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    आयुर्वेदिक नुस्खों से करें ल्यूकोरिया यानी व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या का जल्द समाधान

    By Priyanka SinghEdited By:
    Updated: Thu, 06 Jan 2022 08:15 AM (IST)

    ल्यूकोरिया में वजाइना से सफेद चिपचिपा डिस्चार्ज होता रहता है जो एक तरह का संक्रमण होता है तो अगर आप भी इस समस्‍या से परेशान हैं तो आज से ही यहां बताए जा रहे आयुर्वेदिक नुस्खों का प्रयोग शुरु कर दें।

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    पेट के निचले हिस्से में हो रहे दर्द से परेशान युवती

    वैसे तो ल्यूकोरिया या व्हाइट डिस्चार्ज सामान्य रूप से लगभग सभी महिलाओं को होता है लेकिन जब यह सामान्य से ज्यादा होने लगे और समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो समय से इसका उपचार करा लेना जरूरी हो जाता है। प्राइवेट पार्ट में जलन, खुजली और बेचैनी किसी बीमारी या संक्रमण का कारण हो सकती है। इस बीमारी से महिलांए खुद को काफी कमजोर और थका हुआ महसूस करती हैं। कई बार तो इस समस्या के कारण पेट और कमर में भयंकर दर्द भी होने लगता है। आयुर्वेदिक वैद्य शकुंतला देवी की मानें तो आयुर्वेद में व्हाइट डिस्चार्ज से नैचुरली राहत पाने के कई उपाय मौजूद हैं। इस समस्या को साफ-सफाई, उचित खान पान पर कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।

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    शकुंतला देवी इस समस्या के इलाज के लिए दो आयुर्वेदिक नुस्खे बता रही हैं। दोनों ही कारगर हैं। एक उपाय में भस्मों का प्रयोग है तो दूसरे में पौधों का-

    - वसंत कुसमाकर रस 10 ग्राम, त्रिवंग भस्म 5 ग्राम, अभ्रक भस्म 5 ग्राम, गिलोय सत 10 ग्राम, प्रवाल पिष्टी 10 ग्राम, मुक्ता पिष्टी 4 ग्राम, गोदन्ती भस्म 10 ग्राम। इन सभी को एक साथ मिला कर अपनी उम्र, रोग व शारीरिक क्षमता के अनुसार वैद्य की सलाह से .25 ग्राम या 1 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम खाली पेट शहद या मलाई के साथ लिया जा सकता है।

    -इसके साथ ही स्त्री रसायन वटी, चंद्र प्रभा वटी इन दोनों ही गोलियों का सेवन खाना खाने के 30 मिऩट बाद करें। (दोनों की एक-एक गोली सुबह और शाम)

    - जिनके लिए भस्मों का प्रयोग मुश्किल है या फिर सलाह के लिए आस-पास कोई वैद्य उपलब्ध नहीं है, वो पौधों का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि इसके सेवन के लिए वैद्य की सलाह की जरुरत नहीं होती है। बला, महाबला, अतिबला और नागबला पौधों के पंचांग से एक मिश्रण तैयार करें। पंचांग का अर्थ है किसी भी पौधे के पांचों भाग मसलन जड़, तना, पत्तियां, बीज और फूल। इन सभी पौधों के पंचांग को पीस कर छान लें। अब इस मिश्रण को पांच ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम खाली पेट दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है।

    - परहेज के तौर पर चाय, कॉफ़ी, तेज़ मिर्च मसले, खटाई व समुद्री नमक का सेवन न करें औषधि जल्द लाभ देंगी।

    - वैसे इस समस्‍या से बचने के लिए आप रोजाना एक मुट्ठी भुने चने का सेवन भी कर सकती हैं। इससे आपके शरीर को आवश्‍यक पोषक तत्‍व मिल जाते हैं। साथ ही भूने चनों में सोखने की क्षमता होती है।

    - समस्या से छुटकारा पाने के लिए वेजिना की साफ-सफाई पर खास ध्यान देना होगा। इसके लिए आप आयुर्वेदिक हर्बल पानी में बैठने या नीम की काढ़े से वेजिना की सफाई जैसी थैरेपी भी ले सकते हैं। शकुंतला देवी त्रिफला वेजाइनल वॉश इस्तेमाल करने की सलाह भी देती हैं।

    - इसे बनाने के लिए दो चम्मच त्रिफला चूर्ण में चुटकी भर हल्दी मिला लें और एक ग्लास पानी में डालकर उबाल लें। जब ये एक चौथाई रह जाए तो इसे ठंडा कर लें और अब इस काढे से वेजिना को कॉटन की मदद से अच्छे से साफ करें। फिटकरी के पानी से भी वेजिना को साफ किया जा सकता है।

    Pic credit- freepik