Plant Based Diet Side Effects: सिर्फ फायदे ही नहीं शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकती है यह डाइट
Plant Based Diet Side Effects वजन घटाने के लिए प्लांट बेस्ड डाइट काफी लोकप्रिय है। वहीं कुछ लोग इसे हेल्दी रहने के लिए भी अपनाते हैं। हालांकि इस डाइट के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि शरीर के लिए फायदेमंद होने के साथ ही प्लांट बेस्ड डाइट के नुकसान क्या हैं और इससे कैसे बचा जाए।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Plant Based Diet Side Effects: प्लांट बेस्ड डाइट के आपने अनेकों फायदे सुने होंगे। लेकिन जैसे हर चीज के दो पहलू होते हैं, वैसे ही इस तरह की डाइट के भी कुछ फायदे हैं, तो कुछ नुकसान। अगर आप नहीं जानते कि प्लांट बेस्ड डाइट क्या होता है, तो आपको बता दें कि इसमें डेयरी प्रोडक्ट का सेवन कम किया जाता है, जबकि फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां, नट और बीज जैसी चीजों का इस्तेमाल अधिक होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि केवल इनसे शरीर के लिए जरूरी न्यूट्रिएंट्स की कमी पूरी हो सकती है? आज के आर्टिकल में हम यही जानेंगे कि शरीर के लिए प्लांट बेस्ड डाइट के नुकसान क्या हैं।
प्लांट बेस्ड डाइट के नुकसान क्या हैं?
शरीर में माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स की कमी
प्लांट बेस्ड डाइट से कभी-कभी विटामिन बी12, आयरन, जिंक, कैल्शियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इसलिए एक ऐसा डाइट प्लान करें, जिससे आपको यह सभी पोषक तत्व मिल सके।
गैस और सूजन
प्लांट बेस्ड फूड्स से फाइबर की मात्रा काफी बढ़ सकती, जिससे गैस और ब्लोटिंग की परेशानी हो सकती है। खासकर अगर आपको इसकी आदत नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि डाइट में फाइबर युक्त फूड्स को धीरे-धीरे शामिल करें और हाइड्रेटेड रहें। इससे गैस और सूजन की परेशानी को कम करने में मदद मिल सकती है।
एलर्जी और सेंसिटिविटी
नट्स, सोया या ग्लूटेन फ्री अनाज जैसे कुछ ऐसे प्लांट बेस्ड फूड आइटम्स हैं, जिनपर अधिक निर्भर रहने से संभावित रूप से कुछ लोगों में एलर्जी या सेंसिटिविटी पैदा हो सकती है। जोखिम को कम करने के लिए डाइट में वैरायटी लाएं।
वजन बढ़ना
वैसे तो प्लांट-बेस्ड डाइट को वजन घटाने में कारगर माना जाता है। लेकिन जैसे कि हम इसके कुछ साइड इफेक्ट्स पर बात कर रहे हैं, इसमें वजन बढ़ना भी शामिल है। अधिक मात्रा में सैचुरेटे वेजिटेरियन फूड आइटम्स या हाई कैलोरी वाले प्लांट-बेस्ड स्नैक्स खाने से वजन बढ़ सकता है। इससे बचने के लिए पोर्शन पर ध्यान देना जरूरी है।
थायरॉयड फंक्शन
ब्रोकोली और केल जैसी कुरकुरी सब्जियों में ऐसे कम्पाउंड होते हैं, जिसका अधिक सेवन करने से थायरॉइड फंक्शन बिगड़ सकता है। इन सब्जियों को पकाकर खाने से इसके प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है।
डाइजेशन से जुड़ी समस्याएं
प्लांट-बेस्ड डाइट में फर्मेंटेड कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक हो सकती है, जो संवेदनशील लोगों में इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) की समस्या पैदा कर सकता है। इसमें डाइजेशन से जुड़ी परेशानियां ट्रिगर हो सकती हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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