Pregnancy Risk At Old Age: डायबिटीज की वजह बन सकती है बढ़ती उम्र में प्रेग्नेंसी? जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ
भागदौड़ और व्यस्तता भरे जीवन में युवा अपना करियर बनाने के लिए शादी और प्रेग्नेंसी काफी देरी से कर रहे हैं। ऐसे में बढ़ती उम्र में माता-पिता बनने पर उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जानते हैं इस बारे में क्या है एक्पर्ट्स की राय।

नई दिल्ली, हर्षिता सक्सेना। करियर बनाने और कामयाबी की चाह में इन दिनों युवा शादी और बच्चे जैसी बड़ी जिम्मेदारियों को लेने से बचते नजर आते हैं। इन दिनों अपना लक्ष्य हासिल करने की चाह में ज्यादातर युवा फैमिली प्लानिंग काफी देरी से करते हैं। ऐसे में बढ़ती उम्र के साथ ही शादी और फिर बच्चा करने में उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं बढ़ती उम्र में माता-पिता बने कपल के बच्चों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। ऐसे में बढ़ती उम्र की वजह से प्रेग्नेंसी प्लान करते समय पुरुष और महिलाओं को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इस बारे में जानने के लिए हमने बात की अपोलो हॉस्पिटल की सीनियर कन्सल्टेंट ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. रंजना शर्मा और मैक्स मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल की सीनियर डायरेक्टर और एचओडी डॉ. सुरवीन घुम्मन सिंधू से।
फर्टिलिटी में आती है कमी
डॉ. रंजना शर्मा बताती हैं कि बढ़ती उम्र में माता-पिता बनने की सबसे बड़ी समस्या यह है कि समय के साथ ही लड़कों और लड़कियों में फर्टिलिटी भी कम होती जाती है। लड़कियों के केस में बात करें तो फर्टिलिटी कम होने का मतलब यह है कि उम्र बढ़ने के साथ ही लड़कियों में ओव्यूलेशन कम होने लगता है। एग यानी अंडे की क्वालिटी भी गिर जाती है, जिसकी वजह से फर्टिलाइजेशन में दिक्कतें आने लगती हैं। इसके अलावा बढ़ती उम्र के साथ ही सेहत से जुड़ी कई समस्याएं भी होनी शुरू हो जाती हैं, जैसे इंफेक्शन, टीबी, डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां भी प्रेग्नेंसी में दिक्कतें कर सकती हैं।
बच्चों में डाउन सिंड्रोम का खतरा ज्यादा
वहीं, पुरुषों की बात करें तो महिलाओं की तुलना में उन्हें कम दिक्कतें होती हैं। हालांकि, बढ़ती उम्र में लड़कों में भी स्पर्म की गुणवत्ता घट जाती है, जो माता-पिता बनने में परेशानी बन सकती है। इसके अलावा बढ़ती में माता-पिता बनने पर गर्भपात की संभावना भी काफी बढ़ जाती है। इसके अलावा बढ़ती उम्र में पेरेंट्स बनने वाले कपल के बच्चों को डाउन सिंड्रोम होने का खतरा भी बढ़ जाता है। साथ ही ज्यादा उम्र में मां बनने के दौरान महिलाओं में डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं होने की संभावनाएं भी काफी बढ़ जाती हैं। इन सबके अलावा प्रेग्नेंसी से जुड़ी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
अंडों की संख्या हो जाती है कम
डॉ. सुरवीन घुम्मन सिंधू के मुताबिक बढ़ती उम्र के साथ ही लड़कियों के शरीर में अंडों की संख्या कम होती जाती है। उम्र के साथ ही अंडों में कमी आना भी शुरू हो जाती है, जिसे बाद में फिर किसी भी तरीके से बढ़ाया नहीं जा सकता। ऐसे में कपल को ज्यादा देर तक प्रेग्नेंसी के लिए इंतजार नहीं करना चाहिए। अगर आप 35 साल के हो चुके हैं, तो जल्द से जल्द फैमिली प्लान करनी चाहिए। अगर छह महीने में आप सफल नहीं हो पा रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर्स की मदद लें, क्योंकि अगर उम्र ज्यादा हो गई तो मदद मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा बढ़ती उम्र में अंडों की गुणवत्ता भी काफी गिरती जाती है। ऐसे में बढ़ती उम्र में मां बनीं महिलाओं को विकृत बच्चा होने की संभावना ज्यादा होती है, क्योंकि अंडे की गुणवत्ता अच्छी नहीं होती है।
बढ़ सकती हैं स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां
उम्र बढ़ने के साथ ही अंडे की उम्र भी बढ़ती जाती है और उनकी गुणवत्ता घटती जाती है, जिससे गर्भपात की संभावना काफी ज्यादा होती है। साथ ही बढ़ती उम्र में प्रेग्नेंसी करने पर स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, प्री-टर्म लेबर आदि की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं। वहीं, पुरुषों की बात करें तो बढ़ती उम्र की वजह से लड़कों में स्पर्म का डीएनए खराब हो जाता है। पुरुषों में भले ही स्पर्म की संख्या कम न हों, लेकिन उनके डीएनए में अंदरूनी डिफेक्ट हो जाता है, जिससे इनफर्टिलिटी, गर्भ धारण करने में दिक्कत और गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। खासकर धूम्रपान करने वाले पुरुषों में ऐसी समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।
बढ़ती उम्र में माता-पिता बनने पर रखें इन बातों का ध्यान
- अगर आप बढ़ती उम्र में पेरेंट्स बनने की योजना बना रहे हैं, तो एग रिर्जव चेक करने के लिए एएमएच टेस्ट कराना चाहिए।
- बढ़ती उम्र में अंडों के साथ गर्भाशय भी अबनॉर्मल हो जाता है। ऐसे में एक अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि सब कुछ नॉर्मल है या नहीं।
- एक जनरल हेल्थ चेकअप भी कराना चाहिए, क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ ही हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
- इन सबके अलावा किडनी फंक्शन टेस्ट, लिवर फंक्शन टेस्ट, ब्लड टेस्ट आदि भी ध्यान से कराना चाहिए।
- अगर आप बढ़ती उम्र में माता-पिता बनना चाह रहे हैं, तो एक साइकोलॉजिकल काउंसलिंग भी जरूर करवाएं।
Picture Courtesy: Freepik
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