अक्सर कब्ज या डायरिया की प्रॉब्लम भी करती है टाइप-2 डायबिटीज़ की ओर इशारा
लंबे समय से अगर आप डायबिटीज या डायरिया से परेशान हैं तो एक बार अपना चेकअप जरूर करवाएं क्योंकि ये टाइप-2 डायबिटीज के लक्षण भी हो सकते हैं। समय रहते इसे ...और पढ़ें

डायबिटीज है क्या?
डायबिटीज में पैंक्रियाज़ सही मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता। जिसकी वजह से हमारी बॉडी भोजन से मिलने वाले ग्लूकोज़ से एनर्जी नहीं ले पाती और यह ग्लूकोज बल्ड में घुल जाता है। और जब ब्लड में शुगर का लेवल ज्यादा होने लगता है तो शरीर कई तरह की बीमारियों का शिकार होते जाता है। ये पूरी तरह से टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण हैं।
ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी
बार-बार यूरीन आना, मुंह सूखना, घाव का जल्दी न भरना तो शरीर में बढ़ते शुगर लेवल के लक्षण हैं ही लेकिन इसके अलावा एक और ऐसा लक्षण हैं जिसमें आपकी नसों को नुकसान पहुंचता है। इस स्थिति को ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी कहते हैं। जिसका सीधा असर बॉडी फंक्शन पर पड़ता है। इतना ही नहीं इससे बड़ी आंत भी प्रभावित होती है। जिससे कॉन्स्टिपेशन यानि कब्ज़ और डायरिया जैसी समस्याएं बार-बार होती हैं।
तो अगर आप भी इस तरह की समस्याओं से अक्सर परेशान रहते हैं तो एक बार पहले अपना ब्लड शुगर लेवल जरूर चेक कराएं और अगर वो ज्यादा है तो उसे कंट्रोल करने की कोशिश करें। महज दो चीज़ों से ही आसानी से इस प्रॉब्लम को कंट्रोल किया जा सकता है वो है डायट और एक्सरसाइज़। शुगर, कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर चीज़ें डायबिटीज में नुकसानदायक होती हैं।
इन फूड्स से बनाएं दूरी
मीठी चीज़ों को पूरी तरह से अपनी डाइट से कर दें आउट।
सफेद चावल से करें परहेज।
आलू का सेवन भी ना करें।
ऑयली फूड्स और मैदे से बनी चीज़ें करें अवॉयड।
इन फूड्स को करें शामिल
साबुत अनाज, बीन्स और दालों हैं बेहद फायदेमंद।
मौसमी फल और सब्ज़ियां
फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ
इन टिप्स पर भी दें ध्यान
वजन नियंत्रित रखें।
दिन भर में 2-3 लीटर पानी जरूर पीएं।
खाने-पीने से लेकर सोने-उठने तक का शेड्यूल बनाएं।
रोजाना 25-30 मिनट की एक्सरसाइज करें।
कोल्ड ड्रिंक, पैक्ड जूस की जगह ताजे फलों का जूस पीएं।
एल्कोहल पीना भी अवॉयड करें।
बीच-बीच में हेल्थ चेकअप कराते रहें।
Pic credit- freepik

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