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    Sickle Cell Disease: बच्चों को क्यों होता है सिकल सेल एनीमिया, जानें इसका निदान और उपचार

    By Jagran NewsEdited By: Saloni Upadhyay
    Updated: Sat, 26 Aug 2023 09:29 AM (IST)

    Sickle Cell disease सिकल सेल एनीमिया खून से जुड़ी बीमार है। जिसमें शरीर में खून का बनना बंद हो जाता है। यह एक जेनेटिक बीमारी है। अगर माता-पिता को यह बीमारी है तो आपके बच्चे को भी सिकल सेल एनीमिया की समस्या हो सकती है। इस बीमारी में हाथ-पैरों में दर्द और सूजन का भी खतरा भी बढ़ जाता है।

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    Sickle Cell Disease: बच्चों को क्यों होता है सिकल सेल एनीमिया

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Sickle Cell Disease: सिकल सेल एनीमिया एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसे सिकल सेल रोग के नाम से भी जाना जाता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं (Red blood cells) के आकार को प्रभावित करता है, जो शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन पहुंचाती हैं। लाल रक्त कोशिकाएं आमतौर पर लचीली होती हैं, इसलिए ये रक्त धमनियों (blood vessels) के माध्यम से आसानी से चलती हैं। सिकल सेल एनीमिया में, कुछ लाल रक्त कोशिकाएं कम लचीली हो जाती हैं। ये सिकल कोशिकाएं सख्त और चिपचिपी होने के कारण रक्त प्रवाह को धीमा कर या रोक सकती हैं।

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    डॉक्टरों की मानें, तो सिकल सेल रोग एक जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर है, जो माता-पिता से बच्चों को हो सकता है। हमारे शरीर में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं का अनियमित आकार, जो सी जैसा दिखता है। यह सिकल सेल डिसऑर्डर का मुख्य कारण है। अपने इस आकार के कारण, लाल रक्त कोशिकाएं कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं और घूमते यानी कि प्रवाह के समय शरीर की छोटी रक्त शिराओं में फंस जाती हैं। यह शरीर के विभिन्न क्षेत्रों में ऑक्सीजन के प्रवाह में बाधा पैदा करती है और इससे एनीमिया, हड्डी और जोड़ों में दर्द, हाथ-पैरों में सूजन, संक्रमण का खतरा बढ़ जाना, सामान्य विकास में रुकावट और आंखों से संबंधी समस्याएं जैसे लक्षण पैदा होते हैं।

    सिकल सेल एनीमिया का पता बच्चे के पैदा होने के दौरान टेस्टिग के जरिए लगाया जा सकता है। अगर पारिवार में इस बीमारी का इतिहास रहा है तो आप बच्चे में इसकी जांच जरूर कराएं। आमतौर पर इस बीमारी के लक्षण 2.5 महीने के बच्चे में नजर आन लगते हैं। इसका इलाज समय पर करना बहुत जरूरी होता है, वरना बच्चे को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

    इस बीमारी का एकमात्र इलाज स्टेम सेल ट्रांसप्लांट है, जो भारत में काफी महंगा और जटिल उपचार है। इस बीमारी को रोकने के लिए इसलिए स्क्रीनिंग जाती है, ताकि समय पर इसका पता चल सके।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Pic Credit: Freepik