भुना चना खाएं या भिगोया हुआ? यहां जानें सेहत के लिहाज से क्या है बेस्ट ऑप्शन
प्रोटीन फाइबर और कई जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर चना सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसे अलग-अलग तरीकों से खाया जाता है लेकिन जब बात सेहत की आती है तो लोग अक्सर कन्फ्यूज हो जाते हैं। ऐसे में आइए यहां आपको बताते हैं कि इसे भूनकर खाना ज्यादा सही है या रात भर भिगोकर सुबह खाने वाला तरीका ज्यादा हेल्दी है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सोचिए, शाम की हल्की भूख लगी है और आपके सामने दो ऑप्शन हैं: एक तरफ क्रिस्पी, चटपटे भुने चने और दूसरी तरफ, सेहत का खजाना माने जाने वाले भिगोए हुए चने। कौन-सा चुनें (Roasted Chana vs Soaked Chana)? यह सवाल हम में से कई लोगों के मन में अक्सर आता है।
दरअसल, चना भारतीय थाली का एक ऐसा सुपरफूड है जो प्रोटीन, फाइबर और ढेरों पोषक तत्वों से भरा है, लेकिन जब बात आती है इसे खाने की, तो अक्सर लोग इस दुविधा में पड़ जाते हैं कि इसे भूनकर खाना ज्यादा फायदेमंद है या भिगोकर (Bhuna Chana vs Bhigoya Chana)? आइए, आज इसी दिलचस्प सवाल का जवाब ढूंढते हैं और समझते हैं कि आपकी सेहत के लिए कौन-सा 'ऑप्शन' सबसे बेहतर है (Best Way To Eat Chana)।
भुना चना
भुना चना, जिसे हम अक्सर स्नैक के तौर पर खाते हैं, हल्का, कुरकुरा और बेहद स्वादिष्ट होता है। इसके फायदों की बात करें, तो यह आपको तुरंत ऊर्जा देता है और इसमें मौजूद प्रोटीन हमारी मांसपेशियों के लिए अच्छा होता है। फाइबर होने के कारण यह पाचन में भी मदद करता है। वहीं, जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं, उनके लिए भी भुना चना एक अच्छा ऑप्शन है, क्योंकि इसे खाने के बाद लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे आप फालतू खाने से बचते हैं।
यह ब्लड शुगर को स्थिर रखने में भी मदद कर सकता है। हालांकि, इसे भूनने की प्रक्रिया में कुछ पोषक तत्वों का हल्का नुकसान हो सकता है और बाजार में मिलने वाले भुने चने में अक्सर नमक ज्यादा होता है, जो सेहत के लिए हमेशा अच्छा नहीं होता।
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भिगोया चना
दूसरी ओर, भिगोया हुआ चना, खासकर जब वह अंकुरित हो जाए, तो पोषण का पावरहाउस बन जाता है। इसे रात भर पानी में भिगोकर सुबह खाना हमारी पुरानी परंपरा का हिस्सा रहा है और इसके अनगिनत हेल्थ बेनिफिट्स हैं। बता दें, भिगोने से चने में मौजूद 'एंटी-न्यूट्रिएंट्स' कम हो जाते हैं, जिससे हमारे शरीर को उसमें मौजूद पोषक तत्वों को सोखने में आसानी होती है। इस प्रक्रिया से विटामिन सी और कुछ बी विटामिन का स्तर भी बढ़ सकता है।
इसके अलावा, भिगोया हुआ चना पचाने में भी आसान होता है, क्योंकि यह नरम हो जाता है और पेट के लिए हल्का महसूस होता है, जिससे गैस या सूजन जैसी समस्याएं कम होती हैं। यह कब्ज से राहत दिलाता है और हमारी गट हेल्थ को बेहतर बनाता है। गर्मियों में भिगोया हुआ चना शरीर को अंदर से ठंडा रखने में भी मदद करता है। बस इसे तैयार करने में थोड़ा समय लगता है और इसे हमेशा ताजा खाना चाहिए।
सेहत के लिए क्या है ज्यादा बेहतर?
अगर हम पोषण और पाचन क्षमता की बात करें, तो भिगोया हुआ चना, खासकर अंकुरित चना, भुने चने से थोड़ा बेहतर माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भिगोने से चने के पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए ज्यादा आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और यह हमारे पाचन तंत्र पर भी हल्का रहता है।
लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि भुना चना खराब है। जी हां, यह भी एक बहुत ही हेल्दी और कम्फर्टेबल स्नैक है, खासकर जब आपको झटपट कुछ खाने की जरूरत हो। अगर आप इसे घर पर कम तेल और नमक के साथ भूनते हैं, तो यह एक बेहतरीन और पौष्टिक ऑप्शन बन जाता है।
किस तरह करें डाइट में शामिल?
आपके लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप दोनों का सेवन करें। जी हां, अपनी सुबह की शुरुआत एक मुट्ठी भिगोए या अंकुरित चने के साथ करें, जो आपको पूरे दिन के लिए एनर्जी देगा और पाचन को दुरुस्त रखेगा। वहीं, शाम की हल्की भूख के लिए या चाय के साथ, आप कम नमक वाला भुना खा सकते हैं, जो कि एक हेल्दी और टेस्टी ऑप्शन है।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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