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    Newborn Baby Myth vs Facts: आपने भी सुने होंगे न्यूबॉर्न बेबी से जुड़े ये मिथ्स, जानें क्या है इनकी सच्चाई

    By Harshita SaxenaEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Fri, 07 Jul 2023 10:46 AM (IST)

    Newborn Myth vs Facts एक नवजात बच्चे के पेरेंट्स होना बेहद जिम्मेदारी भरा होता है। माता-पिता के तौर पर अपने नवजात शिशु की देखभाल बेहद जरूरी और चुनौतीपूर्ण होता है। हालांकि उनसे जुड़ी कुछ मान्यताएं और धारणाएं ऐसी होती है जो कई बार बच्चों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं। चलिए जानते हैं न्यूबॉर्न बेबी से जुड़े कुछ मिथ्स एंड फैक्टस-

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    न्यूबोर्न बेबी से जुड़े वो मिथ्स जिन्हें आप सच मानते हैं

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Newborn Myth vs Facts: एक माता-पिता के तौर पर अपने नवजात शिशु की देखभाल बेहद जरूरी और चुनौतीपूर्ण होता है। बच्चे के जन्म के साथ ही इससे जुड़ी कई सारी जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। बच्चे के स्वस्थ जीवन के लिए सही देखभाल बेहद जरूरी है, लेकिन भारत में आज भी बच्चों को लेकर कई सारे ऐसे मिथक मौजूद हैं, जो उनके सही विकास में बाधा डालते हैं और उनके लिए हानिकारक भी साबित होते हैं। आइए जानते हैं नवजात बच्चों से जुड़े ऐसे ही कुछ आम मिथक और उनके फैक्ट्स

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    मिथक 1: अपने नवजात शिशु को जन्म के तुरंत बाद नहलाना चाहिए?

    फैक्ट: जन्म के तुरंत बाद अपने नवजात शिशु को नहलाना जरूरी नहीं है। इसके विपरीत जन्म के कुछ दिनों बाद बच्चे को नहलाने से शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और स्किन को ड्राई होने से रोकने में मदद मिल सकती है।

    मिथक 2: आपको अपने बच्चे की आंखों में काजल लगाना चाहिए।

    फैक्ट: भारत में छोटे बच्चों को नजर से बचाने के लिए काजल लगाने की मान्यता है, लेकिन आपको अपने बच्चे की आंखों में काजल लगाने से बचना चाहिए। दरअसल, ऐसा करने से आंखों में संक्रमण और अन्य जटिलताएं हो सकती हैं।

    मिथक 3: न्यूबॉर्न बेबी की मालिश सरसों के तेल से करनी चाहिए

    फैक्ट: नवजात बच्चों के लिए मालिश बेहद फायदेमंद हो सकती है, लेकिन इसके लिए सरसों के तेल का उपयोग करने से परहेज करना चाहिए। दरअसल, सरसों के तेल की वजह से त्वचा में जलन और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

    मिथक 4: सर्दी या बुखार है, तो आपको स्तनपान कराने से बचना चाहिए।

    फैक्ट: सर्दी या बुखार होने पर भी बच्चों को स्तनपान कराना सुरक्षित है। दरअसल, मां के दूध में एंटीबॉडीज होते हैं, जो आपके बच्चे को संक्रमण से बचाने में मदद कर सकते हैं।

    मिथक 5: बच्चे को पहले के कुछ महीनों तक बाहर ले जाने से बचना चाहिए।

    फैक्ट: अपने बच्चे को बाहर ले जाना तब तक सुरक्षित है, जब तक आप आवश्यक सावधानियां बरतते हैं जैसे कि अपने बच्चे को उचित कपड़े पहनाना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना।

    मिथक 6: आपको अपने बच्चे को तय समय पर दूध पिलाना चाहिए।

    फैक्ट: कई लोगों का मानना है कि बच्चों को एक तय समय पर ही दूध पिलाना चाहिए, लेकिन यह बिल्कुल भी सच नहीं है। इसके विपरीत जब बच्चे को जरूरत तब उन्हें दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। इसकी मदद से उन्हें पर्याप्त पोषक तत्व मिलते हैं।

    मिथक 7: आपको डायपर का उपयोग करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे रैशेज हो सकते हैं।

    फैक्ट: डायपर नवजात शिशुओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक होते हैं, लेकिन डायपर से होने वाले रैश को रोकने के लिए उन्हें बार-बार बदलना और डायपर क्रीम का उपयोग करना जरूरी है।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik