आयुर्वेदिक नुस्खे बन रहे लोगों के लिए वरदान, सौगात में मिल रही बेहतर सेहत
आज के समय में आयुर्वेद एक असरदार समाधान के रूप में उभर रहा है जिससे देश-दुनिया के लोग स्वास्थ्य समस्याओं से राहत पा रहे हैं। पतंजलि आयुर्वेद ने परंपरागत आयुर्वेदिक ज्ञान को मॉडर्न वैज्ञानिक रिसर्च से जोड़कर नई दिशा दी है। पतंजलि के आयुर्वेदिक नुस्खे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और किडनी केयर में मददगार हैं। योग और आयुर्वेद मिलकर शारीरिक मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
डिजिटल टीम, नई दिल्ली। आज के समय में लोग सिर्फ बीमारी का इलाज ही नहीं, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में सेहत बनाए रखने के तरीकों की भी तलाश में रहते हैं। ऐसे में आयुर्वेद एक असरदार समाधान के रूप में उभर कर आ रहा है। ऐसे में देश ही नहीं दुनिया भर के लोग अपनी रोज़मर्रा की स्वास्थ्य समस्याओं से राहत पाने के लिए आयुर्वेद की ओर रुख कर रहे हैं। इसी दिशा में पतंजलि आयुर्वेद ने परंपरागत आयुर्वेदिक ज्ञान को मॉडर्न वैज्ञानिक रिसर्च से जोड़कर एक नई दिशा दी है।
आइए जानते हैं कि किस तरह पतंजलि के आयुर्वेदिक नुस्खे और प्रोडक्ट्स हजारों लोगों की सेहत को बदल रहे हैं, और इनकी प्रभावशीलता को साबित करने के क्या वैज्ञानिक प्रमाण हैं।
सूजन कम करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले नुस्खे
पतंजलि के प्रोडक्ट्स में कई तरह की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) के लिए बेहद फायदेमंद हैं। मौसमी एलर्जी, संक्रमण और फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए, हमारे खान-पान में इम्युनिटी बढ़ाने वाले तत्वों को शामिल करना जरूरी है। ऐसी ही कुछ आयुर्वेदिक जड़ी- बूटियां हैं आंवला, गिलोय, घृत, दालचीनी, गंभीरी, पिप्पली, गोखरू पंचांग आदि। NCBI में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, ये हर्ब्स शरीर में सूजन कम करने में असरदार पाए गए हैं।
आधुनिक किडनी केयर के लिए आयुर्वेदिक उपाय
साल 2024 में Scientific Reports नामक अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित शीर्ष 100 शोध पत्रों में पतंजलि का नाम भी शामिल हुआ। इसका कारण था — इसकी एक आयुर्वेदिक संरचना (formulation) को किडनी की परेशानियों को सुधारने में प्रभावी पाया गया। कुछ महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियाँ जैसे अपामार्ग, गोखरू, पुनर्नवामूल, पाषाणभेद, पलाश, वरुण और कसनी किडनी कोशिकाओं को नुकसान से बचाने, ऑक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress) कम करने, माइटोकॉन्ड्रिया के कामकाज को बेहतर बनाने और कोशिकाओं की मृत्यु (cell-death) की प्रक्रिया को नियंत्रित करने में मददगार पाई गईं। ये सभी किडनी हेल्थ को बेहतर करने में सहायक भूमिका निभा सकते हैं।
परंपरा और वैज्ञानिक चिकित्सा का बेजोड़ संगम
यूँ तो पतंजलि के आयुर्वेदिक उत्पादों में इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी-बूटियों के फायदों के काफी सबूत इंटरनेट पर मौजूद हैं, फिर भी ब्रांड अपने दावों को साबित करने के लिए वैज्ञानिक प्रमाण जुटाने पर पूरा ज़ोर देता है। पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन अपने सभी प्रोडक्ट्स के लिए व्यापक रिसर्च और क्लीनिकल ट्रायल करता है। इस फाउंडेशन की लैब्स को सरकारी एजेंसियों द्वारा मान्यता प्राप्त है, जिससे इनोवेशन और लोगों का भरोसा बनाये रखने में मजबूती मिलती है।
संपूर्ण स्वास्थ्य: मन और शरीर का जुड़ाव
योग भले ही आयुर्वेदिक इलाज में न गिना जाता हो, लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य का अहम हिस्सा है जो आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट को बेहतर और प्रभावी बनाता है। आयुर्वेद और योग साथ मिलकर अचूक परिणाम देते हैं जिससे हमारी बीमारी से ठीक होने की गति भी तेज़ हो जाती है। जहां आयुर्वेदिक नुस्खे शारीरिक असर दिखाते हैं, वहीं योग मन, शरीर और आत्मा को संतुलित करता है जिससे संपूर्ण स्वास्थ्य को फायदा मिलता है।
पारंपरिक चिकित्सा पर वैश्विक नजरिया
Journal of Integrative & Complementary Medicine में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे आयुर्वेद को अपनाने से वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और कल्याण में काफी सुधार हो सकता है। इसके लिए ज़रूरी है कि हम आयुर्वेदिक उपचारों को आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं के साथ वैज्ञानिक रूप से मान्यता दिला कर ही शामिल करें और यही पतंजलि की खासियत है।
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में व्यापक वैज्ञानिक रुचि
पतंजलि द्वारा किए गए रिसर्च के अलावा कई अन्य शोध भी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के फायदों का समर्थन करते हैं। NCBI में प्रकाशित एक विश्लेषणात्मक स्टडी में त्रिफला जैसे आयुर्वेदिक मिश्रण के antimicrobial (सूक्ष्मजीव-रोधी), antidiabetic (मधुमेह-रोधी) anti-cancer गुणों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
पतंजलि आयुर्वेद प्राकृतिक उपचार को एक नई परिभाषा दे रहा है, जिसमें प्राचीन आयुर्वेदिक ज्ञान को वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ प्रस्तुत किया जाता है। स्पेशल च्यवनप्राश से लेकर रेनोग्रिट तक, कई ऐसे आयुर्वेदिक नुस्खे और प्रोडक्ट्स हैं जो आम लोगों के लिए कारगर साबित हुए हैं। जैसे-जैसे और रिसर्च की जाएगी, ये आयुर्वेदिक उपाय संपूर्ण स्वास्थ्य और रोग-निवारण की वैश्विक रणनीति का आधार बन सकते हैं।
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