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    Covid New Variant: कोविड का नया वेरिएंट Eris कितना घातक? एक्सपर्ट से जानें क्या भारत को परेशान होना चाहिए?

    By Ruhee ParvezEdited By: Ruhee Parvez
    Updated: Wed, 09 Aug 2023 12:44 PM (IST)

    Covid New Variant Eris हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि वायरस समय के साथ म्यूटेट होते हैं इसलिए नए स्ट्रेन आते रहेंगे। कोविड का भी नया स्ट्रेन EG5.1 सामने आया है जिसे एरिस नाम दिया गया है। WHO भी इस पर निगरानी रख रहा है। भारत को भी सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि अब लोगों में पिछले संक्रमण या फिर वैक्सीन से मिली इम्युनीट कमजोर हो रही है।

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    Covid New Variant: कोविड का नया वेरिएंट Eris कितना खतरनाक?

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Covid New Variant Eris: इस वक्त ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट 'एरिस' तेजी से पैर पसार रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एरिस ब्रिटेन में उम्रदराज लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की वजह बन रहा है। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसे लेकर पैनिक करने की जरूरत नहीं है। इस वक्त मामले बढ़ने की वजह पिछले इन्फेक्शन या फिर वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी का कमजोर होना हो सकता है। इसलिए इस नए वेरिएंट से लड़ने के लिए बूस्टर शॉट्स बेहद जरूरी हैं।

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    कितने देशों में मिल चुका है वेरिएंट एरिस?

    कोरोना वायरस का नया वेरिएंट EG.5.1 ओमिक्रॉन का सबवेरिएंट बताया जा रहा है, यानी यह ओमिक्रॉन से आया है। यह वेरिएंट अभी 45 देशों में पाया जा चुका है, और तेजी से फैल भी रहा है। हालांकि, एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह चिंताजनक नहीं है।

    नए वेरिएंट EG.5.1 को एरिस नाम दिया गया है, जो ओमिक्रॉन XBB का सब-वेरिएंट है। ऐसा कहा जा रहा है कि इसकी संक्रामक दर XBB.1.16 से 45 प्रतिशत ज्यादा है। WHO के अनुसार, एरिस का ट्रेंड बढ़ता दिख रहा है, और इसलिए इसे जुलाई में ही वेरिएंट अंडर मॉनीटरिंग की लिस्ट में शामिल कर लिया गया था।

    वेरिएंट एरिस के लक्षण कैसे हैं?

    कोविड-19 के नए वेरिएंट EG.5.1 यानी एरिस के मामले यूके में बढ़े जरूर हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि इसके लक्षण फ्लू की तरह के ही हैं और हल्के हैं। एरिस के लक्षण भी काफी कुछ ओमिक्रॉन की तरह के ही हैं:

    • नाक बहना
    • सिर दर्द
    • हल्की या अधिक कमजोरी
    • छींकें आना
    • गले में खराश

    भारत में कोविड संक्रमण फैलने का कितना खतरा?

    फोर्टिस अस्पताल शालीमार बाग में आंतरिक चिकित्सा की डायरेक्टर, डॉ. विनीता तनेजा ने बताया, " यूके में जिस तेजी से एरिस वेरिएंट फैल रहा है, इससे दुनिया भर में चिंता बढ़ी है। जिस तरह यह संक्रमण तेजी से दुनियाभर में फैलता है, उसे देखते हुए भारत में भी इस पर कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है। हालांकि, कोविड वैक्सीन काफी हद तक गंभीर इन्फेक्शन से बचाने का काम करती है, लेकिन एरिस जैसे वेरिएंट वैक्सीन को भी चुनौती दे सकते हैं। इसलिए वेरिएंट पर कड़ी नजर रखना जरूरी है, जिससे दुनियाभर में इसे फैलने से रोका जा सकता है।

    भारत की बड़ी आबादी और भीड़भाड़ वाले इलाकों में संक्रमण तेजी से फैल सकता है, इसलिए समय पर टेस्टिंग के साथ वैक्सीनेशन लगवाना भी जरूरी है। हालांकि, इस वक्त वेरिएंट एरिस चिंताजनक नहीं है, लेकिन फिर भी सावधान रहने की जरूरत है। "

    नए वेरिएंट से कैसे बचा जा सकता है?

    डॉ. त्रिभुवन गुलाटी (दिल्ली के सीके बिड़ला अस्पताल में मधुमेह, मोटापा और आंतरिक चिकित्सा के प्रमुख सलाहकार) ने बताया, " जैसा कि आपने पहले भी सुना होगा कि बचाव ही सबसे बड़ा और आसान इलाज होता है। ऐसा ही कुछ कोविड के साथ भी है।" नए वेरिएंट एरिस से बचने के लिए नीचे बताई गई बातों का ख्याल रखें:

    • भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से दूरी बनाएं।
    • अगर बीमार हैं, तो परिवार से अलग होकर एक अलग कमरे में रहें और बाहर किसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग न करें।
    • दिन में हाथों को कई बार कम से कम 20 सेकंड के लिए धोएं। खासकर बाहर से आने के बाद, खाना खाने से पहले या दूषित सतह को छूने के बाद।
    • घर से बाहर निकलने पर मास्क जरूर पहनें।
    • इम्युनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करें, अच्छी डाइट लें।

    इन आसान गाइडलाइन्स को फॉलो करें और चिंता कम करें।

    Picture Courtesy: Freepik