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    Natural treatments for PCOS: दवाइयों के अलावा ये उपाय भी साबित हो सकते हैं मददगार PCOS से निपटने में

    By Priyanka SinghEdited By: Priyanka Singh
    Updated: Mon, 06 Mar 2023 11:13 AM (IST)

    Natural treatments for PCOS क्या आप जानते हैं गर्भधारण की उम्र वाली 10 में से 1 महिला पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) की समस्या से पीड़ित होती हैं जो आपकी सेहत क अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करती है तो इससे काफी हद तक राहत दिला सकते हैं ये आसान उपाय।

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    Natural treatments for PCOS: पीसीओएस की समस्या से निपटने के मददगार टिप्स

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Natural treatments for PCOS: पीसीओएस महिलाओं में सबसे आमतौर पर पाई जाने वाली हार्मोन असंतुलन की बीमारी है। वैसे तो पीसीओएस का निदान 20-30 वर्ष या 30-40 वर्षों के बीच होता है, लेकिन यह प्‍यूबर्टी के बाद कभी भी हो सकता है। आपको मुंहासों की बहुत ज्यादा समस्या, अनियमित माहवारी, अवांछित बालों का उग आना और मोटापे जैसी समस्याओं का अनुभव हो सकता

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    है ये सभी पीसीओएस के लक्षण हैं। हर महिला में पीसीओएस के लक्षण अलग हो सकते हैं। कुछ महिलाओं में पहली माहवारी के दौरान यह लक्षण दिख सकते हैं जबकि अन्य महिलाओं को इसके बारे में बाद में पता चलता है जब उन्हें गर्भधारण करने में समस्याएं आती हैं। अगर इसका उपचार नहीं किया जाए तो पीसीओएस के कारण बांझपन (इन्फर्टिलिटी), गर्भधारण करने में परेशानी और ज़्यादा उम्र की महिलाओं में गर्भस्त्राव का खतरा हो सकता है।

    दुनिया में 10 मिलियन (1 करोड़) से ज़्यादा महिलाओं को प्रभावित करने वाली हार्मोन असंतुलन की इस बीमारी का इसलिए उपचार नहीं हो पाता है क्योंकि ज़्यादातर मामलों में इसमें कोई दर्द नहीं होता है। हम केवल तभी डॉक्टर के पास जाते हैं जब माहवारी की अनियमितता हमारे शरीर पर असर डालना शुरू करती है और हमारा वज़न बढ़ने लगता है या जब हम गर्भधारण नहीं कर पाते हैं।

    यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन ( रास्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान) द्वारा पीसीओएस की समस्या से पीड़ित महिलाओं और उनकी माताओं या बहनों जैसे करीबी रिश्तेदारों पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार यह पाया गया कि 67% माताएं और 87% बहनें भी प्रभावित रही हैं। वास्तव में, यह कहा गया है कि पीसीओएस मरीज़ों के 61% करीबी महिला रिश्तेदारों में इस समस्या से पीड़ित होने की संभावना होती है। सबसे ज़्यादा चौंकाने वाली और चिंता की बात यह है कि अध्ययनों में यह पाया गया है कि जीन्स का एक समूह इस बीमारी के लिए ज़िम्मेदार है, लेकिन अनुसंधानकर्ता और वैज्ञानिक सटीक रूप से यह अनुमान नहीं लगा सकते कि परिवार के कौन से सदस्य को यह बीमारी अनुवांशिक रूप में मिलेगी और किसे नहीं और इसी वजह से पीसीओएस उपचार की सबसे परंपरागत पद्धतियां सटीक रूप से इस समस्या का समाधान नहीं ढूंढ पाई हैं।

    पीसीओएस आपके शरीर को कैसे प्रभावित करती है?

    पीसीओएस बीमारी के सही कारणों का अभी तक सही तरीके से पता नहीं चल पाया है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि हार्मोन

    असंतुलन और पारिवारिक इतिहास (अनुवांशिक) इसके लिए ज़िम्मेदार हैं। पुरूष हॉर्मोन (एंड्रोजन्स) के उच्च स्तर के कारण:

    * पोलिसिस्टिक ओवरीज़ ( अंडाशय/डिंबग्रंथि) –बढ़ी हुई ओवरीज़ जो सही तरीके से काम करने में विफल होती हैं।

    * सिस्ट (गांठ/पुटि) का गठन – ओवरीज़ द्वव्य का छोटा संकलन विकसित कर सकती है और नियमित रूप से अंडे रिलीज़ नहीं कर पाती हैं।

    * इन्सुलिन का उच्च स्तर – इन्सुलिन के आवश्यकता से ज्यादा स्तर में होने से एंड्रोजन निर्माण में वृद्धि होती है जिससे अंडोत्सर्ग (ओवुलेशन) में समस्या आती है।

    पीसीओएस के लिए होमियोपैथी

    होमियोपैथी किसी भी बीमारी के मूल कारण पर ध्यान केंद्रित करती है और हार्मोन अंसंतुलन को सही करने, अंडोत्सर्ग (ओवुलेशन) को नियमित करने के साथ साथ माहवारी को सामान्य करने की दिशा में कार्य करती है। पीसीओएस के लिए होमियोपैथी एक वैयक्तीकृत उपचार है और इसलिए यह प्रभावी रूप से मूल कारणों पर उपचार करती है और इसके साथ ही प्रभावी रूप से पीसीओएस से संबंधित लक्षणों के उपचार में भी सहायता करती है।

    पीसीओएस और इससे जुड़ी शिकायतों के उपचार के लिए कुछ होमियोपैथिक उपचार इस प्रकार है:

    - बालों का झड़ना और पीसीओएस: वेस्बाडेन, पल्साटिला, ग्रेफाइटिस

    - मुंहासे और पीसीओएस: बर्बेरिस एक्वाफोलियम, फॉस्फोरस, साइलेशिया, सल्फर, कैल्केरिया-सल्फ, बोराक्स, हेपर-सल्फ, काली-ब्रोम

    - बांझपन (इन्फर्टिलिटी): पल्साटिला, सीपिया, टेरान्टुला, एपिस, लाइकोपोडियम, लाचेसिस

    (कृपया अपने आप दवाइयों का सेवन न करें। उचित खुराक और उपचार की अवधि के लिए किसी होमियोपैथी

    डॉक्टर से परामर्श करें।)

    स्वयं-देखभाल के लिए टिप्स

    दवाइयों के अलावा, पीसीओएस की समस्या से निपटने के लिए यहां स्वयं-देखभाल के लिए कुछ सूचनाएं दी गई हैं:

    - व्यायाम: इससे अतिरिक्त फैट (चर्बी) को कम करने में सहायता मिलती है। अतिरिक्त फैट अधिक एस्ट्रोजन का निर्माण कर सकता है जिससे हार्मोन असंतुलन पैदा हो सकता है। शरीर के वज़न को 5- 10% कम करने से भी लक्षणों को ठीक करने और मासिक चक्र को नियमित करने में सहायता मिलेगी।

    - डाइट: प्रोसेस्‍ड शुगर और मैदा का सेवन करने से बचें। सेहतमंद फैट (वसा), प्रोटीन, हरी सब्ज़ियां, अनाज, नट्स, बीज और फलियों के संतुलित आहार का सेवन करें।

    - शराब का सेवन और धूम्रपान करने से बचें: धूम्रपान करने और शराब के सेवन से हार्मोन असंतुलन की समस्या हो सकती है जो पीसीओएस को अधिक गंभीर बना सकती है।

    तो इन सभी चीज़ों का ध्यान रखकर आप पीसीओएस की समस्या से आसानी से निपट सकती हैं और हेल्दी लाइफ जी सकती हैं। 

    (डॉ. बिंदु शर्मा, डायरेक्टर मेडिकल सर्विसेज़, Dr Batra's healthcare से बातचीत पर आधारित)

    Pic credit- freepik