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    अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड के सेवन से आयु घटने का खतरा, शोध में हुआ खुलासा

    By Jagran NewsEdited By: Sanjay Pokhriyal
    Updated: Wed, 09 Nov 2022 02:46 PM (IST)

    साओ पाउलो यूनिवर्सिटी के न्यूट्रिशनिस्ट रिसर्चर और प्रमुख लेखक एडुआर्डो एएफ निल्सन ने कहा कि पिछले अध्ययनों में सोडियम चीनी और ट्रांस वसा और विशिष्ट खाद्य पदार्थ मीठे पेय पदार्थों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर का अनुमान लगाया गया।

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    2019 में लगभग 57,000 ब्राजीलियाई लोगों की मौत यूपीएफ के कारण हुई। photo credit: freepik

    वाशिंगटन, एएनआइ : तेजी से बदलती जीवनशैली में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (यूपीएफ) के सेवन का चलन तेजी से बढ़ा है। महानगरों में भागती-दौड़ती जिंदगी में लोगों के पास खाना बनाने का वक्त नहीं होता है। ऐसे में ताजा और पारंपरिक खाद्य पदार्थों की जगह लोग पैकेटबंद भोजन को तवज्जो देने लगे हैं। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ने लगा है। विज्ञानियों ने इस विषय पर हाल में ही एक अध्ययन किया है। इसके अनुसार, अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड जैसे हाट डाग, चिप्स, सोडा और आइसक्रीम आदि के लगातार सेवन से मोटापा और हाई कोलेस्ट्राल से भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

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    एल्सेवियर द्वारा प्रकाशित अमेरिकन जर्नल आफ प्रिवेंटिव मेडिसिन में अध्ययन में पाया गया है कि वर्ष 2019 में 30 से 69 वर्ष की आयु के लगभग 57,000 ब्राजीलियाई लोगों की मौत अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड के सेवन के कारण हुई। यह उस आयु वर्ग के बीच ब्राजील में वार्षिक समय से पहले होने वाली मौतों का 10 प्रतिशत से अधिक है। हालांकि ब्राजीलियाई इन उत्पादों का बहुत कम उपभोग करते हैं। स्टडी में जिन लोगों ने सबसे ज्यादा अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड खाया उनकी मौत और जिन लोगों ने कम खाया उनकी मौत की तुलना की गई।

    साओ पाउलो यूनिवर्सिटी के न्यूट्रिशनिस्ट रिसर्चर और प्रमुख लेखक एडुआर्डो एएफ निल्सन ने कहा कि पिछले अध्ययनों में सोडियम, चीनी और ट्रांस वसा और विशिष्ट खाद्य पदार्थ, मीठे पेय पदार्थों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर का अनुमान लगाया गया, लेकिन आज तक किसी भी अध्ययन ने समय से पहले होने वाली मौतों पर अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड के संभावित प्रभाव का अनुमान नहीं लगाया है। इन खाद्य पदार्थों की खपत बढ़ने के कारण होने वाली मौतों को जानना और यह समझना कि कैसे आहार पैटर्न में परिवर्तन हमारे स्वास्थ्य को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं, बहुत महत्वपूर्ण है। अगर शोध के निष्कर्ष सटीक होंगे तो कई प्रकार की बीमारी और समय से पहले होने वाली मौतों को रोक सकते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूके और आस्ट्रेलिया जैसे उच्च आय वाले देशों में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का कुल कैलोरी सेवन के आधे से अधिक हिस्सा है।

    photo credit: freepik