Injection for Chronic Pain: एक ही इंजेक्शन में सभी तरह के क्रोनिक पेन से मिलेगा छुटकारा, परीक्षण के बारे में जानिए
Injection for Chronic Painवैज्ञानिकों ने एक ऐसा इंजेक्शन तैयार किया है जिससे सभी तरह के क्रोनिक पेन से छुटकारा पाया जा सकता है। दुनिया में कई लोग इस तरह के क्रोनिक दर्द से परेशान रहते हैं। इस दर्द से पीड़ित इनसान की काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा इंजेक्शन तैयार किया है जिससे सभी तरह के क्रोनिक पेन से छुटकारा पाया जा सकता है। कुछ लोगों को सिर में दर्द, नस डैमेज के कारण दर्द, बैक पैन, ऑर्थराइटिस पेन और शरीर के कई हिस्से में अक्सर दर्द की शिकायत रहती है। दुनिया में कई लोग हैं जो इस तरह के क्रोनिक दर्द से परेशान रहते हैं। इस दर्द से पीड़ित इनसान की काम करने की क्षमता प्रभावित होती है। लोगों की इस परेशानी को देखते हुए वैज्ञानिकों ने जो इंजेक्शन बनाया है वह प्रभावित कोशिकाओं को डीएनए उपलब्ध कराता है। डेली मेल में छपी खबर के अनुसार सबसे अच्छी बात यह है कि एक ही तरह के इंजेक्शन से सभी तरह के क्रोनिक दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। इस इंजेक्शन का ट्रायल अपने अंतिम दौर में है और इसके चौंकाने वाले परिणाम आने की संभावना है।
IL-10 प्रोटीन को सक्रिय करेगा इंजेक्शन:
यह इंजेक्शन कोशिकाओं में कुदरती उस प्रोटीन को बनाने के लिए प्रेरित करता है जो प्रोटीन पेन किलर होता है। इस प्रोटीन का नाम IL-10 है। IL-10 में पेन किलिंग और एंटी इंफ्लामेटरी गुण मौजूद रहते हैं। जब प्रोटीन की कमी हो जाती है तब क्रोनिक दर्द को खत्म करने के लिए शरीर के अंदर कुदरती शक्ति कम हो जाती है। इस इंजेक्शन को मरीज के शरीर में देने के बाद यह कुदरती प्रोटीन कोशिका के अंदर खुद ही सक्रिय करने लगेगा।
क्रोनिक दर्द किसे कहते हैं?
एक रिसर्च के मुताबिक हर पांच में से एक व्यक्ति क्रोनिक दर्द से जूझ रहा है। जब कोई दर्द इलाज के बावजूद 12 सप्ताह से ज्यादा तक बरकरार रहे तो उसे क्रोनिक दर्द माना जाता है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पेन मेडीसिन के मुताबिक पेनकिलिंग के माध्यम से क्रोनिक दर्द का इलाज किया जाता है। इनमें 58 प्रतिशत को राहत तो मिलती है लेकिन इसके कई साइड इफेक्ट भी होते हैं, जैसे कंस्टीपेशन, बेचैनी और सुस्ती की शिकायतें रहती हैं।
नए इंजेक्शन में साइड इफेक्ट नहीं:
नए इंजेक्शन में साइड इफेक्ट की आशंका बहुत कम है। नए इंजेक्शन का नाम XT-150 रखा गया है। यह कोशिका के अंदर लवणयुक्त डीएनए पहुंचाता है जिससे IL-10 का प्रोडक्शन बढ़ जाता है। इस इंजेक्शन को स्पाइनल कॉर्ड के आस-पास बनाया जाता है, जिसे ऑस्टियोऑर्थराइटिस हैं, उसे ज्वांट की जगह पर इंजेक्शन लगाया जाएगा। चूंकि यह इंजेक्शन प्रभावित जगह पर ही लगाया जाता, इसलिए इसके साइड इफेक्ट की संभावना बहुत कम है। Xalud Therapeutics ने इस इंजेक्शन को तैयार किया है। इसकी प्रमुख वैज्ञानिक प्रोफेसर लिंडा वाटकिंस ने बताया कि हमारा IL-10 एक तरह की जीन थेरेपी है। यह कोशिका के अंदर ही ऐसे गुण पैदा करती है जिससे कुशलतापूर्वक प्रोटीन का निर्माण हो सके।