopause के बाद कमजोर हो सकता है शरीर, 5 बड़े बदलाव को भूल से भी न नजरअंदाज करें महिलाएं
Menopause के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। हालांकि सही खानपान व्यायाम और मानसिक संतुलन बनाए रखने से इनके प्रभाव को कम किया जा सकता है। खुद का ध्यान रखना और समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना भी जरूरी है। अगर आप ऐसा करती हैं तो आगे का जीवन आपका सुरक्षित हो सकता है।
लाइफस्टारइल डेस्क, नई दिल्ली। पीरियड्स शुरू हाेने का मतलब है कि अब लड़की का शरीर गर्भावस्था के लिए तैयार है। वहीं मेनोपॉज ऐसा चरण होता है जब महिलाओं के पीरियड्स बंद हो जाते हैं और इसके लक्षण काफी टाइम पहले से ही दिखने लगते हैं। ये आमतौर पर 45-55 साल की उम्र में होता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह से हार्मोनल बदलाव होते हैं। अगर सही देखभाल न किए जाएं तो यह कई समस्याओं का कारण बन सकता है।
मेनोपॉज उम्र बढ़ने की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जब एक महिला के ओवरी में अंडे बनना बंद हो जाते हैं, एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन कम बनते हैं, महिला के प्रजनन की क्षमता समाप्त हो जाती है और पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं, तो इन सबके कारण मेनोपॉज होता है। आज हम आपको मेनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं। ये हर महिलाओं को पता होना चाहिए। उन्हें संभालने के लिए जरूरी उपाय भी बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से-
कमजोर हो जाती हैं हड्डियां
मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम हो जाता है। यही कारण है कि हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इससे ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर डाइट लें। रोजाना कम से कम 30 मिनट तक धूप सेंकें। कोशिश करें सन राइज के टाइम पर धूप जरूर लें। हल्की एक्सरसाइज और योग करें, जिससे हड्डियां मजबूत बनी रहें।
तेजी से बढ़ जाता है वजन
मेटाबॉलिज्म धीमा होने के कारण मेनोपॉज के बाद महिलाओं का वजन तेजी से बढ़ सकता है। खासतौर पर पेट और जांघों के आसपास चर्बी जमा होने लगती है। अगर आपको मेनोपॉज के बाद वजन को कंट्रोल में रखना है तो हेल्दी डाइट अपनाएं जिसमें प्रोटीन, फाइबर और कम कार्बोहाइड्रेट हो। रोजाना योगा करें। ऑयली खाने से परहेज करें।
दिल की बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा
मेनोपॉज के बाद दिल को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी हो जाता है। इसके लिए आपको ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और हेल्दी फैट का खाना जरूर खाना चाहिए। इस समय आप नियमित रूप से व्यायाम करेंगी तो भी आपको हार्ट की समस्या होने की संभावना कम होती है। तनाव से भी बचें और मेडिटेशन को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
मूड स्विंग्स होने लगते हैं
हार्मोनल बदलाव के कारण मेनोपॉज के बाद महिलाओं को मूड स्विंग, तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे बचना है तो आपको नियमित रूप से मेडिटेशन करें। खुद को खुश रखने के लिए पसंदीदा काम करें। गाने सुनें। परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं, ताकि स्ट्रेस कम हो।
त्वचा पर भी दिखता है असर
मेनोपॉज के बाद त्वचा की नमी कम हो जाती है। इससे रूखेपन और झुर्रियों की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, बाल भी पतले और कमजोर हो सकते हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए खूब पानी पिएं। विटामिन E और ओमेगा-3 युक्त आहार लें। नारियल तेल या एलोवेरा जेल से त्वचा की देखभाल करें।
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