Sleep Disorders: नींद में बढ़बढ़ाने की आदत स्लीपिंग डिसऑर्डर है, जानिए कारण, लक्षण और उपचार
Sleep Disorders बढ़बढ़ाने की यह आदत स्लीपिंग डिसऑर्डर है। ये बीमारी कई कारणों जैसे तनाव डिप्रेशन नींद की कमी दिन के समय थकान रहना शराब या किसी दवा की लत के कारण हो सकती है। इसके लिए आनुवांशिक कारक भी जिम्मेदार होता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। कुछ लोग नींद में सोते-सोते बातें करते हैं या फिर बढ़बढ़ाते रहते है। बढ़बढ़ाने की यह आदत स्लीपिंग डिसऑर्डर है। ये बीमारी कई कारणों जैसे तनाव, डिप्रेशन, नींद की कमी, दिन के समय थकान रहना, शराब या किसी दवा की लत, बुखार या दवा के कारण हो सकती है। कई बार स्लीपिंग डिसऑर्डर के लिए आनुवांशिक कारक भी जिम्मेदार होता है। हालांकि नींद में बोलने का सेहत पर कुछ नकारात्मक असर नहीं होता। नींद में बोलने या बढ़बढ़ाने वाले इंसान को सुबह याद नहीं रहता कि उसने रात में क्या बोला है। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। छोटे बच्चों और बूढ़ों में ये परेशानी ज्यादा होती है। जानिए क्यों कुछ लोग नींद में बढ़बढ़ाते है, इसके लक्षण क्या है और कैसे इसका इलाज करें।
नींद में बोलने के लक्षण:
- जिन लोगों को नींद में बोलने की आदत होती है उन्हें दिन के समय नींद आती है और रात को वो आसानी से सो नहीं पाते।
- कुछ लोग कभी भी सो जाते हैं यहां तक की ड्राईविंग के दौरान भी उन्हें नींद आ जाती है।
- ऐसे लोगों के सांस लेने के तरीके में थोड़ा बदलाव होता है।
- नींद के दौरान अचानक से हिलने का अहसास होना
नींद में बढ़बढ़ाने के कारण:
- बदलता लाइफस्टाइल
- गलत खान-पान
- तनाव
- अत्यधिक काम का बोझ
- शारीरिक थकावट
- सोने का अनिश्चित समय
स्लीपिंग डिसऑर्डर से निजात पाने के उपाय
- नींद में बोलने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए शराब का सेवन करने से परहेज करें।
- रात के समय हैवी खाना खाने से परहेज करें।
- समय पर सोए और समय पर जागे। सोने और जागने का समय इस परेशानी से निजात दिलाने में बेहद अहम है।
- तनाव से दूर रहें, और सोने का तरीका सुधारें। कोशिश करें कि आप पीठ के बल ही सोएं।
- दिमाग को शांत रखने के लिए एक्सरसाइज जरूर करें।
Written By: Shahina Noor