Hypothyroidism: हाइपोथायरायडिज्म का प्रेग्नेंसी पर क्या असर होता है, जानें कैसे होते हैं इसके लक्षण?
गर्भवती महिलाओं में हाइपोथायरायडिज्म गर्भावस्था में खतरनाक है अगर इसका वक्त पर इलाज नहीं होता है तो यह मां और शिशु दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। यह हार्मोन शिशु के सामान्य मस्तिष्क विकास और वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण होता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Hypothyroidism In Pregnancy: हाइपोथायरायडिज्म, एक ऐसी स्थिति है, जो थायरॉयड ग्रंथि के कम सक्रिय होने के कारण होती है। यह गर्भावस्था के दौरान भी हो सकता है, इसके कई लक्षण गर्भावस्था के लक्षणों के समान होते हैं। उदाहरण के लिए, थकान, वजन का बढ़ना और मासिक धर्म में बदलाव दोनों का कारण बन सकते हैं। थायराइड हार्मोन का स्तर कम होने से भी गर्भवती होने में समस्या हो सकती है। साथ ही यह गर्भपात का भी एक कारण हो सकता है।
थायरॉइड रोग डायबिटीज के बाद दूसरा आम रोग है, जो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में होता है। थायराइट को अगर कंट्रोल में न रखा जाए, तो इससे गर्भावस्था में जटिलताएं और जोखिम पैदा हो सकते हैं। इसलिए गर्भावस्था में इसे नजरअंदाज करने की गलती न करें। गर्भवती महिलाओं में हाइपरथायरायडिज्म की तुलना में हाइपोथायरायडिज्म का जोखिम बढ़ जाता है।
गर्भावस्था में हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण क्या हैं?
थायराइड रोग जैसे हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण गर्भावस्था के समान ही होते हैं और शुरुआती स्टेज में इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है। इसके लक्षणों में ये शामिल हो सकते हैं:
- वज़न का बढ़ना
- थकान
- कब्ज़
- ठंड लगना
- डिप्रेशन
- शुष्क त्वचा और बाल
- चेहरे पर सूजन आना
- कार्पल टनल सिंड्रोम (हाथ में झुनझुनी या दर्द)
- मांसपेशियों में ऐंठन
हाइपोथायरायडिज्म गर्भावस्था को कैसे प्रभावित कर सकता है?
हाइपोथायरायडिज्म गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं और शिशुओं के लिए कई समस्याओं पैदा कर सकता है। जिनमें:
- खून की कमी
- जेस्टेशनल हाइपरटेंशन
- प्रीक्लैंप्सिया (preeclampsia)
- प्लेसेंटल एब्रप्शन (placenta abruption)
- पोस्ट पार्टम हेमरेज
- हार्ट फेलियर
- थायरॉयड स्टॉर्म
शिशुओं के लिए समस्याओं में शामिल हो सकते हैं:
- समय से पहले जन्म
- जन्म के समय बच्चे का कम वजन
- घेंघा रोग
- थायरॉयड की समस्या
- गर्भपात या मृत प्रसव
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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