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    बरसात के साथ ही मुंबई में बढ़ा फ्लू का कहर, जानें मानसून में Seasonal Flu से कैसे करें बचाव

    Updated: Thu, 27 Jun 2024 05:02 PM (IST)

    मानसून के मौसम का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस दौरान चिलचिलाती धूप और तेज गर्मी से राहत तो मिलती है लेकिन साथ ही कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जात ...और पढ़ें

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    मुंबई के तेजी से बढ़ रहे फ्लू के मामले (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में मानसून ने दस्तक दे दी है और इसी के साथ देश के कई हिस्सों में प्री-मानसून की शुरुआत भी हो चुकी है। बरसात का मौसम कई लोगों का पसंदीदा मौसम होता है। चिलचिलाती धूप और तेज गर्मी से राहत दिलाने वाला मानसून सुहाने मौसम के साथ ही कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। इसी क्रम में इन दिनों मुंबई में बरसात के साथ ही वायरल फ्लू, खासकर डेंगू और स्वाइन फ्लू के मामलों में तेजी से उछाल देखने को मिल रहा है।

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    इस मौसम में फ्लू काफी तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाता है। इसलिए जरूरी है कि इस दौरान सेहतमंद रहने के लिए खुद को इससे बचाकर रखा जाए। अगर आप भी सुरक्षित तरीके से बिना बीमार हुए मानसून का सुहाना मौसम एंजॉय करना चाहते हैं, इसके लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी है। ऐसे में शारदा अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर बता रहे हैं बरसात के मौसम में फ्लू के मामले बढ़ने के कारण और इससे बचाव के तरीके-

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    मानसून में फ्लू के मामले बढ़ने का कारण

    डॉक्टर बताते हैं कि बरसात के मौसम में कई कारकों के कारण फ्लू के मामले अक्सर बढ़ जाते हैं। इनके मुख्य कारणों में ह्यूमिडिटी का बढ़ना और ठंडा तापमान शामिल है, जो इन्फ्लूएंजा वायरस के पनपने और फैलने के लिए एक आदर्श वातावरण बनाते हैं। इसके अलावा, इस दौरान लोग घर के अंदर एक-दूसरे के करीब ज्यादा समय बिताते हैं, जिससे वायरस के ट्रांसमिशन में आसानी होती है।

    फ्लू के सामान्य लक्षण

    फ्लू के सामान्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं-

    • खांसी
    • सिरदर्द
    • तेज बुखार
    • ठंड लगना
    • शरीर में दर्द
    • गले में खरा
    • मतली और उल्टी
    • बहुत ज्यादा थकान
    • बहती या भरी हुई नाक

    फ्लू से बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके-

    • फ्लू इन्फेक्शन को रोकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी साफ-सफाई का ध्यान रखना है।
    • इसके लिए साबुन और पानी से नियमित रूप से हाथ धोएं, विशेष रूप से खांसने या छींकने के बाद ध्यान से हाथ धोएं।
    • साबुन उपलब्ध न होने पर हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
    • अपने चेहरे, विशेषकर आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें, क्योंकि ये वायरस के लिए सामान्य प्रवेश बिंदु होते हैं।
    • दरवाजे के हैंडल, लाइट स्विच और मोबाइल फोन जैसी बार-बार छुई जाने वाली चीजों को सैनिटाइज करते रहें।
    • इसके अलावा फ्लू के मामलों से बचने के लिए एनुअल फ्लू वैक्सीन जरूर लगवाएं।

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