डिप्रेशन से लेकर डायरिया तक, इन बीमारियों में रामबाण औषधि है वच
वच में एंटी डिप्रेशन के गुण पाए जाते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। इसके सेवन से तनाव या अवसाद में बहुत जल्द आराम मिलता है। कई शोधों में खुलासा हुआ है कि डिप्रेशन को कम करने में वच सहायक होता है।

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। आयुर्वेद में वच को औषधि का दर्जा प्राप्त है। वच कई बीमारियों में रामबाण औषधि की तरह काम करता है। इसके नियमित और संतुलित सेवन से डिप्रेशन से लेकर डायरिया में आराम मिल सकता है। साथ ही कई अन्य बीमारियों में भी लाभदायक होता है। हालांकि, वच के सेवन या इस्तेमाल से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें। इसमें कई गुणकारी औषधि पाए जाते हैं, जो सेहत और सुंदरता दोनों के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
डिप्रेशन में मिलता है आराम
वच में एंटी डिप्रेशन के गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। इसके सेवन से तनाव या अवसाद में बहुत जल्द आराम मिलता है। कई शोधों में खुलासा हुआ है कि डिप्रेशन को कम करने में वच सहायक होता है। अतः चिकित्स्क की परामर्श पर वच का इस्तेमाल कर सकते हैं।
डायरिया में भी फायदेमंद
कई हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि डायरिया में भी वच का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें एंटीडायरियल गुण पाया जाता है, जिसके प्रभाव से डायरिया में आराम मिलता है। इसके लिए डायरिया में वच का सेवन किया जा सकता है।
सर्दी, खांसी में राहत
वच में एंटी बैक्टेरियल के गुण पाए जाते हैं, जो सर्दी, खांसी समेत बुखार में गुणकारी होते हैं। इस औषधि से निर्मित चूर्ण को आयुर्वेद में की तरह इस्तेमाल किया जाता रहा है। डॉक्टर से सलाह लेकर सर्दी, खांसी से पीड़ित व्यक्ति वच का सेवन कर सकते हैं।
जख्म भरने में मददगार
आयुर्वेद विशेषज्ञों की मानें तो वच के पत्तों के अर्क को जख्म पर लगाने से जल्द आराम मिलता है। अतः घाव या जख्म भरने में वच का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे दिन में कम से कम 3 बार जख्म पर लगाएं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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