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    Red Food Dye बन सकता है कैंसर की वजह, अमेरिका ने लगाया इस्तेमाल पर बैन

    Updated: Thu, 16 Jan 2025 11:12 AM (IST)

    खाने-पीने की कई चीजों में फूड कलर (Red Food Dye) का इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल खाने को और आकर्षक बनाने के लिए किया जाता है। खाने को चटक और आकर्षक रंग देने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि ये इंसानों के लिए कितने सुरक्षित हैं इस पर काफी समय से सवाल उठ रहा है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी बातें।

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    रेड फूड कलर को अमेरिका में किया गया बैन (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी ने खाने की चीजों में इस्तेमाल होने वाले केमिकल कलर रेड डाई नंबर 3 (Red food dye) पर बैन लगा दिया है। यह फैसला स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं (Artificial Food Colors Side Effects), खासकर कैंसर के खतरे को देखते हुए लिया गया है।

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    आपको बता दें कि यह फूड कलर काफी समय से विवादों से घिरा हुआ था, लेकिन फूड इंडस्ट्री में इसका काफी इस्तेमाल किया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग तीन हजार से ज्यादा फूड आइटम्स में इस रंग का इस्तेमाल किया जाता है।

    साल 2022 में एक पिटिशन फाइल की गई थी, जिसमें इस फूड कलर को बैन करने की मांग की गई थी (food safety Tips) । आइए जानें इस मामले से जुड़ी सभी बातें।

    रेड डाई नंबर 3 क्या है?

    रेड डाई नंबर 3 एक आर्टिफिशियल फूड कलर है, जो खाने को आकर्षक बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह कई प्रोसेस्ड फूड आइटम्स, जैसे कि कैंडी, सॉफ्ट ड्रिंक और बेकरी प्रोडक्ट्स में पाया जाता है। यह रंग खाने को चमकदार लाल रंग देता है और उनकी अपील बढ़ाता है।

    यह भी पढ़ें: जाने-अनजाने कर रहे हैं आर्टिफिशियल फूड कलर्स का इस्तेमाल, तो जान लें इसके गंभीर नुकसान

    कैंसर का खतरा क्यों?

    कई अध्ययनों ने रेड डाई नंबर 3 और अन्य आर्टिफिशियल फूड कलर को कैंसर के खतरे से जोड़ा है। जानवरों पर किए गए एक्सपेरिमेंट से पता चला है कि ज्यादा मात्रा में रेड डाई नंबर 3 के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, मनुष्यों में इस संबंध को स्थापित करने के लिए और ज्यादा रिसर्च की जरूरत है।

    और भी देशों में है बैन

    अमेरिका के अलावा और भी कई देशों में इस रेड डाई का इस्तेमाल पर बैन लगा चुके हैं। यूरोपियन यूनियन ने साल 1994 में इस रंग पर बैन लगा दिया है। इसके अलावा, जपान, चीन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने भी इस रंग पर बैन लगाया हुआ है।

    आपको बता दें कि आर्टिफिशियल कलर का काम खाने को सिर्फ आकर्षक बनाना है। इनसे न तो कोई पोषण मिलता है, न खाना लंबे समय तक फ्रेश रहता है। इसलिए इन्हें डाइट से बाहर निकालने में कोई नुकसान नहीं है। इसलिए आप भी कोशिश करें कि आपके खाने में कम से कम फूड कलर का इस्तेमाल हो और अगर इस्तेमाल ही न हो, तो सबसे अच्छा।

    कंज्यूमर क्या कर सकते हैं?

    • लेबल पढ़ें- फूड्स खरीदते समय लेबल को ध्यान से पढ़ें और उन प्रोडक्ट्स को चुनें जिनमें आर्टिफिशियल रंग न हों।
    • नेचुरल फूड्स को प्राथमिकता दें- जितना हो सके नेचुरल चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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