Poshan Summit 2025: बच्चों को सिखाएं केक और कोला ही खाना नहीं: आशीष सूद
जागरण न्यू मीडिया का हेल्थ विंग onlymyhealth जल्द ही पोषण समिट का तीसरा संस्करण शुरू हो चुका है। इस आयोजन में गट हृदय किडनी और मानसिक स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी। एक्सपर्ट बताएंगे कि कैसे पोषण से शरीर के अंगों को स्वस्थ रखकर लंबी उम्र पाई जा सकती है। समिट का उद्देश्य स्वास्थ्य और पोषण को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाना है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। देश के आम लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से जागरण न्यू मीडिया के हेल्थ विंग onlymyhealth ने Poshan Summit के तीसरे संस्करण के दौरान दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने हमारे आजकल के खान-पान को लेकर चिंता वयक्त की। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री ने एक गहरी चिंता व्यक्त की। मोटापा हमारे लिए चुनौती बन सकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपने तेल का 10 फीसदी कम करना चाहिए। उन्होंने पहले भी चिंता की है। अधिकांश घरों में बाहर से खाना आ रहा है। आधी रात को हम खाना खा रहे हैं। इससे हमारी खान-पान की आदतें प्रभावनित हो रही हैं।
केक और कोला ही नहीं है खाना
मंत्री सूद ने कार्यक्रम के दौरान खाने को लेकर बात करते हुए कहा कि कौन सा खान हेल्दी है और कौन सा खाना सही है। बच्चों को यह भी सिखाया जाएगा कि उनको केक और कोला ही नहीं खाना है। बल्कि सलाद भी खाना है। बच्चों को हेल्थ कार्ड दिया जाएगा। दिल्ली सरकार का साइंस ऑफ लिविंग करिकुलम दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शुरू किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा और हेल्थ को अलग अलग तरीके से रखा गया है। शिक्षा को सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया है। दिल्ली सरकार बच्चों को पढ़ाएगी ही नहीं बल्कि उनको जीना भी सिखाएगी। विकसित भारत की विकसित राजधानी बनने के लिए हमें फिट युवा पीढ़ी को तैयार करना है और उन्हें जिम्मेदार भी बनाना है। नेशनल प्राथमिकता के रूप में हेल्थ को लिया जा रहा है। दिल्ली की युवा पीढ़ी को मानसिक और शारीरिक तौर पर सक्षम बनाने के लिए हमारी सरकार संकल्पित है।
भोजन में विविधता होना जरूरी
Poshan Summit के तीसरे संस्करण के दौरान पूर्व विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भोजन में विविधता होना जरूरी है। आहार, व्यवहार और विचार सबस जुड़डा हुआ है। 20247 का विचार मेरे दहन में आता है कि हमारी जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। हमें अपनी जनसंख्या को भी आहार उपलब्ध कराना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि माइक्रोन्य़ूटेंट्स कम हो रहे हैं। क्योंकि इस समय भूमि का संरक्षण नहीं हो रहा है। ये कोई भी नहबीं कर रहै है। हम पराली को जला रहे हैं, इसी कारण से भूमि को नुकसान हो रहा है। मिट्टी को हम लागातर खराब कर हे हाी। हम मिट्टी का संरक्षम नहीं कर रहे हैं। इसी कारण से हमें खराब भोजन नहीं मिल रहा है।
कार्यक्रम के दौरान पूर्व मंत्री लेखी ने जैन धर्म के बारे में बात करते हुए कहा कि मुझे यहां जैन धर्म की याद आ रही हैं। जहां पर भोजन नहीं खाया जाता है। हमारे समय में पहले कहा जाता था कि सूर्य अस्त के बाद भोजन नहीं करना चाहए। अब विज्ञान भी यह मान रहा है। दिन में एक बार खाना खाया जाता था। कोई भी दस बार खाना नहीं खाता था। हमारे खाने में घी खाया जाता है। आयुर्वेद में यह नियम था कि किचन से उपचार हो जाता था। हमारी दादी नानी ही छोटी मोटी बीमारी में किचन से ही इलाज कर लेते थे। हम लगातार कुकिंग की आर्ट खोते जा रहे हैं।
Poshan Summit के दौरान मीनाक्षी लेखी ने हमारी आजकल की लाइफस्टाइल को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि गुड फूड और अच्छी लाइफस्टाइल जरूरी है। अगर बीमारी आ गई, तो फिर उसका इलाज करते हैं। पहले हमें बचाव करना है। यह हमारे धर्म था कि कैसे हमें स्वस्थ्य रहना है। हमारे विचार बाहर गए और यूनान गए और वहां से फिर वह इलाज के रूप में वापस आए। आज भी मार्डन साइंस 70 फीसदी से ज्यादा मेडिसिन हमें प्लांट से मिलती है। योग हमको स्वस्थ्य रखने में सहायाक है। हमारे गट हेल्थ को अचत्छा रखा जाता है। काली गाजर की कांजी बनाई जाती थी ताकि गट हेल्थ बढ़िया रहे। हमें अपनी जड़ों की ओर लौटना चाहिए।
लेखी ने युवाओं में हार्यअटैक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि हमारे अच्छे बच्चे बाडी बिल्डर बनते हैं। लेकिन वे बाजर से तमाम तरीके की गलत चीजें खा रहे हैं। इसी कारण लोगों को हार्ट अटैक का सामना करना पड़ता है।
डेली रूटीन पर उठाए सवाल
एडवाइसर एवं हेड, पब्लिक हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन, नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर एंड नीति आयोग डॉ. के. मदन गोपाल ने कहा कि मैं देख रहा हूं कि लोग अपनी पूरी ऊर्जा के साथ कर पा रहे हैं। यह बोलना काफी आसान है कि सूरज के उदय के साथ उठो और सूर्य के अस्त के सो जाओ। कितने लोग अपना दिन सूर्य के उगने से पहले शुरू करते हैं।
यह सावाल हमें अपने आप से पूछना चाहिए। हमें अनुशासन का ख्याल रखना चाहिए। हमें खाने और सोने का ख्याल रखना चाहिए। सरकार काफी काम कर रही है। एनीमिया महिलाओं और किशोरों में बढ़ रहा है। तीन सस्टचेंनेबल गोल है - जीरो हंगर, गुड हेल्थ, क्वालिटि एजुकेशन। लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार काफी काम कर रही है।
गट हेल्थ है जरूरी
Poshan Summit के तीसरे संस्करण के दौरान गट हेल्थ को लेकर एक पैनल डिस्कशन का आयोजन कि किया गया। इस दौरान पैनल पर मौजूद विशेषज्ञों ने हमारे रोज के खाने में फाइबर के महत्व के बारे में बताया। विशेषज्ञों ने बताया कि जरूरी नहीं कि हम बाहर का खाना खा रहे हैं, तभी फाइबर की मात्रा कम हो। आमतौर पर देखा गया है कि घर पर बने खाने में भी फाइबर की मात्रा जितनी होनी चाहिए उतनी नहीं है।
आपको बता दें, आज आयोजित हो रहे इस इवेंट में स्वास्थ्य से जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी, जिसके केंद्र में गट, ह्रदय, किडनी और मेंटल हेल्थ शामिल हैं। एक्सपर्ट बताएंगे कि कैसे न्यूट्रिशन की मदद से हम अपने शरीर के अंगों को स्वस्थ रख सकते हैं, और उसे लंबी लाइफ दे सकते हैं। Poshan Summit 3 का मकसद एक्सपर्ट द्वारा इन विषयों पर चर्चा करके लोगों में स्वास्थ्य और पोषण को लेकर संवाद शुरू करना है।
अपने शरीर को बीमारियों से दूर रखने का तरीका क्या है? एक्सपर्ट्स मानते हैं कि एक व्यक्ति मुख्य रूप से दो तरीके से अपने शरीर को स्वस्थ्य रख सकता है - पहला, शारीरिक गतिविधियां या नियमित एक्सरसाइज करना, और दूसरा, ऐसे आहारों का सेवन करना, जिनमें पोषण भरपूर हो और शरीर को सुरक्षा मिले। अगर पोषण सही है तो आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होगा और शरीर को मैक्रोन्यूट्रिएंट्स, विटामिन, मिनरल्स और फाइबर जैसे पौष्टिक तत्व मिलेंगे।
लेकिन इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि भारत में न्यूट्रिशन अवेयरनेस की भारी कमी है। क्या खाना चाहिए, कब खाना चाहिए, संतुलित आहार का मतलब क्या है, माइंडफुल इटिंग करने के फायदे क्या हैं। ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिसके बारे में हर व्यक्ति को विचार करना चाहिए। यह सीधे तौर पर व्यक्ति के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है।
Poshan Summit सीजन 3 में पूर्व विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी स्वास्थ्य के विभिन्न मुद्दों और महिला स्वास्थ्य पर अपने विचार रखे। डॉ. के. मदन गोपाल (एडवाइसर एवं हेड, पब्लिक हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन, नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर एंड नीति आयोग) स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधारों और स्वास्थ्य प्रणालियों को सुदृढ़ बनाने के बारे में अपना एक्सपीरियंस साझा किए।
Poshan Summit 2025 में न्यूट्रिशन, गट हेल्थ, हृदय स्वास्थ्य और महिलाओं व बच्चों की देखभाल में पोषण की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा करने के लिए स्पीकर्स को आमंत्रित किया गया है।
ये स्पीकर्स हैं -
कविता देवगन (न्यूट्रिशन एंड वेलनेस कंसल्टेंट), डॉ. नीरज धमीजा (सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट, सर गंगा राम हॉस्पिटल), डॉ. दिव्या वशिष्ठ (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) टू प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर / फॉर्मर-CEO नेशनल जीनोमिक्स Core-CDFD - सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नॉस्टिक्स), डॉ. रंजन मोदी (सीनियर कंसल्टेंट एंड HOD, कार्डियोलॉजी, सर्वोदय हॉस्पिटल), डॉ. श्वेता खंडेलवाल (वाइस प्रेसिडेंट, सोशल एंड इकॉनॉमिक एम्पावरमेंट प्रैक्टिस, IPE ग्लोबल), स्वाति बथवाल (न्यू मॉम एंड डायटीशियन एंड डायबिटीज एजुकेटर), तान्या मेहरा (मॉम एंड चाइल्ड न्यूट्रिशनिस्ट), प्रिया मलिक (न्यू मॉम, एक्ट्रेस, पोएट एंड स्टोरीटेलर), डॉ. योग्यता वधवा (लैकेटेशन काउंसलर एंड बर्थ एजुकेटर, CK बिरला हॉस्पिटल), सरू मुखर्जी शर्मा (मॉम इन्फ्लुएंसर), जशवीर सिंह (MD, 7 Days Natural), रोहित सचदेवा (ब्रांड एम्बेसडर, 7 Days Natural), डीटी. अंकित अग्रवाल (MD (Ayu), तुलसी आयुर्वेदा), डीटी. विधी चौला (डायटीशियन, फाउंडर – फिजिको डायट क्लिनिक), डीटी. रेणुका डांग (डायटीशियन), डीटी. रश्मि भाटिया (न्यूट्रिशनल साइकोलॉजिस्ट, VIMHANS)। ये विशेषज्ञ दर्शकों के साथ अपना अनुभव और कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करेंगे। इनके द्वारा सुझाए गए उपायों से स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।