मधुमेह और मोटापे के लिए रामबाण दवा है हरी मिर्च, जानें क्या कहती है रिसर्च
इसमें कैप्साइसिन नामक तत्व पाया जाता है जो न केवल इसके स्वाद को तीखा करता है बल्कि कई रोगों में यह फायदेमंद है। खासकर वजन कम करने में यह रामबाण दवा है।
दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। भारत के हर एक घर में हरी मिर्च का इस्तेमाल मसाले के रूप में किया जाता है। जबकि आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है, क्योंकि इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि मिर्च की खेती सबसे पहले दक्षिण अमेरिका के देशों में की जाती थी। इसके बाद यह पूरे विश्व में फ़ैल गई।
इसमें कैप्साइसिन नामक तत्व पाया जाता है, जो न केवल इसके स्वाद को तीखा करता है, बल्कि कई रोगों में यह फायदेमंद है। खासकर वजन कम करने में यह रामबाण दवा है। इसके कई प्रकार हैं। शिमला मिर्च भी इसी कुल की एक सदस्य है। मिर्च में केप्सेन्थिन नामक तत्व भी पाया जाता है, जिससे मिर्च का रंग लाल होता है। अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आप रोजाना हरी मिर्च का सेवन कर सकते हैं। आइए हरी मिर्च के फायदे जानते हैं-
वजन कम करने में सहायक
www.researchgate.net के एक रिसर्च अनुसार, हरी मिर्च वजन करने में सक्षम है। इसमें पाया जाना वाला कैप्साइसिन फैट बर्न करने में सहायक है, जिससे बढ़ते वजन से निजात मिल सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो मिर्च खाने से शरीर में ऊष्मा का संचार होता है। यह ऊष्मा फैट बर्न करती है। इसके लिए आप हरी मिर्च, लाल मिर्च अथवा काली मिर्च का सेवन कर सकते हैं। एक बात का अवश्य ध्यान रखें कि सीमित मात्रा में ही हरी मिर्च का सेवन करें। अगर आप अधिक मात्रा में हरी मिर्च का सेवन करते हैं, तो यह आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है।
मधुमेह में भी है लाभकारी
www.researchgate.net के एक रिसर्च में यह भी दावा किया है कि मधुमेह के मरीजों के लिए भी हरी मिर्च दवा समान है। इसके सेवन से मधुमेह के जोखिम को कम किया जा सकता है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि हरी मिर्च में कैप्साइसिन नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर में ग्लूकोज स्तर को सामान्य रखने का काम करता है। इससे रक्त चाप भी नियंत्रित रहता है। अगर आप मधुमेह के मरीज हैं, तो आपको सुबह और शाम खाने के साथ हरी मिर्च का सेवन जरूर करें।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।