National Fibromyalgia Awareness Day: फाइब्रोमायल्जिया में होने वाले दर्द से बहुत जल्द राहत दिलाते हैं ये 5 आसन
National Fibromyalgia Awareness Day आज यानी 12 मई का दिन फाइब्रोमायल्जिया अवेयरनेस डे के तौर पर मनाया जाता है जिस दिन लोगों को इस बीमारी और इसकी गंभीरता के प्रति जागरूक किया जाता है। तो फाइब्रोमायल्जिया से निपटने में कुछ खास आसन भी हो सकते हैं काफी मददगार।

नई दिल्ली, प्रियंका सिंह। National Fibromyalgia Awareness Day: फाइब्रोमायल्जिया, एक ऐसी स्थिति है जिसमें मसल्स में बहुत दर्द रहता है और लगभग हमेशा ही बना रहता है। इस वजह से लोगों को नींद न आने, स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। फाइब्रोमायल्जिया के कारणों का तो ठीक तरीके से पता नहीं चल पाया है लेकिन लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलावों से काफी हद तक इस दर्द व तकलीफ से राहत पाया जा सकता है।फाइब्रोमायल्जिया से निपटने में कुछ खास तरह के योग बेहद मददगार साबित हो सकते हैं, तो जान लें कौन-कौन से आसन हैं इस लिस्ट में शामिल।
उत्तानासन
उत्तानासन, जिसे पादहस्तासन भी कहा जाता है। ये आसन हैमस्ट्रिंग, पिंडलियों और हिप्स के लिए बहुत ही अच्छा आसन है, जिससे इन सबकी एक साथ स्ट्रेचिंग हो जाती है। ये आसन उन लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद है, जो लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठकर काम करते हैं। रोजाना इस आसन के अभ्यास से पैर और पीठ भी मजबूत होता है। उत्तानासन पूरे शरीर में ब्लड के सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाता है। फेफड़ों के कामकाज में सुधार करने और ब्रीदिंग प्रॉब्लम दूर करने में भी असरदार है। फाइब्रोमाइल्जिया की वजह से अगर आप बहुत ज्यादा तनाव में रहते हैं, तो ये उसे भी दूर करता है।
बालासन
बालासन एक बहुत ही रिलैक्सिंग पोज़ है और फाइब्रोमाइल्जिया से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए बेहद फायदेमंद। इस आसन को करने से कमर, गर्दन के साथ पीठ दर्द दूर होता है और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। बालासन शरीर की थकान दूर करता है। तनाव कम करता है और माइंड को रिलैक्स करता है। यहां तक कि डिप्रेशन से निपटने में भी बेहद कारगर है यह आसन।
भुजंगासन
भुजंगासन के अभ्यास से फाइब्रोमाइल्जिया की वजह से होने वाले गर्दन, पीठ, जाघों के दर्द में काफी आराम मिलता है। साइटिका पेन दूर करने में भी ये आसान काफी असरदार है। रोजाना 4 से 5 बार इसे करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होने लगती है। कंधों के साथ चेस्ट और पेट की भी स्ट्रेचिंग होती है जिससे ये अंग मजबूत, टोन्ड होते हैं और यहां का फैट भी कम होता है।
वीरभ्रदासन 2
वीरभद्रासन 2 बॉडी के बैलेंस को सुधारता है और स्टैमिना बढ़ाता है। हाथ, पीठ और जाघों की मसल्स इसे करते वक्त इंगेज रहती है जिससे मसल्स पेन दूर होता है। इसके साथ ही ये आसन कैलोरी बर्न करने का भी काम करता है।
विपरीतकरणी
फाइब्रोमायल्जिया की वजह से होने वाले तनाव व थकान को दूर करने के लिए इस आसन को करें अपने रूटीन में शामिल। इस आसन को करने से लोअर बॉडी में ब्लड का सर्कुलेशन सही तरीके से होता है, जिससे कई अंग अपना काम सुचारू रूप से कर पाते हैं।
Pic credit- ps_yogasana/Instagram
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।