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इंजरी फ्री वर्कआउट के लिए यहां दिए गए इन सिंपल टिप्स पर करें गौर

वर्कआउट के दौरान जरा सी लापरवाही आपको बना सकती है किसी गंभीर इंजरी का शिकार तो इससे बचने और बिना दर्द के वर्कआउट करने के लिए जरूरी है कुछ बातों का ध्यान रखना। जिसके बारे में आज हम बात करेंगे।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 07:42 AM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 07:42 AM (IST)
इंजरी फ्री वर्कआउट के लिए यहां दिए गए इन सिंपल टिप्स पर करें गौर
पार्क में एक्सरसाइज से पहले स्ट्रेचिंग करती हुई महिला

अपना फिटनेस लेवल हाई बनाए रखने के लिए लोग कई तरह के वर्कआउट्स और एक्सरसाइजेस का सहारा लेते हैं। हालांकि, इस दौरान कुछ ऐसी छोटी-छोटी गलतियां भी उनसे हो जाती हैं, जो उन्हें इंजरी का शिकार बना देती हैं। कौन सी हैं वो गलतियां और कैसे बचा जा सकता है उनसे, जानिए यहां...

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जरा संभलकर करें स्क्वाट्स

अपने पैरों की स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए स्क्वाट्स करना एक बहुत अच्छा ऑप्शन है। पैरों के लिए यह एक बहुत असरदार एक्सरसाइज है, हालांकि, कई बार स्क्वाट्स करते वक्त लोग अपने घुटनों को अंदर की तरफ मोड़ लेते हैं, ऐसा करने पर स्ट्रेस के चलते घुटनों में चोट लगने के चांस काफी बढ़ जाते हैं। अगर आप बेहतर रिजल्ट्स चाहते हैं, तो हमेशा अपने घुटनों को बाहर की ओर रखें।

लंज करते वक्त रहें अलर्ट

बॉडी के निचले हिस्से को मजबूत बनाने के लिए लंज एक्सरसाइज काफी असरदार मानी जाती है, इससे आपके ग्लूट, क्वाड्स और हैमस्ट्रिंग मसल्स मजबूत होते हैं। यह एक्सरसाइज करते वक्त हमेशा बड़ा कदम लें क्योंकि छोटा कदम लेने से आपके घुटने पर और आगे के पैर पर ज्यादा दबाव पड़ता है। इससे बॉडी के निचले हिस्से की मसल्स में स्ट्रेस जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती है।

स्ट्रेचिंग दिलाए दर्द से राहत

कई बार देखने को मिलता है कि एक्सरसाइज पूरी कर लेने के बाद बॉडी में दर्द रहता है। ऐसी सिचुएशन से निजात पाने के लिए स्ट्रेचिंग करना फायदेमंद साबित होता है। वर्कआउट या कार्डियो एक्सरसाइज करने के तुरंत बाद आपको स्ट्रेचिंग करनी चाहिए, इससे वर्कआउट खत्म करने के बाद बॉडी में होने वाले दर्द से राहत मिलती है।

रिस्क फ्री होगी जॉगिंग

जॉगिंग के दौरान आपको अपने दोनों पैरों के बीच की दूरी बनाए रखनी चाहिए और पैरों को एड़ियों के बल पर रखना चाहिए, इससे एनर्जी बढ़ती है और पैरो का बैलेंस भी सही बना रहता है, जिससे दौड़ते वक्त गिरने का खतरा भी कम रहता है। जॉगिंग करने पर आपको थकान भी महसूस नहीं होती है।

बेंच प्रेस का सही तरीका

बैंच प्रेस बॉडी के ऊपरी हिस्से को मजबूत बनाने के लिए बेहतरीन एक्सरसाइज है। बाइसेप्स, ट्राइसेप्स को बेहतर बनाने के अलावा यह छाती, हाथ और कमर को भी मजबूत बनाती है। अक्सर लोग बेंच प्रेस करते वक्त अपनी कोहनी को ऊपर रखते हैं, जिससे कोहनी और कंधे पर खिंचाव पड़ता है, जिसके चलते आपको चोट लगने के चांसेज बढ़ जाते हैं। कंधे के खिंचाव को कम करने, छाती और ट्राइसेप्स को बेहतर बनाने के लिए कोहनी को हमेशा छाती के पास रखें।

सही पोजीशन में रहे गर्दन

वर्कआउट के वक्त अपनी गर्दन की पोजीशन सही रखें क्योंकि गर्दन की गलत पोजीशन की वजह से न केवल आप जल्दी थकान महसूस करने लगते हैं बल्कि इससे आपके टखनों, घुटनों और कूल्हों को भी नुकसान पहुंचता है। यह आगे चलकर पिंडली की सूजन, घुटने के दर्द और पैर में होने वाली इंजरीज़ का रिस्क बढ़ाता है।

Pic credit- Freepik


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