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    अर्थराइटिस की वजह से रिटायरमेंट का मन बना रहीं Saina Nehwal, समझें इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

    Updated: Tue, 03 Sep 2024 06:56 PM (IST)

    भारतीय बैडमिंटन की शान साइना नेहवाल (Saina Nehwal) जल्द ही अपने करियर को अलविदा कह सकती हैं। लंदन ओलंपिक में भारत के लिए पहला बैडमिंटन पदक जीतने वाली साइना अर्थराइटिस (Arthritis) के कारण काफी परेशान हैं। उन्होंने गगन नारंग के हाउस ऑफ ग्लोरी पॉडकास्ट में इस बात का खुलासा किया है। आइए समझें इस बीमारी के कारण लक्षण और बचाव के उपाय।

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    अर्थराइटिस के कारण संन्यास ले सकती हैं Saina Nehwal (Image Source: X)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। गगन नारंग के हाउस ऑफ ग्लोरी पॉडकास्ट में साइना ने बताया कि गठिया के कारण वह पहले की तरह ट्रेनिंग नहीं कर पा रही हैं और उनकी तैयारी पर काफी असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा, "मैं अभी भी खेलना चाहती हूं, लेकिन शरीर साथ नहीं दे रहा है।" उन्होंने यह भी बताया कि वह इस साल के अंत तक अपने भविष्य के बारे में कोई फैसला ले सकती हैं।

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    गगन नारंग के साथ बातचीत में साइना नेहवाल ने बताया, "मुझे गठिया की समस्या है और मेरा कार्टिलेज काफी क्षतिग्रस्त हो गया है। इस वजह से, आठ-नौ घंटे तक लगातार खेलना मेरे लिए बहुत मुश्किल हो गया है। अगर आप सही तरह से तैयारी नहीं करते हैं तो ऐसे में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को कैसे चुनौती दी जा सकती है? मुझे किसी न किसी स्तर पर इस सच्चाई को स्वीकार करना होगा। क्योंकि दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों को टक्कर देने के लिए सिर्फ दो घंटे का अभ्यास पर्याप्त नहीं है।"

    साइना ने अपने करियर में कई उंचाइयां छुई हैं। उन्होंने न सिर्फ लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता, बल्कि वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी भारत के लिए दो पदक जीते। लेकिन, गठिया ने उनके खेल जीवन को काफी प्रभावित किया है।

    अर्थराइटिस, एक आम समस्या है जो लाखों लोगों को प्रभावित करती है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें जोड़ों में सूजन, दर्द, और खिंचाव होता है। यह कई प्रकार का हो सकता है, लेकिन सभी स्थिति में इसके लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं। आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं इसके कारण, लक्षण और बचाव के कुछ उपाय।

    अर्थराइटिस के कारण

    अर्थराइटिस के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं-

    • आनुवंशिक कारक: कुछ लोगों में अर्थराइटिस होने का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि यह पीढ़ी-दर-पीढ़ी में चलता आ रहा है।
    • उम्र: बढ़ती उम्र के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है।
    • मोटापा: ज्यादा वजन होने से जोड़ों पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे अर्थराइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है।
    • संक्रमण: कुछ प्रकार के संक्रमण अर्थराइटिस का कारण बन सकते हैं।
    • ऑटोइम्यून विकार: रूमेटॉइड अर्थराइटिस और सोरायसिस अर्थराइटिस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियां अर्थराइटिस का कारण बन सकती हैं।

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    अर्थराइटिस के लक्षण

    अर्थराइटिस के लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं-

    • जोड़ों में दर्द: यह दर्द हल्का से लेकर गंभीर तक हो सकता है और आमतौर पर मूवमेंट के साथ बढ़ जाता है।
    • सूजन: प्रभावित जोड़ सूज जाते हैं और लाल हो जाते हैं।
    • खिंचाव: जोड़ों में खिंचाव, खासतौर से ऐसा सुबह के समय होता है।
    • सूजन: शरीर के अन्य भागों में सूजन हो सकती है।
    • थकान: अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को अक्सर थकान महसूस होती है।

    अर्थराइटिस से बचाव के तरीके

    वजन काबू में रखें

    वजन ज्यादा होने पर जोड़ों पर दबाव बढ़ जाता है और अर्थराइटिस की समस्या हो सकती है। ऐसे में, बैलेंस डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज काफी जरूरी होती है, जिससे वेट को मैनेज किया जा सकता है।

    रेगुलर एक्सरसाइज

    जोड़ों को लचीला बनाए रखने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज भी काफी जरूरी होती है। इससे मांसपेशियों को मजबूत बनाने और बोन हेल्थ को बेहतर करने में मदद मिलती है और अर्थराइटिस का खतरा कम होता है।

    बैलेंस डाइट

    विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट्स और न्यूट्रिशन से भरपूर डाइट लेने से शरीर को मजबूत बनाने और अर्थराइटिस के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है। ऐसे में, आप ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स जैसे मछली, अखरोट आदि का सेवन कर सकते हैं।

    धूम्रपान से दूरी

    धूम्रपान अर्थराइटिस के जोखिम को बढ़ा सकता है। ऐसे में, इसे छोड़ने से आप अर्थराइटिस के जोखिम को कम कर सकते हैं।

    तनाव कम करें

    तनाव अर्थराइटिस के लक्षणों को बढ़ा सकता है। ऐसे में, योग ध्यान या स्ट्रेस कम करने वाली अन्य गतिविधियों को अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं।

    नियमित जांच करवाएं

    रेगुलर हेल्थ चेकअप से अर्थराइटिस को जल्दी पहचानने और इलाज शुरू करने में मदद मिल सकती है।

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    Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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